नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने, रोडमैप और इससे जुड़ी रणनीतियों पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला में उच्च और तकनीकी शिक्षा पर भी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी।
12 नवंबर (मंगलवार) से शुरू होने वाली यह दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला दिल्ली में आयोजित की जा रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस कार्यशाला का मकसद एनईपी 2020 को लागू करने के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों और पद्धतियों का प्रसार करना है।
एनईपी 2020 के प्रभावी और सुचारू लागू (कार्यान्वयन) के लिए सभी हितधारकों को एक साथ आने तथा नेटवर्क बनाने के लिए एक साझा मंच प्रदान किया जाएगा। कार्यशाला में एक अधिक मजबूत, समावेशी और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी शिक्षा प्रणाली के लिए मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। उच्च शिक्षा विभाग के केंद्रीय सचिव के. संजय मूर्ति, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव, शिक्षाविद, विभिन्न संस्थानों के प्रमुख भी यहां मौजूद होंगे।
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि एनईपी 2020 को अपनाने से राज्यों की उच्च शिक्षा प्रणालियों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। यह अधिक कुशल कार्यबल तैयार करके, निवेश आकर्षित करके तथा विकास को बढ़ावा देते हुए आर्थिक विकास को रफ्तार दे सकता है। इसके अलावा शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि उच्च शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ जोड़कर, यह राज्यों की शिक्षा प्रणालियों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाता है। संभावित रूप से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों और सहयोग को आकर्षित करता है।
अनुसंधान पर नीति का जोर और बहु-विषयक नजरिया, राज्यों के भीतर नवाचार के माहौल को बढ़ावा देता है, जिससे तकनीकी प्रगति और आर्थिक लाभ मिलता है। दरअसल, उच्च शिक्षा में एनईपी 2020 के सफल कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकारों की सक्रिय भागीदारी और प्रतिबद्धता जरूरी है।
केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर और राज्य की नीतियों को एनईपी 2020 के साथ जोड़कर, राज्यों के पास अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करते शिक्षा प्रणालियों को बदलने का अवसर है। इस दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान, एनईपी 2020 कार्यान्वयन, चुनौतियां और रोडमैप विषयों पर 14 तकनीकी सत्र होंगे।
–आईएएनएस
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