नई दिल्ली, 27 फरवरी (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में फर्म- एनजीएचआई डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड और उसके समूह की अन्य कंपनियों की 4.15 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत ईडी, जालंधर द्वारा इस संबंध में जांच शुरू की गई थी।
फर्म के साथ-साथ कंपनियों के समूह पर पोंजी स्कीम के साथ आने का आरोप लगाया गया है, जिससे पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में हजारों निवेशक प्रभावित हुए हैं। ईडी द्वारा की गई पूछताछ से पता चला कि कंपनी के निदेशक पीपल सिंह और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में कई प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।
पीपल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन उच्च न्यायालय ने उसे जमानत दे दी थी, क्योंकि उसने वादा किया था कि वह निवेशकों को पैसा लौटा देगा। हालांकि, उन्होंने पैसे कभी नहीं लौटाए। एक अधिकारी ने कहा, उसे पंजाब की एक अदालत ने भगोड़ा अपराधी घोषित किया है। ईडी द्वारा की गई जांच से पता चला है कि मुख्य आरोपी सिंह और उसके सहयोगियों ने कई कंपनियों का गठन किया था।
अपराध की आय को डायवर्ट किया गया और एनजीएचआई डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड और अन्य समूह की कंपनियों के नाम पर पंजाब, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में खरीदी गई विभिन्न अचल संपत्तियों में लगाया गया।
–आईएएनएस
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