भुवनेश्वर, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। ओडिशा विधानसभा में शनिवार को विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) के विधायकों के हंगामे के कारण एक घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। बीजद विधायकों ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से पूर्व बीजद सरकार के दौरान सरकारी भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं पर स्पष्टीकरण मांगा।
मुख्यमंत्री माझी ने शुक्रवार को विधानसभा में ओडिशा सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 पेश करते हुए यह आरोप लगाया था कि पिछली बीजद सरकार के समय सरकारी भर्ती में व्यापक अनियमितताएं हुई थीं और लाखों रुपये में नौकरियां बेची गई थीं। इस पर भारतीय जनता पार्टी विधायक अशोक मोहंती ने बीजद पर पुराने सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ कनेक्शन होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इसलिए बीजद नहीं चाहती कि लोगों को नौकरी मिले।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “पिछली सरकार में जो भर्ती की नीति थी, वह गलत थी। इसके तहत महल मानदा नाम के व्यक्ति को बिना किसी उचित प्रक्रिया के भर्ती किया गया। वह महल मानदा नाम का व्यक्ति कौन था? उसे एडमिट कार्ड कैसे मिला, कैसे उसे चुना गया, उसने परीक्षा और इंटरव्यू कैसे दिया, इन सभी बातों को लोगों के सामने लाना चाहिए। मुख्यमंत्री का बयान बिल्कुल सही है।”
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में नौकरियां बिक रही थीं । तीस लाख रुपये में पूरी नौकरी बिक रही थी। हम पूछते हैं कि वह व्यक्ति कौन था? उसने इंटरव्यू कैसे दिया? कितने पैसे लेकर उसे इंटरव्यू देने के लिए एडमिट किया गया? पहले इन सवालों का जवाब दें।
उन्होंने आगे कहा, “बीजद कभी हाउस चलाने भी नहीं देती। उड़ीसा में लाखों पढ़े-लिखे युवक हैं, जो गरीब हैं और उनका सपना है कि वे अच्छे से पढ़-लिखकर एक नौकरी पाएं, लेकिन उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। हमारी सरकार ने 1.5 लाख नौकरी देने का लक्ष्य तय किया है और अब तक 20,000 नौकरियां दी हैं। 16,000 लोगों को नियुक्ति दे दी। आगे 6000 डॉक्टरों को नियुक्ति दी जाएगी। यह प्रक्रिया अभी जारी है। इस प्रक्रिया को साफ करने के लिए मुख्यमंत्री ने बिल पेश किया, जो पास भी हो गया।”
–आईएएनएस
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