कोलकाता, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर बंगाल के जिलों में भारी बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। कई गांव जलमग्न हो गए, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। इस आपदा के बीच भाजपा नेता दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है।
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सरकारी लापरवाही के कारण जान-माल का नुकसान हो रहा है। वर्षों से नालों, नदियों और ड्रेनेज सिस्टम की सफाई नहीं की गई।
दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने नदियों के किनारे तक अतिक्रमण कर जमीन बेच दी, जिससे नदियों में घर बन गए। अब पानी का निकास कहां होगा? ऐसी स्थिति में बाढ़ का आना स्वाभाविक था। यह सरकार केवल राजनीति और धन तक सीमित है।
भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा कि आरामबाग और वर्धमान में बाढ़ आने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डीवीसी और झारखंड पर आरोप लगाती हैं। कोलकाता में दो दिन तक पानी जमा रहता है तो उत्तर प्रदेश और बिहार को दोषी ठहराया जाता है। उत्तरी बंगाल में बाढ़ ने गांव के गांव बहा दिए, कई लोगों की जान चली गई, लेकिन इसका कोई हिसाब नहीं। अब मुख्यमंत्री किसे दोष देंगी?
उन्होंने कहा कि जब उत्तरी बंगाल बाढ़ में डूब रहा है और मुख्यमंत्री कोलकाता में कार्निवल में उत्सव मना रही हैं। उत्तरी बंगाल के लोग बार-बार कहते हैं कि उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं। यह बात एक बार फिर साबित हो गई।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाढ़ क्षेत्र के दौरे को लेकर भाजपा नेता ने कहा कि वह हर जगह जाकर केवल फोटो खिंचवाती हैं। जिन लोगों का सर्वनाश हो गया, जिनकी जिंदगी बर्बाद हो गई, उनका क्या होगा? मुख्यमंत्री उत्तर बंगाल पहुंचकर कहेंगी कि भारी नुकसान हुआ है और केंद्र सरकार से मुआवजे की मांग करेंगी। उनकी यही रणनीति रहती है। हवाई सर्वेक्षण कर, एक मोटी रकम की मांग तैयार करना, उसे दिल्ली भेजना और फिर आंदोलन करना कि केंद्र सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए पैसा नहीं दिया। भाजपा नेता ने इसे ममता बनर्जी का ड्रामा बताया है और कहा कि वे अपनी जिम्मेदारी से बचती हैं।
सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के बंगाल को लेकर किए गए पोस्ट पर भाजपा नेता ने कहा कि ओडिशा और बंगाल में पहले आई आपदाओं के दौरान प्रधानमंत्री ने स्वयं हवाई सर्वेक्षण किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हर प्रभावित राज्य में पहुंचते हैं, लेकिन ममता बनर्जी की कोई जिम्मेदारी नहीं दिखती।
घोष ने कहा कि उत्तर बंगाल में भाजपा के विधायक और सांसद प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों से मिल रहे हैं और स्थिति का जायजा ले रहे हैं। वहीं, उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार पर आरोप लगाया कि वह मौज-मस्ती, उत्सव और मेलों में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों में राज्य की व्यवस्था चरमरा गई है। नया ढांचा तैयार नहीं हुआ, यहां तक कि एनडीआरएफ की टीमें भी गठित नहीं हो पाईं। हर साल बंगाल में बाढ़ और तूफान आते हैं, लेकिन सरकार की तैयारियां पूरी नहीं हैं।
घोष ने कहा कि पिछली रात मुख्यमंत्री कार्निवल में नाच-गाना कर रही थीं, जिसका लाइव प्रसारण हो रहा था। उधर, उत्तर बंगाल में लोग और जानवर बाढ़ के गंदे पानी में बह रहे हैं। लोगों के घर तबाह हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री को इसकी कोई चिंता नहीं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यदि कार्निवल एक-दो दिन टल जाता या ममता पहले प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करतीं, तो यह उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता। उन्होंने याद दिलाया कि कोरोना काल में भी कार्निवल आयोजित नहीं हुआ था।
दूसरी ओर बिहार में भाजपा ने मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनकर आने वाली महिलाओं की पहचान जांचने की मांग की है, जिसका राजद ने विरोध किया। इस पर भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा कि कई जगहों पर बिना चेहरा देखे पहचान करना मुश्किल होता है।
मतदान केंद्र के बाहर केंद्रीय बल या पुलिस यह जांचते हैं कि मतदाता के पास वैध पहचान पत्र है या नहीं। चेहरा देखे बिना यह सुनिश्चित करना असंभव है कि मतदाता वही है, जिसका पहचान पत्र है। उन्होंने सुझाव दिया कि जांच महिला कर्मियों द्वारा की जाए, लेकिन जांच जरूरी है।
–आईएएनएस
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