नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
–आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
ADVERTISEMENT
नैनीताल, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शांतिपुरी और जवाहर नगर की सड़कों में हुए अतिक्रमण को हटाने के मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस अतिक्रमण के संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।
जानकारी के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी खामियां नम्बर 1 निवासी पूरन सिंह चौहान ने जनहित याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि 1960-61 में हुए बंदोबस्ती के नक्शे में शांतिपुरी क्षेत्र की पांच सडकें दर्शाई गई हैं। वर्तमान में इनमें से एक सड़क पूरी तरह गायब है। जबकि चार अन्य सड़कें जो उस समय 22 फीट की थी, वह सिर्फ 8 से 10 फीट की रह गई हैं। इन सड़कों के दोनों तरफ अतिक्रमण कर जमीन को कब्जा लिया गया है।
इसके अलावा क्षेत्र में कई नहरें और तालाबों पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है।