नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। शिक्षा को लेकर भारत और ऑस्ट्रेलिया लगातार एक दूसरे के संपर्क में है। दोनों देशों के बीच यह महत्वपूर्ण संपर्क खासतौर पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देखा जा सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में इसी आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री, जेसन क्लेयर मंगलवार को नई दिल्ली पहुंचे। ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री अपने भारत दौरे के दौरान शिक्षा को लेकर महत्वपूर्ण समझौते करने जा रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री अपने भारत दौरे के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात करेंगे। ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर भारतीय शिक्षा मंत्री के साथ शिक्षा क्षेत्र में भारत के द्विपक्षीय संबंधों को और गति प्रदान करने के लिए एक छात्र जुड़ाव कार्यक्रम और बैठकों की श्रृंखला में भाग लेंगे।
जेसन क्लेयर 28 फरवरी से 3 मार्च, 2023 तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं। अपनी भारत यात्रा को लेकर उन्होंने बताया कि इस सप्ताह मैं हमारी संस्थागत साझेदारी को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्च शिक्षा के लीडर्स के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करूंगा। यह यात्रा भारतीय शिक्षा मंत्री और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की पिछले साल ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर आधारित है।
गौरतलब है कि बीते वर्ष भारत के शिक्षा मंत्री ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था जहां दोनों देशों के बीच उच्च शिक्षा को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा हुई थी। ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री के मुताबिक इस सप्ताह की यात्रा के दौरान, केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान और वह मेकैनिज्म फॉर म्यूच्यूअल रिकॉग्निशन ऑफ क्वालिफिकेशन पर हस्ताक्षर करेंगे। ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री के मुताबिक यह दोनों देशों में शिक्षा तक पहुंच के लिए पारस्परिक मान्यता के नियमों को तय करने वाला कदम है।
ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री का यह भी कहना है कि यह भारत द्वारा किसी अन्य देश के साथ किया गया सबसे व्यापक और सबसे अनुकूल मान्यता समझौता होगा और दोनों देशों के बीच छात्र गतिशीलता को बढ़ाएगा। मोदी सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 2035 तक 50 प्रतिशत युवा भारतीयों को उच्च शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा में लाने का लक्ष्य है। भारत के लिए यह शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव का समय है, और ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा प्रदाताओं के लिए भारत के साथ सहयोग करने के लिए और अधिक करने का एक वास्तविक अवसर है।
–आईएएनएस
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