रामनगर, 6 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड में कोटद्वार के पास मालन नदी में कुछ दिन पहले हाथी का एक बच्चा बह गया था। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बहते पानी में से बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बटोला ने बताया, “कोटद्वार के पास मालन नदी में इन दिनों बाढ़ का पानी ज्यादा आ गया है। इसके चलते एक हाथी का बच्चा अपने झुंड से बिछड़कर पानी में बहकर दूर चला गया था। उसके चट्टानों के बीच में फंसे होने की सूचना वन विभाग को मिली, फिर हमारी टीम ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।”
हाथी के बच्चे को प्राथमिक उपचार देने के बाद, उसकी नाजुक स्थिति को देखते हुए उसे कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ स्थित एलिफेंट सेंटर में लाया गया है।
उन्होंने बताया कि शुरुआत में वन विभाग ने उसे उसके झुंड से मिलाने की कोशिश की, लेकिन आसपास कोई अन्य हाथी नहीं मिला, जिसके बाद वन विभाग ने शिशु हाथी को अपनी निगरानी में ले लिया।
उन्होंने कहा कि टीम उसके स्वास्थ्य में सुधार के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। अभी उसकी हालत स्थिर है, लेकिन पूरी तरह से ठीक होने के लिए लगातार निगरानी और मेडिकल देखभाल की जरूरत है।
डॉ. बटोला ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि यह शिशु हाथी फिलहाल अकेला है क्योंकि उसकी मां या झुंड से मिलाने की कोशिश सफल नहीं हो पाई है। इसलिए, उसे कॉर्बेट एलिफेंट सेंटर में सुरक्षित रखा जा रहा है और उसके लिए एक ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जो उसकी स्वाभाविक आदतों के अनुकूल हो, ताकि वह जल्द से जल्द स्वस्थ हो सके।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन ने कहा कि इस तरह की घटनाओं में तुरंत बचाव और सही इलाज बहुत जरूरी होता है। इस शिशु हाथी के बेहतर स्वास्थ्य और भविष्य के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। पार्क प्रशासन की यह कोशिश न सिर्फ वन्य जीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे पर्यावरण और जैव विविधता की सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलता है।
यह करीब एक महीने की मादा हाथी है। फिलहाल उसकी सेहत थोड़ी नाजुक है, लेकिन वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. दुष्यन्त शर्मा की देखरेख में उसका लगातार इलाज चल रहा है।
–आईएएनएस
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