उदयपुर, 11 जून (आईएएनएस)। राजस्थान के उदयपुर से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां बंदूक की दुकान में ब्लास्ट होने से काम कर रहे दो लोगों की मौत हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक बंदूक की दुकान में ब्लास्ट से मालिक और मजदूर की मौत हो गई।
धमाका इतना तेज था कि खिड़की और दरवाजों के परखच्चे उड़ गए। वहीं, आसपास के 300 मीटर के दायरे तक धमाके की आवाज सुनी गई।
जानकारी के मुताबिक हादसा राजेंद्र देवगौड़ा एंड कंपनी की बिल्डिंग में हुआ। यहां बंदूक खरीदने-बेचने और बनाने का काम होता है। दोपहर 3 बजे दो लोग काम कर रहे थे। इसी दौरान तेज धमाका हुआ और खिड़की-दरवाजे उखड़कर सड़क पर जा गिरे। धमाका इतना तेज था कि एक व्यक्ति का शव सीढ़ियों तो दूसरे का शव सड़क पर आ गया था।
जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को क्षत-विक्षत अवस्था में पड़े देखा। अब तक इनकी पहचान नहीं हो पाई है। घटनास्थल पर आईजी अजयपाल लाम्बा, एसपी योगेश गोयल पहुंचे हैं।
पुलिस ने दोनों मृतकों के शवों को बरामद करते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि दुकान में बंदूक बनाने का काम होता था। ऐसे में यहां बारूद का उपयोग भी किया जाता था।
–आईएएनएस
एकेएस/एबीएम
उदयपुर, 11 जून (आईएएनएस)। राजस्थान के उदयपुर से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां बंदूक की दुकान में ब्लास्ट होने से काम कर रहे दो लोगों की मौत हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक बंदूक की दुकान में ब्लास्ट से मालिक और मजदूर की मौत हो गई।
धमाका इतना तेज था कि खिड़की और दरवाजों के परखच्चे उड़ गए। वहीं, आसपास के 300 मीटर के दायरे तक धमाके की आवाज सुनी गई।
जानकारी के मुताबिक हादसा राजेंद्र देवगौड़ा एंड कंपनी की बिल्डिंग में हुआ। यहां बंदूक खरीदने-बेचने और बनाने का काम होता है। दोपहर 3 बजे दो लोग काम कर रहे थे। इसी दौरान तेज धमाका हुआ और खिड़की-दरवाजे उखड़कर सड़क पर जा गिरे। धमाका इतना तेज था कि एक व्यक्ति का शव सीढ़ियों तो दूसरे का शव सड़क पर आ गया था।
जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को क्षत-विक्षत अवस्था में पड़े देखा। अब तक इनकी पहचान नहीं हो पाई है। घटनास्थल पर आईजी अजयपाल लाम्बा, एसपी योगेश गोयल पहुंचे हैं।
पुलिस ने दोनों मृतकों के शवों को बरामद करते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि दुकान में बंदूक बनाने का काम होता था। ऐसे में यहां बारूद का उपयोग भी किया जाता था।
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