पौड़ी, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। जनपद पौड़ी के कल्जीखाल ब्लॉक के अंतर्गत एक ग्राम पंचायत से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां वित्तीय अनियमितता मामले में ग्राम प्रधान प्रमोद रावत को निलंबित कर दिया गया है। यही नहीं जिलाधिकारी ने उक्त प्रधान के सभी वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार भी सीज कर दिए हैं। अब इस प्रकरण की जांच डीडीओ को सौंपी गई है।
इन दिनों जनपद के कल्जीखाल ब्लॉक के अंतर्गत बेड़गांव ग्रामसभा सुर्खियों में बनी हुई है। ये सुर्खियां किसी उपलब्धि के लिए नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के कारण बनी हुई हैं। बेड़गांव ग्राम पंचायत में वर्ष 2020 से लेकर 2022 तक हुए तमाम विकास कार्यों में वित्तीय अनियमितताएं उजागर होने पर प्रधान प्रमोद रावत को निलंबित कर दिया गया है।
इस मामले की शिकायत गांव के ही अशोक कुमार द्वारा की गई थी। पिछले वर्ष जुलाई 2022 में सहायक खंड विकास अधिकारी के साथ ही एडीओ कोऑपरेटिव व आरडब्ल्यूडी के कनिष्ठ अभियंता की एक जांच टीम बनाई गई। टीम ने जब जांच की तो पता चला कि ग्राम पंचायत में 6 समितियां बनाई गई हैं, हालांकि उनकी बैठक नहीं कराई गई।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में सीसी निर्माण कार्य कराया गया था। कार्य में 5 लोगों द्वारा 2021 के एक से लेकर 16 मार्च तक मस्टरौल कार्य करना दिखाया गया है। यही नहीं, मामला तब और गंभीर बन जाता है, जब इन्हीं पांचों लोगों की राज्य वित्त के तहत 1 से 23 तक मार्च 2021 तक कराये गए सीसी मार्ग में भी हाजिरी दिखाई गई है। जांच के दौरान टीम को यह भी पता चला कि पंचायत में स्टॉक रजिस्टर भी नहीं बनाया गया। पंचायत को मिले कंप्यूटर को भी उनके द्वारा अपने निजी आवास पर रखा गया है।
इसके अलावा बेड़गांव ग्राम पंचायत में निर्माण निर्माण के लिए 2.35 लाख का बजट दर्शाया गया है, लेकिन कुल भुगतान किए गए खर्च में एक लाख 88 हजार के बिल ही पाए गए। यही नहीं एमबी भी नहीं मिल पाई।
जांच के दौरान टीम ने यह भी पाया कि ग्राम पंचायत में मासिक बैठकों का आयोजन भी नहीं किया गया। एक अन्य सीसी मार्ग 2020 में कराया गया था, जिसकी डिटेल भी सही नहीं पाई गई।
वर्ष 2020-21 में ही तीन रैलिंग निर्माण कार्य होने दर्शाये गए हैं, किंतु इस कार्य के लिए जिन मजदूरों को भुगतान किया गया, उनके हस्ताक्षर ही नहीं हैं और बिल भी फर्जी तरीके से दिखाए गए हैं।
इस प्रकार अनेक विकास कार्यों के एवज में ग्राम पंचायत बेड़गांव में 14 लाख 38 हजार 597 रुपए का भुगतान किया गया है, जबकि बिल बाउचर, मस्टरौल, कैश बुक पत्रावलियों में मात्र 6 लाख 83 हजार 379 रुपए का ही रिकार्ड पाया गया।
यह बात भी सामने आई कि प्रधान का परिवार गांव में नहीं रहता है, जबकि उनके द्वारा अपनी पत्नी के नाम पैसे डलवा दिए गए। हैरान करने वाली बात यह है। गांव में काम किए बिना ही अपने परिजनों के खाते में प्रधान द्वारा पैसे कैसे डाल दिए गए? वहीं दूसरी ओर काम करने वाले लोगों को भुगतान नहीं हो पाया है। जांच टीम ने उजागर हुए इन तमाम वित्तीय अनियमितताओं की रिपोर्ट सौंप दी है।
इस संबंध में पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान कहते हैं कि उक्त ग्राम पंचायत में विकास कार्यों में वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं। जिस पर ग्राम पंचायत बेडगांव के प्रधान प्रमोद रावत के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार को सीज करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।
प्रधान द्वारा अनु जाति के लोगों के साथ पूर्व में मारपीट का मामला भी सामने आया था और वे जेल में भी बंद रहे।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी