नई दिल्ली, 14 दिसम्बर (आईएएनएस)। एक उच्च-स्तरीय संसदीय पैनल ने रेखांकित किया है कि देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों को विशेष रूप से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कपड़े, भोजन और उपकरणों की आपूर्ति में कोई प्रक्रियात्मक अंतराल नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति (पीएसी) ने बुधवार को लोकसभा में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में कहा कि उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सैनिकों के लिए सर्दियों के कपड़ों की खरीद और साथ ही उनके आवास की स्थिति में सुधार के लिए परियोजना के कार्यान्वयन में अत्यधिक देरी हुई है।
पैनल ने आगे उनके उच्च ऊंचाई वाले कपड़ों और अन्य साज-सामान के तत्काल सुधार की सिफारिश की। चौधरी ने समिति की सिफारिशों को साझा करते हुए मीडियाकर्मियों से कहा कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों की रहने की स्थिति में सुधार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कड़ाके की ठंड के महीनों के दौरान लद्दाख समेत कुछ आगे के स्थानों में तापमान शून्य से 40 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है। प्रोविजनिंग, प्रोक्योरमेंट एंड इश्यू ऑफ हाई एल्टीट्यूड क्लोथिंग, इक्विपमेंट, राशन एंड हाउसिंग शीर्षक वाली रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ऐसे उदाहरण थे जहां सैनिकों के लिए कपड़ों की खरीद में देरी चार साल तक चली।
इस संदर्भ में, पैनल ने सिफारिश की कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के खचरें को पूरा करने के लिए वित्तीय संसाधनों का अलग से आवंटन होना चाहिए। इसमें आगे कहा गया, उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों का स्वास्थ्य और स्वच्छता कथित तौर पर प्रक्रियागत देरी, गैर-आपूर्ति या आवश्यकता के समय पुनर्नवीनीकरण या वैकल्पिक वस्तुओं की आपूर्ति के परिणामस्वरूप प्रभावित हुआ था।
–आईएएनएस
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