लखनऊ, 13 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्र सरकार में भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि आज हर उद्योग, हर क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है। स्वास्थ्य हो, कृषि हो, विनिर्माण हो, खुदरा कारोबार हो, बैंकिंग, वित्तीय सेवा या शिक्षा हो सभी जगह तकनीक की पहुंच है।
महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।
–आईएएनएस
विकेटी/एसकेपी
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लखनऊ, 13 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्र सरकार में भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि आज हर उद्योग, हर क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है। स्वास्थ्य हो, कृषि हो, विनिर्माण हो, खुदरा कारोबार हो, बैंकिंग, वित्तीय सेवा या शिक्षा हो सभी जगह तकनीक की पहुंच है।
महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।
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लखनऊ, 13 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्र सरकार में भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि आज हर उद्योग, हर क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है। स्वास्थ्य हो, कृषि हो, विनिर्माण हो, खुदरा कारोबार हो, बैंकिंग, वित्तीय सेवा या शिक्षा हो सभी जगह तकनीक की पहुंच है।
महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।
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लखनऊ, 13 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्र सरकार में भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि आज हर उद्योग, हर क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है। स्वास्थ्य हो, कृषि हो, विनिर्माण हो, खुदरा कारोबार हो, बैंकिंग, वित्तीय सेवा या शिक्षा हो सभी जगह तकनीक की पहुंच है।
महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।
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महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।
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महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।
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महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।
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लखनऊ, 13 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्र सरकार में भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि आज हर उद्योग, हर क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है। स्वास्थ्य हो, कृषि हो, विनिर्माण हो, खुदरा कारोबार हो, बैंकिंग, वित्तीय सेवा या शिक्षा हो सभी जगह तकनीक की पहुंच है।
महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।
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लखनऊ, 13 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्र सरकार में भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि आज हर उद्योग, हर क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है। स्वास्थ्य हो, कृषि हो, विनिर्माण हो, खुदरा कारोबार हो, बैंकिंग, वित्तीय सेवा या शिक्षा हो सभी जगह तकनीक की पहुंच है।
महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।
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महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।
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महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।
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महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।
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महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।
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महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
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महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।
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लखनऊ, 13 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्र सरकार में भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि आज हर उद्योग, हर क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है। स्वास्थ्य हो, कृषि हो, विनिर्माण हो, खुदरा कारोबार हो, बैंकिंग, वित्तीय सेवा या शिक्षा हो सभी जगह तकनीक की पहुंच है।
महेंद्र नाथ पांडेय लखनऊ में पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वकिर्ंग ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारोबार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग हो। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
पांडेय ने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।