नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग के अनुसार ही तैयार किए जाते हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा लोक सभा में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने सदन को बताया कि विगत कुछ वर्षों के दौरान भारत सरकार ने कौशल विकास और विशाल नेटवर्क बनाने पर ज्यादा जोर दिया है और भारी संख्या में युवाओं को कौशल प्रदान किया गया है।
दरअसल, कांग्रेस सदस्य यह जानना चाहते थे कि क्या सरकार बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि नौकरी के इच्छुक लोगों को काम मिल सके ? इसका जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, सदस्य को पता होना चाहिए कि पिछले कुछ साल के दौरान यानी कोविड के पहले, 2016 और 2021 के बीच, भारत सरकार ने स्किलिंग और एक विशाल नेटवर्क बनाने पर काफी जोर दिया है। वास्तव में भारी तादाद में युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। ये स्किलिंग प्रोग्राम लगभग पूरी तरह से मांग के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जहां उद्योगों की मांग यह निर्धारित करती है कि किन संस्थानों द्वारा कौन से कौशल प्रदान किए जाएं। इसलिए, उनकी जो गलतफहमियां हैं या उनकी समझ में जो कमी है कि ये कौशल कार्यक्रम हैं जो दिल्ली में विकसित किए जा रहे हैं और विभिन्न राज्यों, शहरों, गांवों और पंचायतों में चलाए जा रहे हैं, मैं उसे दूर करना चाहूंगा।
राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि कौशल विकास के कार्यक्रम पूर्ण रूप से सेक्टर स्किल काउंसिल के परामर्श से तैयार किए जाते हैं जो निश्चित तौर पर उद्योग के लिए सेतु का काम करती है। इसलिए, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग से प्रेरित होते हैं।
–आईएएनएस
एसटीपी/एएनएम
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नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग के अनुसार ही तैयार किए जाते हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा लोक सभा में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने सदन को बताया कि विगत कुछ वर्षों के दौरान भारत सरकार ने कौशल विकास और विशाल नेटवर्क बनाने पर ज्यादा जोर दिया है और भारी संख्या में युवाओं को कौशल प्रदान किया गया है।
दरअसल, कांग्रेस सदस्य यह जानना चाहते थे कि क्या सरकार बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि नौकरी के इच्छुक लोगों को काम मिल सके ? इसका जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, सदस्य को पता होना चाहिए कि पिछले कुछ साल के दौरान यानी कोविड के पहले, 2016 और 2021 के बीच, भारत सरकार ने स्किलिंग और एक विशाल नेटवर्क बनाने पर काफी जोर दिया है। वास्तव में भारी तादाद में युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। ये स्किलिंग प्रोग्राम लगभग पूरी तरह से मांग के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जहां उद्योगों की मांग यह निर्धारित करती है कि किन संस्थानों द्वारा कौन से कौशल प्रदान किए जाएं। इसलिए, उनकी जो गलतफहमियां हैं या उनकी समझ में जो कमी है कि ये कौशल कार्यक्रम हैं जो दिल्ली में विकसित किए जा रहे हैं और विभिन्न राज्यों, शहरों, गांवों और पंचायतों में चलाए जा रहे हैं, मैं उसे दूर करना चाहूंगा।
राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि कौशल विकास के कार्यक्रम पूर्ण रूप से सेक्टर स्किल काउंसिल के परामर्श से तैयार किए जाते हैं जो निश्चित तौर पर उद्योग के लिए सेतु का काम करती है। इसलिए, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग से प्रेरित होते हैं।
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नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग के अनुसार ही तैयार किए जाते हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा लोक सभा में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने सदन को बताया कि विगत कुछ वर्षों के दौरान भारत सरकार ने कौशल विकास और विशाल नेटवर्क बनाने पर ज्यादा जोर दिया है और भारी संख्या में युवाओं को कौशल प्रदान किया गया है।
दरअसल, कांग्रेस सदस्य यह जानना चाहते थे कि क्या सरकार बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि नौकरी के इच्छुक लोगों को काम मिल सके ? इसका जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, सदस्य को पता होना चाहिए कि पिछले कुछ साल के दौरान यानी कोविड के पहले, 2016 और 2021 के बीच, भारत सरकार ने स्किलिंग और एक विशाल नेटवर्क बनाने पर काफी जोर दिया है। वास्तव में भारी तादाद में युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। ये स्किलिंग प्रोग्राम लगभग पूरी तरह से मांग के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जहां उद्योगों की मांग यह निर्धारित करती है कि किन संस्थानों द्वारा कौन से कौशल प्रदान किए जाएं। इसलिए, उनकी जो गलतफहमियां हैं या उनकी समझ में जो कमी है कि ये कौशल कार्यक्रम हैं जो दिल्ली में विकसित किए जा रहे हैं और विभिन्न राज्यों, शहरों, गांवों और पंचायतों में चलाए जा रहे हैं, मैं उसे दूर करना चाहूंगा।
राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि कौशल विकास के कार्यक्रम पूर्ण रूप से सेक्टर स्किल काउंसिल के परामर्श से तैयार किए जाते हैं जो निश्चित तौर पर उद्योग के लिए सेतु का काम करती है। इसलिए, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग से प्रेरित होते हैं।
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नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग के अनुसार ही तैयार किए जाते हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा लोक सभा में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने सदन को बताया कि विगत कुछ वर्षों के दौरान भारत सरकार ने कौशल विकास और विशाल नेटवर्क बनाने पर ज्यादा जोर दिया है और भारी संख्या में युवाओं को कौशल प्रदान किया गया है।
दरअसल, कांग्रेस सदस्य यह जानना चाहते थे कि क्या सरकार बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि नौकरी के इच्छुक लोगों को काम मिल सके ? इसका जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, सदस्य को पता होना चाहिए कि पिछले कुछ साल के दौरान यानी कोविड के पहले, 2016 और 2021 के बीच, भारत सरकार ने स्किलिंग और एक विशाल नेटवर्क बनाने पर काफी जोर दिया है। वास्तव में भारी तादाद में युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। ये स्किलिंग प्रोग्राम लगभग पूरी तरह से मांग के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जहां उद्योगों की मांग यह निर्धारित करती है कि किन संस्थानों द्वारा कौन से कौशल प्रदान किए जाएं। इसलिए, उनकी जो गलतफहमियां हैं या उनकी समझ में जो कमी है कि ये कौशल कार्यक्रम हैं जो दिल्ली में विकसित किए जा रहे हैं और विभिन्न राज्यों, शहरों, गांवों और पंचायतों में चलाए जा रहे हैं, मैं उसे दूर करना चाहूंगा।
राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि कौशल विकास के कार्यक्रम पूर्ण रूप से सेक्टर स्किल काउंसिल के परामर्श से तैयार किए जाते हैं जो निश्चित तौर पर उद्योग के लिए सेतु का काम करती है। इसलिए, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग से प्रेरित होते हैं।
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राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि कौशल विकास के कार्यक्रम पूर्ण रूप से सेक्टर स्किल काउंसिल के परामर्श से तैयार किए जाते हैं जो निश्चित तौर पर उद्योग के लिए सेतु का काम करती है। इसलिए, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग से प्रेरित होते हैं।
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दरअसल, कांग्रेस सदस्य यह जानना चाहते थे कि क्या सरकार बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि नौकरी के इच्छुक लोगों को काम मिल सके ? इसका जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, सदस्य को पता होना चाहिए कि पिछले कुछ साल के दौरान यानी कोविड के पहले, 2016 और 2021 के बीच, भारत सरकार ने स्किलिंग और एक विशाल नेटवर्क बनाने पर काफी जोर दिया है। वास्तव में भारी तादाद में युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। ये स्किलिंग प्रोग्राम लगभग पूरी तरह से मांग के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जहां उद्योगों की मांग यह निर्धारित करती है कि किन संस्थानों द्वारा कौन से कौशल प्रदान किए जाएं। इसलिए, उनकी जो गलतफहमियां हैं या उनकी समझ में जो कमी है कि ये कौशल कार्यक्रम हैं जो दिल्ली में विकसित किए जा रहे हैं और विभिन्न राज्यों, शहरों, गांवों और पंचायतों में चलाए जा रहे हैं, मैं उसे दूर करना चाहूंगा।
राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि कौशल विकास के कार्यक्रम पूर्ण रूप से सेक्टर स्किल काउंसिल के परामर्श से तैयार किए जाते हैं जो निश्चित तौर पर उद्योग के लिए सेतु का काम करती है। इसलिए, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग से प्रेरित होते हैं।
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दरअसल, कांग्रेस सदस्य यह जानना चाहते थे कि क्या सरकार बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि नौकरी के इच्छुक लोगों को काम मिल सके ? इसका जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, सदस्य को पता होना चाहिए कि पिछले कुछ साल के दौरान यानी कोविड के पहले, 2016 और 2021 के बीच, भारत सरकार ने स्किलिंग और एक विशाल नेटवर्क बनाने पर काफी जोर दिया है। वास्तव में भारी तादाद में युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। ये स्किलिंग प्रोग्राम लगभग पूरी तरह से मांग के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जहां उद्योगों की मांग यह निर्धारित करती है कि किन संस्थानों द्वारा कौन से कौशल प्रदान किए जाएं। इसलिए, उनकी जो गलतफहमियां हैं या उनकी समझ में जो कमी है कि ये कौशल कार्यक्रम हैं जो दिल्ली में विकसित किए जा रहे हैं और विभिन्न राज्यों, शहरों, गांवों और पंचायतों में चलाए जा रहे हैं, मैं उसे दूर करना चाहूंगा।
राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि कौशल विकास के कार्यक्रम पूर्ण रूप से सेक्टर स्किल काउंसिल के परामर्श से तैयार किए जाते हैं जो निश्चित तौर पर उद्योग के लिए सेतु का काम करती है। इसलिए, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग से प्रेरित होते हैं।
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दरअसल, कांग्रेस सदस्य यह जानना चाहते थे कि क्या सरकार बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि नौकरी के इच्छुक लोगों को काम मिल सके ? इसका जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, सदस्य को पता होना चाहिए कि पिछले कुछ साल के दौरान यानी कोविड के पहले, 2016 और 2021 के बीच, भारत सरकार ने स्किलिंग और एक विशाल नेटवर्क बनाने पर काफी जोर दिया है। वास्तव में भारी तादाद में युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। ये स्किलिंग प्रोग्राम लगभग पूरी तरह से मांग के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जहां उद्योगों की मांग यह निर्धारित करती है कि किन संस्थानों द्वारा कौन से कौशल प्रदान किए जाएं। इसलिए, उनकी जो गलतफहमियां हैं या उनकी समझ में जो कमी है कि ये कौशल कार्यक्रम हैं जो दिल्ली में विकसित किए जा रहे हैं और विभिन्न राज्यों, शहरों, गांवों और पंचायतों में चलाए जा रहे हैं, मैं उसे दूर करना चाहूंगा।
राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि कौशल विकास के कार्यक्रम पूर्ण रूप से सेक्टर स्किल काउंसिल के परामर्श से तैयार किए जाते हैं जो निश्चित तौर पर उद्योग के लिए सेतु का काम करती है। इसलिए, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग से प्रेरित होते हैं।
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दरअसल, कांग्रेस सदस्य यह जानना चाहते थे कि क्या सरकार बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि नौकरी के इच्छुक लोगों को काम मिल सके ? इसका जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, सदस्य को पता होना चाहिए कि पिछले कुछ साल के दौरान यानी कोविड के पहले, 2016 और 2021 के बीच, भारत सरकार ने स्किलिंग और एक विशाल नेटवर्क बनाने पर काफी जोर दिया है। वास्तव में भारी तादाद में युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। ये स्किलिंग प्रोग्राम लगभग पूरी तरह से मांग के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जहां उद्योगों की मांग यह निर्धारित करती है कि किन संस्थानों द्वारा कौन से कौशल प्रदान किए जाएं। इसलिए, उनकी जो गलतफहमियां हैं या उनकी समझ में जो कमी है कि ये कौशल कार्यक्रम हैं जो दिल्ली में विकसित किए जा रहे हैं और विभिन्न राज्यों, शहरों, गांवों और पंचायतों में चलाए जा रहे हैं, मैं उसे दूर करना चाहूंगा।
राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि कौशल विकास के कार्यक्रम पूर्ण रूप से सेक्टर स्किल काउंसिल के परामर्श से तैयार किए जाते हैं जो निश्चित तौर पर उद्योग के लिए सेतु का काम करती है। इसलिए, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग से प्रेरित होते हैं।
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दरअसल, कांग्रेस सदस्य यह जानना चाहते थे कि क्या सरकार बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि नौकरी के इच्छुक लोगों को काम मिल सके ? इसका जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, सदस्य को पता होना चाहिए कि पिछले कुछ साल के दौरान यानी कोविड के पहले, 2016 और 2021 के बीच, भारत सरकार ने स्किलिंग और एक विशाल नेटवर्क बनाने पर काफी जोर दिया है। वास्तव में भारी तादाद में युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। ये स्किलिंग प्रोग्राम लगभग पूरी तरह से मांग के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जहां उद्योगों की मांग यह निर्धारित करती है कि किन संस्थानों द्वारा कौन से कौशल प्रदान किए जाएं। इसलिए, उनकी जो गलतफहमियां हैं या उनकी समझ में जो कमी है कि ये कौशल कार्यक्रम हैं जो दिल्ली में विकसित किए जा रहे हैं और विभिन्न राज्यों, शहरों, गांवों और पंचायतों में चलाए जा रहे हैं, मैं उसे दूर करना चाहूंगा।
राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि कौशल विकास के कार्यक्रम पूर्ण रूप से सेक्टर स्किल काउंसिल के परामर्श से तैयार किए जाते हैं जो निश्चित तौर पर उद्योग के लिए सेतु का काम करती है। इसलिए, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग से प्रेरित होते हैं।
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दरअसल, कांग्रेस सदस्य यह जानना चाहते थे कि क्या सरकार बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि नौकरी के इच्छुक लोगों को काम मिल सके ? इसका जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, सदस्य को पता होना चाहिए कि पिछले कुछ साल के दौरान यानी कोविड के पहले, 2016 और 2021 के बीच, भारत सरकार ने स्किलिंग और एक विशाल नेटवर्क बनाने पर काफी जोर दिया है। वास्तव में भारी तादाद में युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। ये स्किलिंग प्रोग्राम लगभग पूरी तरह से मांग के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जहां उद्योगों की मांग यह निर्धारित करती है कि किन संस्थानों द्वारा कौन से कौशल प्रदान किए जाएं। इसलिए, उनकी जो गलतफहमियां हैं या उनकी समझ में जो कमी है कि ये कौशल कार्यक्रम हैं जो दिल्ली में विकसित किए जा रहे हैं और विभिन्न राज्यों, शहरों, गांवों और पंचायतों में चलाए जा रहे हैं, मैं उसे दूर करना चाहूंगा।
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दरअसल, कांग्रेस सदस्य यह जानना चाहते थे कि क्या सरकार बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि नौकरी के इच्छुक लोगों को काम मिल सके ? इसका जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, सदस्य को पता होना चाहिए कि पिछले कुछ साल के दौरान यानी कोविड के पहले, 2016 और 2021 के बीच, भारत सरकार ने स्किलिंग और एक विशाल नेटवर्क बनाने पर काफी जोर दिया है। वास्तव में भारी तादाद में युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। ये स्किलिंग प्रोग्राम लगभग पूरी तरह से मांग के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जहां उद्योगों की मांग यह निर्धारित करती है कि किन संस्थानों द्वारा कौन से कौशल प्रदान किए जाएं। इसलिए, उनकी जो गलतफहमियां हैं या उनकी समझ में जो कमी है कि ये कौशल कार्यक्रम हैं जो दिल्ली में विकसित किए जा रहे हैं और विभिन्न राज्यों, शहरों, गांवों और पंचायतों में चलाए जा रहे हैं, मैं उसे दूर करना चाहूंगा।
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दरअसल, कांग्रेस सदस्य यह जानना चाहते थे कि क्या सरकार बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि नौकरी के इच्छुक लोगों को काम मिल सके ? इसका जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, सदस्य को पता होना चाहिए कि पिछले कुछ साल के दौरान यानी कोविड के पहले, 2016 और 2021 के बीच, भारत सरकार ने स्किलिंग और एक विशाल नेटवर्क बनाने पर काफी जोर दिया है। वास्तव में भारी तादाद में युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। ये स्किलिंग प्रोग्राम लगभग पूरी तरह से मांग के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जहां उद्योगों की मांग यह निर्धारित करती है कि किन संस्थानों द्वारा कौन से कौशल प्रदान किए जाएं। इसलिए, उनकी जो गलतफहमियां हैं या उनकी समझ में जो कमी है कि ये कौशल कार्यक्रम हैं जो दिल्ली में विकसित किए जा रहे हैं और विभिन्न राज्यों, शहरों, गांवों और पंचायतों में चलाए जा रहे हैं, मैं उसे दूर करना चाहूंगा।
राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि कौशल विकास के कार्यक्रम पूर्ण रूप से सेक्टर स्किल काउंसिल के परामर्श से तैयार किए जाते हैं जो निश्चित तौर पर उद्योग के लिए सेतु का काम करती है। इसलिए, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग से प्रेरित होते हैं।
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नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग के अनुसार ही तैयार किए जाते हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा लोक सभा में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने सदन को बताया कि विगत कुछ वर्षों के दौरान भारत सरकार ने कौशल विकास और विशाल नेटवर्क बनाने पर ज्यादा जोर दिया है और भारी संख्या में युवाओं को कौशल प्रदान किया गया है।
दरअसल, कांग्रेस सदस्य यह जानना चाहते थे कि क्या सरकार बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि नौकरी के इच्छुक लोगों को काम मिल सके ? इसका जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, सदस्य को पता होना चाहिए कि पिछले कुछ साल के दौरान यानी कोविड के पहले, 2016 और 2021 के बीच, भारत सरकार ने स्किलिंग और एक विशाल नेटवर्क बनाने पर काफी जोर दिया है। वास्तव में भारी तादाद में युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। ये स्किलिंग प्रोग्राम लगभग पूरी तरह से मांग के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जहां उद्योगों की मांग यह निर्धारित करती है कि किन संस्थानों द्वारा कौन से कौशल प्रदान किए जाएं। इसलिए, उनकी जो गलतफहमियां हैं या उनकी समझ में जो कमी है कि ये कौशल कार्यक्रम हैं जो दिल्ली में विकसित किए जा रहे हैं और विभिन्न राज्यों, शहरों, गांवों और पंचायतों में चलाए जा रहे हैं, मैं उसे दूर करना चाहूंगा।
राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि कौशल विकास के कार्यक्रम पूर्ण रूप से सेक्टर स्किल काउंसिल के परामर्श से तैयार किए जाते हैं जो निश्चित तौर पर उद्योग के लिए सेतु का काम करती है। इसलिए, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कौशल विकास कार्यक्रम उद्योगों की मांग से प्रेरित होते हैं।