देहरादून, 13 जनवरी (आईएएनएस)। नौकरियों का सौदागर संजीव चतुवेर्दी उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में रहकर वर्ष 2018 से भर्तियों में खेल करता आ रहा है। एसटीएफ की जांच में लेखपाल पटवारी भर्ती के अलावा तीन अन्य भर्तियों के पेपर लीक कर बेचने की पुष्टि हो चुकी है। इनमें जेई, एई और प्रवक्ता भर्तियां शामिल हैं। इनके पेपर के लिए संजीव पर 30 से 50 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी लेने का आरोप है। एसटीएफ इन भर्तियों में हुए खेल का भी जल्द खुलासा कर सकती है।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ की गिरफ्त में आते ही संजीव चतुवेर्दी ने अपने सारे काले कारनामे तोते की तरह उगल दिए। उसने बताया कि उसने सिर्फ यही पेपर लीक नहीं कराया था बल्कि यह काम तो वह बीते चार साल से करता आ रहा है। जितना उसे याद था, उसमें से उसने तीन भर्तियों के नाम लिए। इनमें अवर अभियंता (जेई), सहायक अभियंता (एई) और प्रवक्ता भर्ती शामिल है।
ये भर्तियां आयोग ने वर्ष 2021 में निकाली थीं। इनके रिजल्ट आ चुके हैं। एसटीएफ की शुरूआती जांच में पता चला है कि इन भर्तियों के पेपर उसने बड़े दाम लेकर आउट किए थे। इनमें एई के पेपर के लिए 50 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी लिए गए। जबकि, जेई और प्रवक्ता के लिए प्रति अभ्यर्थी 30 से 35 लाख रुपये वसूल किए। एसटीएफ अब इन अभ्यर्थियों तक भी पहुंचने का प्रयास कर रही है।
बताया जा रहा है कि इन भर्तियों में शामिल हुए नकलची अभ्यर्थियों के रिजल्ट भी रद्द करा दिए जाएंगे। साथ ही एसटीएफ इन सभी को भी आरोपी बना सकती है।
एसटीएफ ने अब तक अभ्यर्थियों की संख्या की भी तस्दीक कर ली है। जेई भर्ती में तीन अभ्यर्थियों ने पेपर खरीदकर परीक्षा दी थी। जबकि, एई के लिए पांच अभ्यर्थियों ने पेपर खरीदा था।
प्रवक्ता पद के लिए अब तक एसटीएफ तीन अभ्यर्थियों के नामों की पुष्टि कर चुकी है। बताया जा रहा है कि इनकी संख्या और भी हो सकती है। यदि संख्या ज्यादा हुई तो एसटीएफ इन परीक्षाओं को रद्द करने के लिए भी पत्र भेज सकती है।
अभी तक केवल 2021 में तीन भर्तियों पर दाग का पता चला है। सूत्रों के अनुसार, अभी आरोपियों से पूछताछ चल रही है। ऐसे में हो सकता है कि कुछ और परीक्षाओं पर भी इसी तरह से दाग हों।
ऐसे में 2018 से अब तक की सभी परीक्षाओं की जांच भी की जा रही है। एसटीएफ इसके लिए आयोग के अधिकारियों से संपर्क कर सभी का विवरण जुटा रही है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी