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Home ताज़ा समाचार

उत्तर प्रदेश : संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा के बाद बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक, इंटरनेट बंद

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November 25, 2024
in ताज़ा समाचार
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संभल, 25 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। संभल में एक दिसंबर तक बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

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आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं। दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए।

यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

मस्जिद में 19 नवंबर की रात को सर्वे हुआ था और रविवार को फिर सर्वे करने के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी। इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी है और दोनों पक्ष की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है।

–आईएएनएस

एकेएस/एएस

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संभल, 25 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। संभल में एक दिसंबर तक बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं। दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए।

यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

मस्जिद में 19 नवंबर की रात को सर्वे हुआ था और रविवार को फिर सर्वे करने के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी। इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी है और दोनों पक्ष की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है।

–आईएएनएस

एकेएस/एएस

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संभल, 25 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। संभल में एक दिसंबर तक बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं। दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए।

यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

मस्जिद में 19 नवंबर की रात को सर्वे हुआ था और रविवार को फिर सर्वे करने के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी। इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी है और दोनों पक्ष की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है।

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आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं। दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए।

यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

मस्जिद में 19 नवंबर की रात को सर्वे हुआ था और रविवार को फिर सर्वे करने के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी। इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी है और दोनों पक्ष की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है।

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संभल, 25 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। संभल में एक दिसंबर तक बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं। दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए।

यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

मस्जिद में 19 नवंबर की रात को सर्वे हुआ था और रविवार को फिर सर्वे करने के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी। इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी है और दोनों पक्ष की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है।

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आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं। दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए।

यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

मस्जिद में 19 नवंबर की रात को सर्वे हुआ था और रविवार को फिर सर्वे करने के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी। इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी है और दोनों पक्ष की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है।

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संभल, 25 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। संभल में एक दिसंबर तक बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं। दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए।

यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

मस्जिद में 19 नवंबर की रात को सर्वे हुआ था और रविवार को फिर सर्वे करने के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी। इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी है और दोनों पक्ष की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है।

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संभल, 25 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। संभल में एक दिसंबर तक बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं। दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए।

यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

मस्जिद में 19 नवंबर की रात को सर्वे हुआ था और रविवार को फिर सर्वे करने के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी। इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी है और दोनों पक्ष की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है।

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संभल, 25 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। संभल में एक दिसंबर तक बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं। दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए।

यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

मस्जिद में 19 नवंबर की रात को सर्वे हुआ था और रविवार को फिर सर्वे करने के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी। इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी है और दोनों पक्ष की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है।

–आईएएनएस

एकेएस/एएस

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संभल, 25 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। संभल में एक दिसंबर तक बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं। दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए।

यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

मस्जिद में 19 नवंबर की रात को सर्वे हुआ था और रविवार को फिर सर्वे करने के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी। इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी है और दोनों पक्ष की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है।

–आईएएनएस

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संभल, 25 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। संभल में एक दिसंबर तक बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं। दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए।

यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

मस्जिद में 19 नवंबर की रात को सर्वे हुआ था और रविवार को फिर सर्वे करने के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी। इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी है और दोनों पक्ष की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है।

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आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

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यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

मस्जिद में 19 नवंबर की रात को सर्वे हुआ था और रविवार को फिर सर्वे करने के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी। इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी है और दोनों पक्ष की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है।

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आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं। दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए।

यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

मस्जिद में 19 नवंबर की रात को सर्वे हुआ था और रविवार को फिर सर्वे करने के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी। इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी है और दोनों पक्ष की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है।

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संभल, 25 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। संभल में एक दिसंबर तक बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं। दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए।

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हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

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आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं। दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए।

यह सर्वेक्षण अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में याचिका दायर करने के कुछ दिनों बाद किया गया है, जिसमें दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर की जगह पर खड़ी है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

मस्जिद में 19 नवंबर की रात को सर्वे हुआ था और रविवार को फिर सर्वे करने के लिए टीम मस्जिद पहुंची थी। इस सर्वे के लिए मस्जिद कमेटी ने भी अपनी सहमति दी है और दोनों पक्ष की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है।

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आदेश के मुताबिक जिले में बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि के प्रवेश पर लगाई रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने अतिसंवेदनशील स्थिति को देखते हुए ये कदम उठाया है।

जानकारी के मुताबिक हिंसा और पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार बरामद हुए हैं। उपद्रवियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में चार युवकों की मौत हो गई है और पत्थरबाजी की घटना में 20 पुलिसकर्मी घायल हैं।

जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और साथ ही सभी स्कूल बंद भी किए गए हैं। दो महिलाओं सहित 21 लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

दरअसल 23 नवंबर को रविवार सुबह संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। सर्वे की टीम को दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के साथ घेर लिया था और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े गए।

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हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था। इसी बीच मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने लगी और सर्वे के विरोध में हंगामा शुरू हो गया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराने की कोशिश जरूर की लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस की टीम को निशाना बनाते हुए पथराव शुरू कर दिया। हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

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