कोलकाता, 5 मार्च (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने राजीव गांधी को लेकर मणिशंकर अय्यर के विवादास्पद बयान, प्रदेश में हाल ही में हुए छात्र आंदोलनों और पुलिस अधिकारियों के कृत्यों समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। इस दौरान, मणिशंकर अय्यर के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि उनके बयान का कोई महत्व नहीं दिया जाना चाहिए।
राजीव गांधी को लेकर मणिशंकर अय्यर के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शुभंकर सरकार ने कहा कि मैं उस राजीव गांधी को जानता हूं, जिन्होंने वोट देने की उम्र को 21 साल से घटाकर 18 किया और एक ऐतिहासिक कदम उठाया। राजीव का कहना था कि कोई भी व्यक्ति तब तक आजाद नहीं है, जब तक कि आखिरी व्यक्ति आज़ाद न हो, जिसका मतलब है कि यदि कोई सुविधा एक व्यक्ति को दी जाए, लेकिन वह आखिरी व्यक्ति तक न पहुंचे, तो उसका कोई अर्थ नहीं। मणिशंकर अय्यर अब यह बात इसलिए उठा रहे हैं ताकि अपनी अहमियत दिखा सकें। मेरा मानना है कि चुनाव से पहले मणिशंकर हमेशा कुछ ऐसा कहते हैं, जिससे हमारे विरोधियों को फायदा मिलता है। उनके किसी भी बयान को महत्व नहीं देना चाहिए।
तीन मार्च को एआईडीएसओ और एसएफआई के छात्रों द्वारा पश्चिम बंगाल के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में हड़ताल किए जाने के बाद मेदिनीपुर में कुछ छात्राओं की गिरफ्तारी के मामले में पुलिस पर मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के आरोप लगे थे। इस पर शुभंकर सरकार ने गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह पुलिस अधिकारी प्रमोशन के लिए ऐसा कर रही थी। उसे यह लगता था कि अगर छात्रों पर अत्याचार होगा तो राज्य सरकार खुश होगी। मेरा गृह मंत्रालय और गृह मंत्री से निवेदन है कि इस पुलिस अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मुझे उम्मीद है कि इस मामले में जल्दी जांच शुरू होगी और उक्त अधिकारी को बर्खास्त किया जाएगा।
जादवपुर विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति भास्कर गुप्ता की तबीयत खराब हो गई है। आज छात्र उनका इंतजार कर रहे थे, क्योंकि वह कैंपस आने वाले थे, लेकिन डॉक्टर के निर्देशानुसार अब वह बेड रेस्ट पर हैं। इस बारे में पूछे जाने पर शुभंकर सरकार ने हास्यपूर्ण अंदाज में कहा कि जादवपुर विश्वविद्यालय कांड पर ब्रात्य बसु जी एक नाटक लिख सकते हैं और बेहतरीन तरीके से उसका मंचन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में जो घटना हुई और छात्रों का वहां इंतजार, इस पर एक शानदार ड्रामा लिखा जाना चाहिए, जिसे विश्वविद्यालय के हॉल में प्रदर्शित किया जाए।
जब उनसे कोलकाता उच्च न्यायालय द्वारा जादवपुर विश्वविद्यालय कांड में पुलिस की विफलता पर दिए गए आदेश को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि हमारे देश का कानून सबके लिए समान है। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कानून का पालन किया जाए। माननीय उच्च न्यायालय का आदेश महत्वपूर्ण है और इसे पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए।
–आईएएनएस
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