जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी
जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
जयपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश एक चुनाव’ पर समिति बनाने की मंशा पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले पर विपक्ष को भी साथ लिया जाना चाहिए था।
गहलोत ने रविवार को फलोदी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग, विधि आयोग और संसदीय समिति ने पहले भी कई बार सिफारिशें दी हैं। यह इतना बड़ा फैसला है। अगर विपक्षी दलों को साथ लिया जाता, तो सभी मिलकर निर्णय लेते। उसके बाद, यदि आप समिति बनाते तो लोग विश्वास करते।”
गहलोत ने कहा,”अब आपकी मंशा पर संदेह हो रहा है कि आप इस तरह से लोकतंत्र में काम करना चाहेंगे या नहीं। आपकी नीति क्या है? आप स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। लोगों को दिशा की चिंता है। जब मेरी आलोचना होती है, तो मुझे खुशी होती है।”
“क्योंकि लोकतंत्र में मेरी आस्था इतनी मजबूत है कि अगर किसी ने मेरी आलोचना की और अगर उसमें सच्चाई है, तो मेरा धर्म कहता है कि मुझे इसे सुधारना चाहिए। अगर आप कोई गलती कर रहे हैं, तो उसे सुधारें। इससे जनता को फायदा होगा।”
उन्होंने टिप्पणी की, “देश में सैकड़ों लोग आलोचना करने पर जेल में बैठे हैं। ये फासीवादी सोच हैं। शासन करने के लिए केवल लोकतंत्र का मुखौटा पहना गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ‘पेट्रोल-डीजल में उत्पाद शुल्क का पैसा लूट रही है, लेकिन राज्य सरकार बदनाम हो रही है।’
“लगातार उत्पाद शुल्क बढ़ाने से केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ी। हालांकि राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो गई।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार राजस्थान यात्राओं पर भी टिप्पणी की और सवाल किया कि वे उनके राज्य के पीछे क्यों पड़े हैं।
“हम गौ माता की सेवा करने वाले लोग हैं। पिछली सरकार ने 5 साल में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस बार हमने गौशालाओं को 3,000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। भाजपा के लोग किसकी बात कर रहे हैं? वे पूछते हैं गाय माता के नाम पर वोट देते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”