पटना, 3 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार में महागठबंधन सरकार के पांच महीने पूरे होने वाले हैं, लेकिन पहली बड़ी दरार सोमवार को तब सामने आई जब जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने राजद के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से अपने विधायक को नियंत्रित करने के लिए कहा।
कुशवाहा ने उन्हें लालू प्रसाद-राबड़ी देवी सरकारों के दौर को याद करने के लिए भी कहा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे व्यक्ति ने सत्ता में आने के बाद स्थिति को कैसे भुनाया। उन्होंने तेजस्वी यादव से अपने विधायक सुधाकर सिंह को नियंत्रित करने के लिए भी कहा, नहीं तो यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा।
कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद से ही सुधाकर सिंह नीतीश कुमार पर हमलावर हैं। उन्होंने हाल ही में नीतीश कुमार की तुलना महाभारत की शिकंदी से की, जिसने जद-यू नेताओं के बीच नाराजगी पैदा कर दी।
उन्होंने कहा, तेजस्वी यादव जी, कृपया अपने एक विधायक के बयान को ध्यान से सुनें और बयान देते समय उसे मर्यादा के महत्व के बारे में बताएं। वह शिकंदी शब्द का उपयोग उस व्यक्ति के लिए कर रहा है जिसने मर्दानगी दिखाई और खौफनाक से उबारने में कामयाब रहा। स्थिति ऐसे समय में है जब कोई भी उनके (लालू प्रसाद और राबड़ी देवी) खिलाफ कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं कर रहा है।
नीतीश कुमार के बेहद करीबी जद-यू नेता ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में जंगलराज शब्द का इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन फिर भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खुले तौर पर कड़ा बयान दिया।
कुशवाहा ने कहा, सुधाकर सिंह के बयान से करोड़ों जद-यू समर्थक आहत हुए हैं, जो समता पार्टी के गठन से नीतीश कुमार से जुड़े हैं, जो बाद में जनता दल-युनाइटेड में बदल गई। आपको (तेजस्वी यादव) सुधाकर सिंह को सूचित करना चाहिए कि नीतीश कुमार को बिहार को भयावह स्थिति से बाहर निकालने के लिए याद किया जाएगा।
उन्होंने कहा, जनता के आशीर्वाद से नीतीश कुमार ने सबसे ज्यादा बार बिहार का मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया है और इतने बड़े नेताओं के लिए अगर कोई नाइट गार्ड कह रहा है तो यह वास्तव में बिहार की जनता का अपमान है। आपके (तेजस्वी यादव) और गठबंधन के लिए इस तरह का बयान देना बंद करना ही बेहतर होगा।
–आईएएनएस
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