भोपाल 17 नवंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हर हिस्से में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में 21 नवंबर को उज्जैन में मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन होने वाला है। मेडिकल काॅलेज वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिहाज से अहम होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और व्यापक बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी क्रम में 21 नवंबर को मेडिकल काॅलेज का भूमिपूजन होने वाला है। सिंहस्थ-2028 की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए प्रोजेक्ट को प्राथमिकता से पूर्ण किया जाएगा। इससे उज्जैन और आसपास के जिलों के मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी ।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 2003 तक प्रदेश में केवल पांच शासकीय मेडिकल कॉलेज थे, जो अब बढ़कर 17 हो चुके हैं। प्रदेश में एमबीबीएस सीटें भी 720 से बढ़कर 2,575 हो गई हैं। श्योपुर, सिंगरौली, मंडला और राजगढ़ में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ छतरपुर, दमोह और बुधनी में स्ववित्तीय अनुदान से मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। साथ ही 12 अन्य जिलों में सार्वजनिक जनभागीदारी नीति के तहत मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से एमबीबीएस सीटों में 2,000 से अधिक की वृद्धि होगी। भोपाल और ग्वालियर में अस्पताल की बेड कैपेसिटी को 2,500 तक बढ़ाने के साथ-साथ इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में सुपरस्पेशलिटी अस्पताल संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जबलपुर में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन और इंदौर में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई जैसी योजनाएं प्रदेश को चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणी बना रही हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 14 मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। वर्तमान में 24 शासकीय नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं, जो जल्द ही 37 हो जाएंगे।
–आईएएनएस
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