पटना, 28 सितंबर (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने रविवार को पटना में तीसरे ‘उन्मेष’ अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘उन्मेष’ नए विचारों, कथाओं और दृष्टिकोणों के जागरण का प्रतीक है, जो भाषा, संस्कृति, भूगोल और विचारधारा की सीमाओं को जोड़ते हुए विविधता का उत्सव मनाता है। उन्होंने विश्वास जताया कि ‘उन्मेष’ साहित्यिक संस्कृति का एक मजबूत आधार बनेगा और भविष्य की पीढ़ियों के लेखकों, विचारकों और पाठकों को प्रेरित करेगा।
उपराष्ट्रपति ने इस दौरान अपनी युवावस्था की यादें भी शेयर कीं, जब वे मात्र 19 साल की आयु में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व वाले संपूर्ण क्रांति आंदोलन से जुड़े थे।
कार्यक्रम को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “यह आयोजन एशिया का सबसे बड़ा साहित्यिक उत्सव है, जिसे साहित्य अकादेमी और संगीत नाटक अकादेमी, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस महोत्सव में दिनभर साहित्य से जुड़ी गतिविधियों ने बौद्धिक वातावरण को समृद्ध किया, वहीं शाम को रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने उत्सव को और भव्य बना दिया।”
उन्होंने बताया कि 75 से अधिक कार्यक्रमों में 100 भाषाओं के 575 से अधिक लेखक और 13 देशों के विद्वान लेखकों की सहभागिता ने इस आयोजन को अंतरराष्ट्रीय आयाम दिया। यह उत्सव न सिर्फ साहित्य का उत्सव है, बल्कि भारत की भाषाई, सांस्कृतिक और वैचारिक विविधता का उत्सव भी है, जिसने बिहार की धरती को गौरवान्वित किया।
इससे पहले, पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली आधिकारिक बिहार यात्रा पर पहुंचे उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन का पटना एयरपोर्ट पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने पटना के जेपी गोलंबर पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण को पुष्पांजलि अर्पित की।
–आईएएनएस
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