लखनऊ, 7 सितंबर (आईएएएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार, 7 सितंबर 2025 को लखनऊ के 5 कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पदाधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान बाराबंकी लाठीचार्ज मामले पर चर्चा हुई।
इस शिष्टाचार भेंट में एबीवीपी के पूर्वी क्षेत्र के संगठन मंत्री घनश्याम शाही, पश्चिमी क्षेत्र के संगठन मंत्री मनोज निखरा, राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ला और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सृष्टि सिंह उपस्थित रहे। यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली, जिसमें बाराबंकी में श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में हुए लाठीचार्ज की घटना और शैक्षणिक सुधारों पर विस्तृत चर्चा हुई।
हाल ही में बाराबंकी के श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में एबीवीपी ने लखनऊ, बाराबंकी सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रदर्शन किया था। इस घटना से एबीवीपी का छात्र संगठन आंदोलित हो गया था और संगठन ने प्रशासन से इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी।
सीएम योगी के साथ हुई बैठक में एबीवीपी पदाधिकारियों ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने प्रदेश में शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाने और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
मुख्यमंत्री योगी ने एबीवीपी के सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना और विगत वर्षों में उत्तर प्रदेश में शैक्षणिक स्तर पर हुए उल्लेखनीय सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार छात्र हितों और शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए प्रतिबद्ध है। सीएम योगी ने कहा कि उनकी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए निरंतर काम कर रही है।
सीएम ऑफिस की ऑफिशियल एक्स हैंडल से मुलाकात की तस्वीर पोस्ट की गई। पोस्ट में लिखा गया, “सीएम योगी से आज लखनऊ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर घनश्याम शाही (संगठन मंत्री, पूर्वी क्षेत्र), मनोज निखरा (संगठन मंत्री, पश्चिमी क्षेत्र), अंकित शुक्ला (राष्ट्रीय मंत्री) एवं सृष्टि सिंह (राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य) उपस्थित रहे। सीएम से परिषद के पदाधिकारियों ने प्रदेश के शैक्षणिक स्तर पर विगत वर्षों में आए उल्लेखनीय सुधारों पर चर्चा करते हुए शैक्षणिक वातावरण को और अधिक बेहतर बनाने की दृष्टि से विस्तृत विमर्श किया एवं अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी प्रस्तुत किए।”
–आईएएनएस
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