नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने बुधवार को ‘एक्सरसाइज साइबर सुरक्षा- 2024’ में भाग लिया। यहां उन्होंने भारत की साइबर रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के महत्व को रेखांकित किया।
रक्षा साइबर एजेंसी द्वारा 20 से 24 मई तक व्यापक साइबर रक्षा अभ्यास आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सभी साइबर सुरक्षा संगठनों की साइबर रक्षा क्षमता को और विकसित करना है। इसके साथ ही सभी हितधारकों के बीच तालमेल को बढ़ावा देना भी इसका उद्देश्य है।
रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि यह विभिन्न सैन्य और प्रमुख राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिभागियों के बीच सहयोग और एकीकरण बढ़ाने पर केंद्रित है। यहां सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने साइबर क्षेत्र में सभी हितधारकों के बीच संयुक्तता की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने उभरते साइबर खतरों से निपटने के लिए एक सहयोगी वातावरण को बढ़ावा देने की पहल की सराहना की। जनरल अनिल चौहान ने अभ्यास के आयोजन में प्रतिभागियों और कर्मचारियों के समर्पण और प्रयासों की सराहना की।
अभ्यास साइबर सुरक्षा-2024 का उद्देश्य प्रतिभागियों को उनके साइबर रक्षा कौशल, तकनीक और क्षमताओं को बढ़ाकर सशक्त बनाना है। यह संदेश देता है कि सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करें और एक एकीकृत और मजबूत साइबर रक्षा स्थिति की दिशा में काम करें।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह साइबर रक्षा ढांचे की योजना और तैयारी में संयुक्त कौशल और तालमेल को बढ़ावा देगा। यह आयोजन तेजी से महत्वपूर्ण साइबर क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को तीनों सेनाओं से एक संयुक्त संस्कृति बनाने का आह्वान किया। सीडीएस का कहना था कि थिएटर कमांड सशस्त्र बलों को सैन्य तैयारी और युद्ध के अगले स्तर में ले जाने की नींव रखेगा। संयुक्तता 2.0, जो सशस्त्र बलों में संयुक्त संस्कृति विकसित कर रही है, आगे बढ़ने का रास्ता है।
–आईएएनएस
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