नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली में मंगलवार को ईपीएफ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की 233वीं बैठक हुई। केंद्रीय बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सदस्यों के खातों में ईपीएफ संचयों पर 8.15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर जमा करने की अनुशंसा की है। वित्त मंत्रालय के अनुमोदन के बाद सरकारी राजपत्र में ब्याज दर को आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया जाएगा, जिसके बाद ईपीएफओ अपने ग्राहकों के खातों में ब्याज दर जमा करेगा।
श्रम और रोजगार मंत्रालय के मुताबिक सीबीटी ने सुरक्षा उपायों के लिए विकास और अधिशेष निधि दोनों को संतुलित करने वाली राशि की अनुशंसा की है। 8.15 प्रतिशत की अनुशंसित ब्याज दर अधिशेष की सुरक्षा के साथ-साथ सदस्यों की आय में वृद्धि की गारंटी देती है। 8.15 प्रतिशत की ब्याज दर और 663.91 करोड़ का अधिशेष पिछले वर्ष की ब्याज दर की तुलना में अधिक है।
बोर्ड की अनुशंसा में लगभग 11 लाख करोड़ रुपये की कुल मूल राशि पर सदस्यों के खाते में 90,000 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण शामिल है, जो वित्तीय वर्ष 2021-22 में क्रमश 77,424.84 करोड़ रुपये और 9.56 लाख करोड़ रुपये थे। वितरित किए जाने के लिए अनुशंसित कुल आय अब तक की सर्वाधिक है। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में आय और मूल राशि में वृद्धि क्रमश 16 प्रतिशत और 15 प्रतिशत से अधिक है।
ईपीएफओ पिछले कुछ वर्षों में न्यूनतम क्रेडिट जोखिम के साथ विभिन्न आर्थिक चक्रों के माध्यम से अपने सदस्यों को उच्च आय वितरित करने में सक्षम रहा है। ईपीएफओ निवेश के क्रेडिट प्रोफाइल को ध्यान में रखते हुए ईपीएफओ की ब्याज दर ग्राहकों के लिए उपलब्ध अन्य तुलनीय निवेश विकल्पों की तुलना में अधिक है। ईपीएफओ ने सावधानी और विकास के ²ष्टिकोण के साथ मूलधन की सुरक्षा और संरक्षण पर सबसे अधिक बल देते हुए निवेश के प्रति युक्तिसंगत और संतुलित ²ष्टिकोण का निरंतर पालन किया है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय का कहना है कि सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा संगठन में से एक होने के नाते ईपीएफओ इक्विटी और पूंजी बाजार में अस्थिरता की अवधि के दौरान भी अपने ग्राहकों को उच्च आश्वस्त ब्याज दर उपलब्ध कराने के द्वारा अपने उद्देश्य के प्रति सच्चा रहा है। ईपीएफओ द्वारा अपनाए गए निवेश के संकीर्ण लेकिन प्रगतिशील ²ष्टिकोण के मिश्रण ने इसे पीएफ सदस्यों के लिए एक बुद्धिमतापूर्ण विकल्प बना दिया है।
–आईएएनएस
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