नई दिल्ली, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल अर्थव्यवस्था पर अकादमिक और अनुसंधान सहयोग के लिए आईआईआईटी-दिल्ली ने पोलैंड के साथ एक समझौता किया है। यह साझेदारी आईआईआईटी-दिल्ली व पोलैंड को जॉइंट रिसर्च, डॉक्टरेट स्तर पर संयुक्त शिक्षा, संगठन और सेमिनार के क्षेत्रों में मदद करेगी।
इस साझेदारी से धन प्राप्त करने के लिए संयुक्त रिसर्च परियोजनाएं यूरोपीय आयोग और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के समक्ष प्रस्तुत की जा सकेंगी। आईआईआईटी-दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंजन बोस ने पोलैंड के आईडीईएएस एनसीबीआर के साथ सहयोग पर कहा, “आईडीईएएस एनसीबीआर के साथ यह रणनीतिक साझेदारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में ज्ञान और नवाचार, डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करती है।
आईआईआईटी-दिल्ली और आईडीईएएस एनसीबीआर का उद्देश्य शैक्षणिक और अनुसंधान प्रयासों के लिए एकजुट होकर, एक सहक्रियात्मक वातावरण बनाना है, जो दोनों संस्थानों को लाभान्वित करेगा और इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वैश्विक प्रगति में योगदान देगा। इस समझौता के माध्यम से, हम एक सहयोग को बढ़ावा देने की इच्छा रखते हैं। एआई अनुसंधान और इसके व्यावहारिक अनुप्रयोगों के भविष्य को आकार देने के लिए विचारों और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान को सक्षम बनाएंगे।”
वहीं, पोलैंड की संस्था के अध्यक्ष, प्रोफेसर पियोट्र सैंकोव्स्की ने कहा कि यह समझौता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अकादमिक और अनुसंधान सहयोग में नया अध्याय चिह्नित करता है। तेजी से विकसित हो रहे इस क्षेत्र में, हमारा लक्ष्य ज्ञान का विस्तार करना, रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना और विश्व नेताओं की आने वाली पीढ़ी को एक मजबूत और स्केलेबल बुनियादी ढांचे से लैस करना है।
यह समझौता अत्याधुनिक अनुसंधान विकसित करने और बौद्धिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए हमारी आम प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए तकनीकी उत्कृष्टता और सामाजिक प्रभाव की दिशा में एक सहकारी यात्रा के लिए आधार तैयार करता है। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में संचालित एक अनुसंधान और विकास केंद्र है, जिसका मिशन अकादमिक और व्यावसायिक समुदायों को जोड़ने वाला एक मंच बनाकर पोलैंड में इन प्रौद्योगिकियों के विकास का समर्थन करना है।
उनका लक्ष्य पोलैंड में नवीन अनुसंधान की सुविधा प्रदान करने वाला सबसे बड़ा मंच बनाना है, साथ ही विकसित एल्गोरिदम के व्यावहारिक अनुप्रयोग और उद्योग, वित्त, चिकित्सा और अर्थव्यवस्था की अन्य शाखाओं में उनके व्यावसायीकरण पर ध्यान केंद्रित करने वाले वैज्ञानिकों की एक नई पीढ़ी को शिक्षित करना है।
–आईएएनएस
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