रुद्रप्रयाग, 3 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में ठंड अपना कहर बरपा रही है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी और बारिश न होने के कारण सूखी ठंड से लोग परेशान हैं। बारिश और बर्फबारी न होने से जंगलों में आग की घटनाएं भी होने लगी है।
इन दिनों मदमहेश्वर घाटी के जंगल आग की चपेट में हैं। मौसम के अनुकूल बर्फबारी न होने से बुरूवा भेंटी के जंगल भीषण आग की चपेट में आ गए हैं। जंगलों में भीषण आग लगने से वन संपदा को नुकसान पहुंच रहा है और वन्यजीव-जन्तुओं के जीवन पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। अगर आग को बुझाया नहीं गया तो पूरा जंगल आग की भेंट चढ़ जाएगा।
वहीं बुरूवा भेंटी के जंगलों की आग बढ़ते बढ़ते टिगरी होते हुए सोन पर्वत के अंचल में बसे सुरम्य मखमली बुग्यालों तक पहुंच सकती है। हालांकि वन विभाग की सात सदस्यीय दल ने अधिकांश हिस्सों में लगी आग पर काबू पा लिया है। लेकिन वन कर्मियों को एक तरफ चट्टान होने से आग पर काबू पाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल, सोमवार की रात को मदमहेश्वर के बुरूवा भेंटी के जंगलों में आग लगी थी। आग दो दिनों से लगी हुई है और लगातार फैलती जा रही है। इस आग से करोड़ों की वन संपदा को भी भारी नुकसान हो रहा है।
बुरूवा भेंटी के जंगलों में लगी भीषण आग पर अगर जल्द काबू नहीं पाया गया तो ये आग टिगंरी होते हुए सोन पर्वत के अंचल में बसे सुरम्य मखमली बुग्यालों में पहुंच सकती है, जिससे कुखणी, माखुणी जया, विजया, केतकी, अतीश, कुटकी, रातों की रानी सहित दो दर्जन से अधिक प्रजाति की बेस कीमती जड़ी-बूटियों को भारी नुकसान पहुंच सकता है।
जंगल में लगी आग का कारण जनवरी में नहीं हुई बर्फबारी और बारिश को माना जा रहा है।
केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के अनुभाग वीर सिंह बिष्ट ने बताया कि बुरूवा भेंटी के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए 7 सदस्यीय एक टीम का गठन किया गया है। दल ने अधिकांश हिस्सों में लगी आग पर काबू पा लिया है। लेकिन वन कर्मियों को एक तरफ चट्टान होने से कई जगह आग पर काबू पाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी