रांची, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने एक देश, एक चुनाव पर गठित होने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) पर प्रतिक्रिया जाहिर की।
राजेश ठाकुर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि अगर यह पहल नेक मंशा के साथ की जा रही है, तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए। लेकिन, यदि इसे किसी विशेष उद्देश्य के साथ किया जा रहा है, जैसे अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए, तो यह गलत है। जेपीसी में जो सदस्य होंगे, वह इस मसले पर ईमानदारी से चर्चा करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि दूध का दूध और पानी का पानी हो।
उन्होंने कहा कि इस विषय पर हम पूरी ईमानदारी के साथ अपनी बात रखेंगे और सच सामने लाएंगे। उन्होंने कहा कि संसद में इस मुद्दे पर पहले ही बहस हो चुकी थी, लेकिन 273 के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाने के कारण इसे गिरा दिया गया था। ठाकुर ने कहा कि इसे कानून का रूप देने के लिए संसद के दो तिहाई सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी। इसके लिए केंद्र सरकार विभिन्न तरह की कवायद कर सकती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जेपीसी में जो भी सदस्य शामिल होंगे, वह इस मसले की सही तरह से जांच करेंगे और एक निष्पक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
आपको बताते चलें, ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक पर विचार के लिए संसद ने 39 सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता की जिम्मेदारी पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद पीपी चौधरी करेंगे। समिति के 39 सदस्यों में भाजपा के 16, कांग्रेस के पांच, सपा, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक के दो-दो तथा शिवसेना, तेदेपा, जदयू, रालोद, लोजपा (रामविलास), जन सेना पार्टी, शिवसेना-यूबीटी, राकांपा-(सपा), माकपा, आप, बीजद और वाईएसआरसीपी के एक-एक सदस्य शामिल हैं।
इससे पहले कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने निचलने सदन में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक को संसद की संयुक्त समिति के विचार के लिए भेजे जाने का प्रस्ताव रखा था।
–आईएएनएस
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