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उत्पीड़न तेलंगाना चिकित्सक की आत्महत्या के प्रयास की हो सकती है वजह : पुलिस

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February 24, 2023
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उत्पीड़न तेलंगाना चिकित्सक की आत्महत्या के प्रयास की हो सकती है वजह : पुलिस
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हैदराबाद, 24 फरवरी (आईएएनएस)। तेलंगाना के वारंगल में पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि छात्रा धारावती प्रीति का उसके सीनियर डॉ एस.ए. सैफ ने कथित तौर पर लक्षित उत्पीड़न किया था, जिस वजह से उसने आत्महत्या का प्रयास किया हो सकता है।

वारंगल जिले में स्थित काकतीय मेडिकल कॉलेज (केएमसी) के एनेस्थीसिया विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट (एमडी) की प्रथम वर्ष की छात्रा प्रीति पर इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या के प्रयास का संदेह है। हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एनआईएमएस) में छात्रा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है।

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पुलिस ने डॉ एस.ए. सैफ को गिरफ्तार कर लिया है। वारंगल के पुलिस आयुक्त ए.वी. रंगनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि सैफ पर लड़की द्वारा आत्महत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सैफ के खिलाफ अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और एंटी-रैगिंग अधिनियम के प्रावधानों को भी लागू किया।

पुलिस आयुक्त ने पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि अपमानजनक व्यवहार भी रैगिंग की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि सैफ द्वारा इस लड़की का लक्षित उत्पीड़न किया गया था। वह एक व्हाट्सएप ग्रुप में उसका अपमान करने के लिए टिप्पणी कर रहा था।

पुलिस ने एनेस्थीसिया के एमडी प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप से भी डेटा प्राप्त किया है। सैफ द्वारा 18 फरवरी को एक केस शीट के बारे में समूह में टिप्पणी करने के बाद, प्रीति ने उन्हें एक व्यक्तिगत संदेश भेजा था, जिसमें उनके बारे में टिप्पणी करने पर आपत्ति जताई थी।

लड़की ने अन्य छात्रों से कहा था कि सैफ ने तुम्हारे पास दिमाग नहीं है टिप्पणी की थी। यह कहते हुए कि मेडिकल कॉलेज में बॉसिज्म कल्चर है जहां जूनियर छात्रों को अपने सीनियर्स को सर कहकर संबोधित करना पड़ता है, पुलिस अधिकारी ने कहा कि सैफ को शायद लड़की से सवाल करना पसंद नहीं आया।

प्रीति ने 20 फरवरी को अपने पिता नरेंद्र से प्रताड़ना की शिकायत की। उसने इस मुद्दे को पुलिस के सामने उठाया और बाद में विभाग के प्रमुख ने 21 फरवरी को सैफ और प्रीति से अलग-अलग बात की। सैफ ने लड़की को परेशान करने से इनकार किया, लेकिन प्रीति को लग रहा था कि उसे परेशान किया जा रहा है।

लड़की 21 फरवरी की रात एमजीएम अस्पताल में ड्यूटी पर थी। अगली सुबह अस्पताल के कर्मचारियोंने उसे बेहोशी की हालत में पाया। लड़की को उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे हैदराबाद के एनआईएमएस में स्थानांतरित कर दिया गया था।

डॉक्टरों और एचओडी ने पुलिस को बताया कि ऐसा कार्डियक अरेस्ट के कारण हो सकता है। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि उसे थायराइड जैसी कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं।

हालांकि पुलिस को शक है कि लड़की ने कोई इंजेक्शन लिया था। हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन चैट और जो कुछ हुआ था, उसके आधार पर हमारा विचार है कि यह आत्महत्या का संभावित प्रयास हो सकता था। रंगनाथ ने कहा कि प्रीति को दी गई एनेस्थीसिया इमरजेंसी किट में सक्सिनिलकोलाइन इंजेक्शन की सील सही पाई गई।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि प्रीति ने गूगल पर सर्च किया था कि क्या होता है जब एक स्वस्थ्य व्यक्ति सक्सिनिलकोलाइन लेता है। किट में दो इंजेक्शन खुले मिले। पुलिस को शक है कि उसने फेंटानिल लिया था। इस इंजेक्शन का इस्तेमाल सर्जरी के दौरान और बाद में होने वाले गंभीर दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हम टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

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हैदराबाद, 24 फरवरी (आईएएनएस)। तेलंगाना के वारंगल में पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि छात्रा धारावती प्रीति का उसके सीनियर डॉ एस.ए. सैफ ने कथित तौर पर लक्षित उत्पीड़न किया था, जिस वजह से उसने आत्महत्या का प्रयास किया हो सकता है।

वारंगल जिले में स्थित काकतीय मेडिकल कॉलेज (केएमसी) के एनेस्थीसिया विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट (एमडी) की प्रथम वर्ष की छात्रा प्रीति पर इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या के प्रयास का संदेह है। हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एनआईएमएस) में छात्रा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है।

पुलिस ने डॉ एस.ए. सैफ को गिरफ्तार कर लिया है। वारंगल के पुलिस आयुक्त ए.वी. रंगनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि सैफ पर लड़की द्वारा आत्महत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सैफ के खिलाफ अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और एंटी-रैगिंग अधिनियम के प्रावधानों को भी लागू किया।

पुलिस आयुक्त ने पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि अपमानजनक व्यवहार भी रैगिंग की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि सैफ द्वारा इस लड़की का लक्षित उत्पीड़न किया गया था। वह एक व्हाट्सएप ग्रुप में उसका अपमान करने के लिए टिप्पणी कर रहा था।

पुलिस ने एनेस्थीसिया के एमडी प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप से भी डेटा प्राप्त किया है। सैफ द्वारा 18 फरवरी को एक केस शीट के बारे में समूह में टिप्पणी करने के बाद, प्रीति ने उन्हें एक व्यक्तिगत संदेश भेजा था, जिसमें उनके बारे में टिप्पणी करने पर आपत्ति जताई थी।

लड़की ने अन्य छात्रों से कहा था कि सैफ ने तुम्हारे पास दिमाग नहीं है टिप्पणी की थी। यह कहते हुए कि मेडिकल कॉलेज में बॉसिज्म कल्चर है जहां जूनियर छात्रों को अपने सीनियर्स को सर कहकर संबोधित करना पड़ता है, पुलिस अधिकारी ने कहा कि सैफ को शायद लड़की से सवाल करना पसंद नहीं आया।

प्रीति ने 20 फरवरी को अपने पिता नरेंद्र से प्रताड़ना की शिकायत की। उसने इस मुद्दे को पुलिस के सामने उठाया और बाद में विभाग के प्रमुख ने 21 फरवरी को सैफ और प्रीति से अलग-अलग बात की। सैफ ने लड़की को परेशान करने से इनकार किया, लेकिन प्रीति को लग रहा था कि उसे परेशान किया जा रहा है।

लड़की 21 फरवरी की रात एमजीएम अस्पताल में ड्यूटी पर थी। अगली सुबह अस्पताल के कर्मचारियोंने उसे बेहोशी की हालत में पाया। लड़की को उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे हैदराबाद के एनआईएमएस में स्थानांतरित कर दिया गया था।

डॉक्टरों और एचओडी ने पुलिस को बताया कि ऐसा कार्डियक अरेस्ट के कारण हो सकता है। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि उसे थायराइड जैसी कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं।

हालांकि पुलिस को शक है कि लड़की ने कोई इंजेक्शन लिया था। हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन चैट और जो कुछ हुआ था, उसके आधार पर हमारा विचार है कि यह आत्महत्या का संभावित प्रयास हो सकता था। रंगनाथ ने कहा कि प्रीति को दी गई एनेस्थीसिया इमरजेंसी किट में सक्सिनिलकोलाइन इंजेक्शन की सील सही पाई गई।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि प्रीति ने गूगल पर सर्च किया था कि क्या होता है जब एक स्वस्थ्य व्यक्ति सक्सिनिलकोलाइन लेता है। किट में दो इंजेक्शन खुले मिले। पुलिस को शक है कि उसने फेंटानिल लिया था। इस इंजेक्शन का इस्तेमाल सर्जरी के दौरान और बाद में होने वाले गंभीर दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हम टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

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हैदराबाद, 24 फरवरी (आईएएनएस)। तेलंगाना के वारंगल में पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि छात्रा धारावती प्रीति का उसके सीनियर डॉ एस.ए. सैफ ने कथित तौर पर लक्षित उत्पीड़न किया था, जिस वजह से उसने आत्महत्या का प्रयास किया हो सकता है।

वारंगल जिले में स्थित काकतीय मेडिकल कॉलेज (केएमसी) के एनेस्थीसिया विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट (एमडी) की प्रथम वर्ष की छात्रा प्रीति पर इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या के प्रयास का संदेह है। हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एनआईएमएस) में छात्रा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है।

पुलिस ने डॉ एस.ए. सैफ को गिरफ्तार कर लिया है। वारंगल के पुलिस आयुक्त ए.वी. रंगनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि सैफ पर लड़की द्वारा आत्महत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सैफ के खिलाफ अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और एंटी-रैगिंग अधिनियम के प्रावधानों को भी लागू किया।

पुलिस आयुक्त ने पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि अपमानजनक व्यवहार भी रैगिंग की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि सैफ द्वारा इस लड़की का लक्षित उत्पीड़न किया गया था। वह एक व्हाट्सएप ग्रुप में उसका अपमान करने के लिए टिप्पणी कर रहा था।

पुलिस ने एनेस्थीसिया के एमडी प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप से भी डेटा प्राप्त किया है। सैफ द्वारा 18 फरवरी को एक केस शीट के बारे में समूह में टिप्पणी करने के बाद, प्रीति ने उन्हें एक व्यक्तिगत संदेश भेजा था, जिसमें उनके बारे में टिप्पणी करने पर आपत्ति जताई थी।

लड़की ने अन्य छात्रों से कहा था कि सैफ ने तुम्हारे पास दिमाग नहीं है टिप्पणी की थी। यह कहते हुए कि मेडिकल कॉलेज में बॉसिज्म कल्चर है जहां जूनियर छात्रों को अपने सीनियर्स को सर कहकर संबोधित करना पड़ता है, पुलिस अधिकारी ने कहा कि सैफ को शायद लड़की से सवाल करना पसंद नहीं आया।

प्रीति ने 20 फरवरी को अपने पिता नरेंद्र से प्रताड़ना की शिकायत की। उसने इस मुद्दे को पुलिस के सामने उठाया और बाद में विभाग के प्रमुख ने 21 फरवरी को सैफ और प्रीति से अलग-अलग बात की। सैफ ने लड़की को परेशान करने से इनकार किया, लेकिन प्रीति को लग रहा था कि उसे परेशान किया जा रहा है।

लड़की 21 फरवरी की रात एमजीएम अस्पताल में ड्यूटी पर थी। अगली सुबह अस्पताल के कर्मचारियोंने उसे बेहोशी की हालत में पाया। लड़की को उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे हैदराबाद के एनआईएमएस में स्थानांतरित कर दिया गया था।

डॉक्टरों और एचओडी ने पुलिस को बताया कि ऐसा कार्डियक अरेस्ट के कारण हो सकता है। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि उसे थायराइड जैसी कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं।

हालांकि पुलिस को शक है कि लड़की ने कोई इंजेक्शन लिया था। हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन चैट और जो कुछ हुआ था, उसके आधार पर हमारा विचार है कि यह आत्महत्या का संभावित प्रयास हो सकता था। रंगनाथ ने कहा कि प्रीति को दी गई एनेस्थीसिया इमरजेंसी किट में सक्सिनिलकोलाइन इंजेक्शन की सील सही पाई गई।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि प्रीति ने गूगल पर सर्च किया था कि क्या होता है जब एक स्वस्थ्य व्यक्ति सक्सिनिलकोलाइन लेता है। किट में दो इंजेक्शन खुले मिले। पुलिस को शक है कि उसने फेंटानिल लिया था। इस इंजेक्शन का इस्तेमाल सर्जरी के दौरान और बाद में होने वाले गंभीर दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हम टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

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हैदराबाद, 24 फरवरी (आईएएनएस)। तेलंगाना के वारंगल में पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि छात्रा धारावती प्रीति का उसके सीनियर डॉ एस.ए. सैफ ने कथित तौर पर लक्षित उत्पीड़न किया था, जिस वजह से उसने आत्महत्या का प्रयास किया हो सकता है।

वारंगल जिले में स्थित काकतीय मेडिकल कॉलेज (केएमसी) के एनेस्थीसिया विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट (एमडी) की प्रथम वर्ष की छात्रा प्रीति पर इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या के प्रयास का संदेह है। हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एनआईएमएस) में छात्रा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है।

पुलिस ने डॉ एस.ए. सैफ को गिरफ्तार कर लिया है। वारंगल के पुलिस आयुक्त ए.वी. रंगनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि सैफ पर लड़की द्वारा आत्महत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सैफ के खिलाफ अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और एंटी-रैगिंग अधिनियम के प्रावधानों को भी लागू किया।

पुलिस आयुक्त ने पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि अपमानजनक व्यवहार भी रैगिंग की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि सैफ द्वारा इस लड़की का लक्षित उत्पीड़न किया गया था। वह एक व्हाट्सएप ग्रुप में उसका अपमान करने के लिए टिप्पणी कर रहा था।

पुलिस ने एनेस्थीसिया के एमडी प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप से भी डेटा प्राप्त किया है। सैफ द्वारा 18 फरवरी को एक केस शीट के बारे में समूह में टिप्पणी करने के बाद, प्रीति ने उन्हें एक व्यक्तिगत संदेश भेजा था, जिसमें उनके बारे में टिप्पणी करने पर आपत्ति जताई थी।

लड़की ने अन्य छात्रों से कहा था कि सैफ ने तुम्हारे पास दिमाग नहीं है टिप्पणी की थी। यह कहते हुए कि मेडिकल कॉलेज में बॉसिज्म कल्चर है जहां जूनियर छात्रों को अपने सीनियर्स को सर कहकर संबोधित करना पड़ता है, पुलिस अधिकारी ने कहा कि सैफ को शायद लड़की से सवाल करना पसंद नहीं आया।

प्रीति ने 20 फरवरी को अपने पिता नरेंद्र से प्रताड़ना की शिकायत की। उसने इस मुद्दे को पुलिस के सामने उठाया और बाद में विभाग के प्रमुख ने 21 फरवरी को सैफ और प्रीति से अलग-अलग बात की। सैफ ने लड़की को परेशान करने से इनकार किया, लेकिन प्रीति को लग रहा था कि उसे परेशान किया जा रहा है।

लड़की 21 फरवरी की रात एमजीएम अस्पताल में ड्यूटी पर थी। अगली सुबह अस्पताल के कर्मचारियोंने उसे बेहोशी की हालत में पाया। लड़की को उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे हैदराबाद के एनआईएमएस में स्थानांतरित कर दिया गया था।

डॉक्टरों और एचओडी ने पुलिस को बताया कि ऐसा कार्डियक अरेस्ट के कारण हो सकता है। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि उसे थायराइड जैसी कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं।

हालांकि पुलिस को शक है कि लड़की ने कोई इंजेक्शन लिया था। हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन चैट और जो कुछ हुआ था, उसके आधार पर हमारा विचार है कि यह आत्महत्या का संभावित प्रयास हो सकता था। रंगनाथ ने कहा कि प्रीति को दी गई एनेस्थीसिया इमरजेंसी किट में सक्सिनिलकोलाइन इंजेक्शन की सील सही पाई गई।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि प्रीति ने गूगल पर सर्च किया था कि क्या होता है जब एक स्वस्थ्य व्यक्ति सक्सिनिलकोलाइन लेता है। किट में दो इंजेक्शन खुले मिले। पुलिस को शक है कि उसने फेंटानिल लिया था। इस इंजेक्शन का इस्तेमाल सर्जरी के दौरान और बाद में होने वाले गंभीर दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हम टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

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हैदराबाद, 24 फरवरी (आईएएनएस)। तेलंगाना के वारंगल में पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि छात्रा धारावती प्रीति का उसके सीनियर डॉ एस.ए. सैफ ने कथित तौर पर लक्षित उत्पीड़न किया था, जिस वजह से उसने आत्महत्या का प्रयास किया हो सकता है।

वारंगल जिले में स्थित काकतीय मेडिकल कॉलेज (केएमसी) के एनेस्थीसिया विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट (एमडी) की प्रथम वर्ष की छात्रा प्रीति पर इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या के प्रयास का संदेह है। हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एनआईएमएस) में छात्रा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है।

पुलिस ने डॉ एस.ए. सैफ को गिरफ्तार कर लिया है। वारंगल के पुलिस आयुक्त ए.वी. रंगनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि सैफ पर लड़की द्वारा आत्महत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सैफ के खिलाफ अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और एंटी-रैगिंग अधिनियम के प्रावधानों को भी लागू किया।

पुलिस आयुक्त ने पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि अपमानजनक व्यवहार भी रैगिंग की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि सैफ द्वारा इस लड़की का लक्षित उत्पीड़न किया गया था। वह एक व्हाट्सएप ग्रुप में उसका अपमान करने के लिए टिप्पणी कर रहा था।

पुलिस ने एनेस्थीसिया के एमडी प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप से भी डेटा प्राप्त किया है। सैफ द्वारा 18 फरवरी को एक केस शीट के बारे में समूह में टिप्पणी करने के बाद, प्रीति ने उन्हें एक व्यक्तिगत संदेश भेजा था, जिसमें उनके बारे में टिप्पणी करने पर आपत्ति जताई थी।

लड़की ने अन्य छात्रों से कहा था कि सैफ ने तुम्हारे पास दिमाग नहीं है टिप्पणी की थी। यह कहते हुए कि मेडिकल कॉलेज में बॉसिज्म कल्चर है जहां जूनियर छात्रों को अपने सीनियर्स को सर कहकर संबोधित करना पड़ता है, पुलिस अधिकारी ने कहा कि सैफ को शायद लड़की से सवाल करना पसंद नहीं आया।

प्रीति ने 20 फरवरी को अपने पिता नरेंद्र से प्रताड़ना की शिकायत की। उसने इस मुद्दे को पुलिस के सामने उठाया और बाद में विभाग के प्रमुख ने 21 फरवरी को सैफ और प्रीति से अलग-अलग बात की। सैफ ने लड़की को परेशान करने से इनकार किया, लेकिन प्रीति को लग रहा था कि उसे परेशान किया जा रहा है।

लड़की 21 फरवरी की रात एमजीएम अस्पताल में ड्यूटी पर थी। अगली सुबह अस्पताल के कर्मचारियोंने उसे बेहोशी की हालत में पाया। लड़की को उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे हैदराबाद के एनआईएमएस में स्थानांतरित कर दिया गया था।

डॉक्टरों और एचओडी ने पुलिस को बताया कि ऐसा कार्डियक अरेस्ट के कारण हो सकता है। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि उसे थायराइड जैसी कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं।

हालांकि पुलिस को शक है कि लड़की ने कोई इंजेक्शन लिया था। हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन चैट और जो कुछ हुआ था, उसके आधार पर हमारा विचार है कि यह आत्महत्या का संभावित प्रयास हो सकता था। रंगनाथ ने कहा कि प्रीति को दी गई एनेस्थीसिया इमरजेंसी किट में सक्सिनिलकोलाइन इंजेक्शन की सील सही पाई गई।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि प्रीति ने गूगल पर सर्च किया था कि क्या होता है जब एक स्वस्थ्य व्यक्ति सक्सिनिलकोलाइन लेता है। किट में दो इंजेक्शन खुले मिले। पुलिस को शक है कि उसने फेंटानिल लिया था। इस इंजेक्शन का इस्तेमाल सर्जरी के दौरान और बाद में होने वाले गंभीर दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हम टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

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वारंगल जिले में स्थित काकतीय मेडिकल कॉलेज (केएमसी) के एनेस्थीसिया विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट (एमडी) की प्रथम वर्ष की छात्रा प्रीति पर इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या के प्रयास का संदेह है। हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एनआईएमएस) में छात्रा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है।

पुलिस ने डॉ एस.ए. सैफ को गिरफ्तार कर लिया है। वारंगल के पुलिस आयुक्त ए.वी. रंगनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि सैफ पर लड़की द्वारा आत्महत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सैफ के खिलाफ अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और एंटी-रैगिंग अधिनियम के प्रावधानों को भी लागू किया।

पुलिस आयुक्त ने पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि अपमानजनक व्यवहार भी रैगिंग की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि सैफ द्वारा इस लड़की का लक्षित उत्पीड़न किया गया था। वह एक व्हाट्सएप ग्रुप में उसका अपमान करने के लिए टिप्पणी कर रहा था।

पुलिस ने एनेस्थीसिया के एमडी प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप से भी डेटा प्राप्त किया है। सैफ द्वारा 18 फरवरी को एक केस शीट के बारे में समूह में टिप्पणी करने के बाद, प्रीति ने उन्हें एक व्यक्तिगत संदेश भेजा था, जिसमें उनके बारे में टिप्पणी करने पर आपत्ति जताई थी।

लड़की ने अन्य छात्रों से कहा था कि सैफ ने तुम्हारे पास दिमाग नहीं है टिप्पणी की थी। यह कहते हुए कि मेडिकल कॉलेज में बॉसिज्म कल्चर है जहां जूनियर छात्रों को अपने सीनियर्स को सर कहकर संबोधित करना पड़ता है, पुलिस अधिकारी ने कहा कि सैफ को शायद लड़की से सवाल करना पसंद नहीं आया।

प्रीति ने 20 फरवरी को अपने पिता नरेंद्र से प्रताड़ना की शिकायत की। उसने इस मुद्दे को पुलिस के सामने उठाया और बाद में विभाग के प्रमुख ने 21 फरवरी को सैफ और प्रीति से अलग-अलग बात की। सैफ ने लड़की को परेशान करने से इनकार किया, लेकिन प्रीति को लग रहा था कि उसे परेशान किया जा रहा है।

लड़की 21 फरवरी की रात एमजीएम अस्पताल में ड्यूटी पर थी। अगली सुबह अस्पताल के कर्मचारियोंने उसे बेहोशी की हालत में पाया। लड़की को उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे हैदराबाद के एनआईएमएस में स्थानांतरित कर दिया गया था।

डॉक्टरों और एचओडी ने पुलिस को बताया कि ऐसा कार्डियक अरेस्ट के कारण हो सकता है। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि उसे थायराइड जैसी कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं।

हालांकि पुलिस को शक है कि लड़की ने कोई इंजेक्शन लिया था। हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन चैट और जो कुछ हुआ था, उसके आधार पर हमारा विचार है कि यह आत्महत्या का संभावित प्रयास हो सकता था। रंगनाथ ने कहा कि प्रीति को दी गई एनेस्थीसिया इमरजेंसी किट में सक्सिनिलकोलाइन इंजेक्शन की सील सही पाई गई।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि प्रीति ने गूगल पर सर्च किया था कि क्या होता है जब एक स्वस्थ्य व्यक्ति सक्सिनिलकोलाइन लेता है। किट में दो इंजेक्शन खुले मिले। पुलिस को शक है कि उसने फेंटानिल लिया था। इस इंजेक्शन का इस्तेमाल सर्जरी के दौरान और बाद में होने वाले गंभीर दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हम टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

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वारंगल जिले में स्थित काकतीय मेडिकल कॉलेज (केएमसी) के एनेस्थीसिया विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट (एमडी) की प्रथम वर्ष की छात्रा प्रीति पर इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या के प्रयास का संदेह है। हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एनआईएमएस) में छात्रा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है।

पुलिस ने डॉ एस.ए. सैफ को गिरफ्तार कर लिया है। वारंगल के पुलिस आयुक्त ए.वी. रंगनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि सैफ पर लड़की द्वारा आत्महत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सैफ के खिलाफ अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और एंटी-रैगिंग अधिनियम के प्रावधानों को भी लागू किया।

पुलिस आयुक्त ने पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि अपमानजनक व्यवहार भी रैगिंग की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि सैफ द्वारा इस लड़की का लक्षित उत्पीड़न किया गया था। वह एक व्हाट्सएप ग्रुप में उसका अपमान करने के लिए टिप्पणी कर रहा था।

पुलिस ने एनेस्थीसिया के एमडी प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप से भी डेटा प्राप्त किया है। सैफ द्वारा 18 फरवरी को एक केस शीट के बारे में समूह में टिप्पणी करने के बाद, प्रीति ने उन्हें एक व्यक्तिगत संदेश भेजा था, जिसमें उनके बारे में टिप्पणी करने पर आपत्ति जताई थी।

लड़की ने अन्य छात्रों से कहा था कि सैफ ने तुम्हारे पास दिमाग नहीं है टिप्पणी की थी। यह कहते हुए कि मेडिकल कॉलेज में बॉसिज्म कल्चर है जहां जूनियर छात्रों को अपने सीनियर्स को सर कहकर संबोधित करना पड़ता है, पुलिस अधिकारी ने कहा कि सैफ को शायद लड़की से सवाल करना पसंद नहीं आया।

प्रीति ने 20 फरवरी को अपने पिता नरेंद्र से प्रताड़ना की शिकायत की। उसने इस मुद्दे को पुलिस के सामने उठाया और बाद में विभाग के प्रमुख ने 21 फरवरी को सैफ और प्रीति से अलग-अलग बात की। सैफ ने लड़की को परेशान करने से इनकार किया, लेकिन प्रीति को लग रहा था कि उसे परेशान किया जा रहा है।

लड़की 21 फरवरी की रात एमजीएम अस्पताल में ड्यूटी पर थी। अगली सुबह अस्पताल के कर्मचारियोंने उसे बेहोशी की हालत में पाया। लड़की को उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे हैदराबाद के एनआईएमएस में स्थानांतरित कर दिया गया था।

डॉक्टरों और एचओडी ने पुलिस को बताया कि ऐसा कार्डियक अरेस्ट के कारण हो सकता है। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि उसे थायराइड जैसी कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं।

हालांकि पुलिस को शक है कि लड़की ने कोई इंजेक्शन लिया था। हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन चैट और जो कुछ हुआ था, उसके आधार पर हमारा विचार है कि यह आत्महत्या का संभावित प्रयास हो सकता था। रंगनाथ ने कहा कि प्रीति को दी गई एनेस्थीसिया इमरजेंसी किट में सक्सिनिलकोलाइन इंजेक्शन की सील सही पाई गई।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि प्रीति ने गूगल पर सर्च किया था कि क्या होता है जब एक स्वस्थ्य व्यक्ति सक्सिनिलकोलाइन लेता है। किट में दो इंजेक्शन खुले मिले। पुलिस को शक है कि उसने फेंटानिल लिया था। इस इंजेक्शन का इस्तेमाल सर्जरी के दौरान और बाद में होने वाले गंभीर दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हम टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

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हैदराबाद, 24 फरवरी (आईएएनएस)। तेलंगाना के वारंगल में पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि छात्रा धारावती प्रीति का उसके सीनियर डॉ एस.ए. सैफ ने कथित तौर पर लक्षित उत्पीड़न किया था, जिस वजह से उसने आत्महत्या का प्रयास किया हो सकता है।

वारंगल जिले में स्थित काकतीय मेडिकल कॉलेज (केएमसी) के एनेस्थीसिया विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट (एमडी) की प्रथम वर्ष की छात्रा प्रीति पर इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या के प्रयास का संदेह है। हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एनआईएमएस) में छात्रा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है।

पुलिस ने डॉ एस.ए. सैफ को गिरफ्तार कर लिया है। वारंगल के पुलिस आयुक्त ए.वी. रंगनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि सैफ पर लड़की द्वारा आत्महत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सैफ के खिलाफ अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और एंटी-रैगिंग अधिनियम के प्रावधानों को भी लागू किया।

पुलिस आयुक्त ने पुलिस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि अपमानजनक व्यवहार भी रैगिंग की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि सैफ द्वारा इस लड़की का लक्षित उत्पीड़न किया गया था। वह एक व्हाट्सएप ग्रुप में उसका अपमान करने के लिए टिप्पणी कर रहा था।

पुलिस ने एनेस्थीसिया के एमडी प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप से भी डेटा प्राप्त किया है। सैफ द्वारा 18 फरवरी को एक केस शीट के बारे में समूह में टिप्पणी करने के बाद, प्रीति ने उन्हें एक व्यक्तिगत संदेश भेजा था, जिसमें उनके बारे में टिप्पणी करने पर आपत्ति जताई थी।

लड़की ने अन्य छात्रों से कहा था कि सैफ ने तुम्हारे पास दिमाग नहीं है टिप्पणी की थी। यह कहते हुए कि मेडिकल कॉलेज में बॉसिज्म कल्चर है जहां जूनियर छात्रों को अपने सीनियर्स को सर कहकर संबोधित करना पड़ता है, पुलिस अधिकारी ने कहा कि सैफ को शायद लड़की से सवाल करना पसंद नहीं आया।

प्रीति ने 20 फरवरी को अपने पिता नरेंद्र से प्रताड़ना की शिकायत की। उसने इस मुद्दे को पुलिस के सामने उठाया और बाद में विभाग के प्रमुख ने 21 फरवरी को सैफ और प्रीति से अलग-अलग बात की। सैफ ने लड़की को परेशान करने से इनकार किया, लेकिन प्रीति को लग रहा था कि उसे परेशान किया जा रहा है।

लड़की 21 फरवरी की रात एमजीएम अस्पताल में ड्यूटी पर थी। अगली सुबह अस्पताल के कर्मचारियोंने उसे बेहोशी की हालत में पाया। लड़की को उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे हैदराबाद के एनआईएमएस में स्थानांतरित कर दिया गया था।

डॉक्टरों और एचओडी ने पुलिस को बताया कि ऐसा कार्डियक अरेस्ट के कारण हो सकता है। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि उसे थायराइड जैसी कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं।

हालांकि पुलिस को शक है कि लड़की ने कोई इंजेक्शन लिया था। हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन चैट और जो कुछ हुआ था, उसके आधार पर हमारा विचार है कि यह आत्महत्या का संभावित प्रयास हो सकता था। रंगनाथ ने कहा कि प्रीति को दी गई एनेस्थीसिया इमरजेंसी किट में सक्सिनिलकोलाइन इंजेक्शन की सील सही पाई गई।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि प्रीति ने गूगल पर सर्च किया था कि क्या होता है जब एक स्वस्थ्य व्यक्ति सक्सिनिलकोलाइन लेता है। किट में दो इंजेक्शन खुले मिले। पुलिस को शक है कि उसने फेंटानिल लिया था। इस इंजेक्शन का इस्तेमाल सर्जरी के दौरान और बाद में होने वाले गंभीर दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हम टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

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