अगरतला, 14 मई (आईएएनएस)। नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) का एक उग्रवादी स्वर्ण कुमार त्रिपुरा, जो कई मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, मंगलवार को त्रिपुरा के सेपाहिजला जिले में केंद्रीय जेल से भाग गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने कहा कि मंगलवार सुबह नियमित जांच के दौरान कैदी को लापता पाया गया।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, हत्या और अपहरण सहित कई मामलों में दोषी पाए जाने के बाद एनएलएफटी कैडर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
राज्यभर के पुलिस स्टेशनों को सतर्क कर दिया गया है और दोषी का पता लगाने के लिए गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
दोषी को पड़ोसी बांग्लादेश में घुसने से रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
यह उग्रवादी पहले भी दो बार भाग चुका था – 2016 में केंद्रीय जेल से और 2022 में कंचनपुर उप-जेल से। उसे 2023 में फिर से गिरफ्तार किया गया था और तब से वह केंद्रीय जेल में बंद था।
सेपाहिजाला के पुलिस अधीक्षक बोगती जगदीश्वर रेड्डी ने जेल से भागने के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए बिशालगढ़ की केंद्रीय जेल का दौरा किया।
यहां से करीब 30 किमी दूर स्थित केंद्रीय जेल में करीब 650 कैदी हैं।
बांग्लादेश में स्थित एनएलएफटी एक प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन है।
–आईएएनएस
एसजीके/
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अगरतला, 14 मई (आईएएनएस)। नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) का एक उग्रवादी स्वर्ण कुमार त्रिपुरा, जो कई मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, मंगलवार को त्रिपुरा के सेपाहिजला जिले में केंद्रीय जेल से भाग गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने कहा कि मंगलवार सुबह नियमित जांच के दौरान कैदी को लापता पाया गया।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, हत्या और अपहरण सहित कई मामलों में दोषी पाए जाने के बाद एनएलएफटी कैडर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
राज्यभर के पुलिस स्टेशनों को सतर्क कर दिया गया है और दोषी का पता लगाने के लिए गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
दोषी को पड़ोसी बांग्लादेश में घुसने से रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
यह उग्रवादी पहले भी दो बार भाग चुका था – 2016 में केंद्रीय जेल से और 2022 में कंचनपुर उप-जेल से। उसे 2023 में फिर से गिरफ्तार किया गया था और तब से वह केंद्रीय जेल में बंद था।
सेपाहिजाला के पुलिस अधीक्षक बोगती जगदीश्वर रेड्डी ने जेल से भागने के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए बिशालगढ़ की केंद्रीय जेल का दौरा किया।
यहां से करीब 30 किमी दूर स्थित केंद्रीय जेल में करीब 650 कैदी हैं।
बांग्लादेश में स्थित एनएलएफटी एक प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन है।
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अगरतला, 14 मई (आईएएनएस)। नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) का एक उग्रवादी स्वर्ण कुमार त्रिपुरा, जो कई मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, मंगलवार को त्रिपुरा के सेपाहिजला जिले में केंद्रीय जेल से भाग गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने कहा कि मंगलवार सुबह नियमित जांच के दौरान कैदी को लापता पाया गया।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, हत्या और अपहरण सहित कई मामलों में दोषी पाए जाने के बाद एनएलएफटी कैडर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
राज्यभर के पुलिस स्टेशनों को सतर्क कर दिया गया है और दोषी का पता लगाने के लिए गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
दोषी को पड़ोसी बांग्लादेश में घुसने से रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
यह उग्रवादी पहले भी दो बार भाग चुका था – 2016 में केंद्रीय जेल से और 2022 में कंचनपुर उप-जेल से। उसे 2023 में फिर से गिरफ्तार किया गया था और तब से वह केंद्रीय जेल में बंद था।
सेपाहिजाला के पुलिस अधीक्षक बोगती जगदीश्वर रेड्डी ने जेल से भागने के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए बिशालगढ़ की केंद्रीय जेल का दौरा किया।
यहां से करीब 30 किमी दूर स्थित केंद्रीय जेल में करीब 650 कैदी हैं।
बांग्लादेश में स्थित एनएलएफटी एक प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन है।
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अगरतला, 14 मई (आईएएनएस)। नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) का एक उग्रवादी स्वर्ण कुमार त्रिपुरा, जो कई मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, मंगलवार को त्रिपुरा के सेपाहिजला जिले में केंद्रीय जेल से भाग गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने कहा कि मंगलवार सुबह नियमित जांच के दौरान कैदी को लापता पाया गया।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, हत्या और अपहरण सहित कई मामलों में दोषी पाए जाने के बाद एनएलएफटी कैडर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
राज्यभर के पुलिस स्टेशनों को सतर्क कर दिया गया है और दोषी का पता लगाने के लिए गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
दोषी को पड़ोसी बांग्लादेश में घुसने से रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
यह उग्रवादी पहले भी दो बार भाग चुका था – 2016 में केंद्रीय जेल से और 2022 में कंचनपुर उप-जेल से। उसे 2023 में फिर से गिरफ्तार किया गया था और तब से वह केंद्रीय जेल में बंद था।
सेपाहिजाला के पुलिस अधीक्षक बोगती जगदीश्वर रेड्डी ने जेल से भागने के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए बिशालगढ़ की केंद्रीय जेल का दौरा किया।
यहां से करीब 30 किमी दूर स्थित केंद्रीय जेल में करीब 650 कैदी हैं।
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राज्यभर के पुलिस स्टेशनों को सतर्क कर दिया गया है और दोषी का पता लगाने के लिए गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
दोषी को पड़ोसी बांग्लादेश में घुसने से रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
यह उग्रवादी पहले भी दो बार भाग चुका था – 2016 में केंद्रीय जेल से और 2022 में कंचनपुर उप-जेल से। उसे 2023 में फिर से गिरफ्तार किया गया था और तब से वह केंद्रीय जेल में बंद था।
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राज्यभर के पुलिस स्टेशनों को सतर्क कर दिया गया है और दोषी का पता लगाने के लिए गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
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यह उग्रवादी पहले भी दो बार भाग चुका था – 2016 में केंद्रीय जेल से और 2022 में कंचनपुर उप-जेल से। उसे 2023 में फिर से गिरफ्तार किया गया था और तब से वह केंद्रीय जेल में बंद था।
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यहां से करीब 30 किमी दूर स्थित केंद्रीय जेल में करीब 650 कैदी हैं।
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पुलिस ने कहा कि मंगलवार सुबह नियमित जांच के दौरान कैदी को लापता पाया गया।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, हत्या और अपहरण सहित कई मामलों में दोषी पाए जाने के बाद एनएलएफटी कैडर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
राज्यभर के पुलिस स्टेशनों को सतर्क कर दिया गया है और दोषी का पता लगाने के लिए गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
दोषी को पड़ोसी बांग्लादेश में घुसने से रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
यह उग्रवादी पहले भी दो बार भाग चुका था – 2016 में केंद्रीय जेल से और 2022 में कंचनपुर उप-जेल से। उसे 2023 में फिर से गिरफ्तार किया गया था और तब से वह केंद्रीय जेल में बंद था।
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राज्यभर के पुलिस स्टेशनों को सतर्क कर दिया गया है और दोषी का पता लगाने के लिए गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
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पुलिस ने कहा कि मंगलवार सुबह नियमित जांच के दौरान कैदी को लापता पाया गया।
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पुलिस ने कहा कि मंगलवार सुबह नियमित जांच के दौरान कैदी को लापता पाया गया।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, हत्या और अपहरण सहित कई मामलों में दोषी पाए जाने के बाद एनएलएफटी कैडर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
राज्यभर के पुलिस स्टेशनों को सतर्क कर दिया गया है और दोषी का पता लगाने के लिए गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
दोषी को पड़ोसी बांग्लादेश में घुसने से रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
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सेपाहिजाला के पुलिस अधीक्षक बोगती जगदीश्वर रेड्डी ने जेल से भागने के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए बिशालगढ़ की केंद्रीय जेल का दौरा किया।
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पुलिस ने कहा कि मंगलवार सुबह नियमित जांच के दौरान कैदी को लापता पाया गया।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, हत्या और अपहरण सहित कई मामलों में दोषी पाए जाने के बाद एनएलएफटी कैडर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
राज्यभर के पुलिस स्टेशनों को सतर्क कर दिया गया है और दोषी का पता लगाने के लिए गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
दोषी को पड़ोसी बांग्लादेश में घुसने से रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
यह उग्रवादी पहले भी दो बार भाग चुका था – 2016 में केंद्रीय जेल से और 2022 में कंचनपुर उप-जेल से। उसे 2023 में फिर से गिरफ्तार किया गया था और तब से वह केंद्रीय जेल में बंद था।
सेपाहिजाला के पुलिस अधीक्षक बोगती जगदीश्वर रेड्डी ने जेल से भागने के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए बिशालगढ़ की केंद्रीय जेल का दौरा किया।
यहां से करीब 30 किमी दूर स्थित केंद्रीय जेल में करीब 650 कैदी हैं।
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पुलिस ने कहा कि मंगलवार सुबह नियमित जांच के दौरान कैदी को लापता पाया गया।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, हत्या और अपहरण सहित कई मामलों में दोषी पाए जाने के बाद एनएलएफटी कैडर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
राज्यभर के पुलिस स्टेशनों को सतर्क कर दिया गया है और दोषी का पता लगाने के लिए गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
दोषी को पड़ोसी बांग्लादेश में घुसने से रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
यह उग्रवादी पहले भी दो बार भाग चुका था – 2016 में केंद्रीय जेल से और 2022 में कंचनपुर उप-जेल से। उसे 2023 में फिर से गिरफ्तार किया गया था और तब से वह केंद्रीय जेल में बंद था।
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