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Home अर्थजगत

‘एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है’, लखीमपुर की लवली का इलाज कराएंगे अदाणी

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May 17, 2024
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‘एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है’, लखीमपुर की लवली का इलाज कराएंगे अदाणी
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लखीमपुर, 17 मई (आईएएनएस)। यूपी की लखीमपुर खीरी की लवली के लिए गौतम अदाणी मसीहा बन गए हैं। उसके इलाज की जिम्मेदारी अदाणी फाउंडेशन ने अपने ऊपर ले ली है। इसकी जानकारी गौतम अदाणी ने खुद सोशल मीडिया मंच के माध्यम से दी।

गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अदाणी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

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दरअसल, लखीमपुर के कंधारा गांव की रहने वाली लवली की मां का निधन बचपन में हो गया था। पिता सौतेली मां ले आया तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है।

बात इतनी ही होती तब भी जिंदगी गुजर बसर की जा सकती थी, लेकिन इस बच्ची का बांया पैर और हाथ दोनों ही बचपन में टेढ़े हो गए और परिवार की हालत ऐसी नहीं कि उसका इलाज कराया जा सके।

सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो जब उनके पास आया तो फौरन लवली की मदद के लिए अदाणी आगे आ गए। उनकी इस पहल का यूजर्स ने दिल खोल कर स्वागत किया है।

इसके पहले भी गौतम अदाणी उत्तर प्रदेश में रहने वाली 4 साल की एक मासूम बेटी के लिए फरिश्ता बने थे। उनकी पहल पर चार साल की मनुश्री के दिल के छेद का पीजीआई में इलाज हुआ था।

गौतम अदाणी के ट्विटर पर इस पहल के बाद लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया और उनकी प्रशंसा की बाढ़ आ गई।

–आईएएनएस

विकेटी/एसकेपी

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लखीमपुर, 17 मई (आईएएनएस)। यूपी की लखीमपुर खीरी की लवली के लिए गौतम अदाणी मसीहा बन गए हैं। उसके इलाज की जिम्मेदारी अदाणी फाउंडेशन ने अपने ऊपर ले ली है। इसकी जानकारी गौतम अदाणी ने खुद सोशल मीडिया मंच के माध्यम से दी।

गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अदाणी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

दरअसल, लखीमपुर के कंधारा गांव की रहने वाली लवली की मां का निधन बचपन में हो गया था। पिता सौतेली मां ले आया तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है।

बात इतनी ही होती तब भी जिंदगी गुजर बसर की जा सकती थी, लेकिन इस बच्ची का बांया पैर और हाथ दोनों ही बचपन में टेढ़े हो गए और परिवार की हालत ऐसी नहीं कि उसका इलाज कराया जा सके।

सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो जब उनके पास आया तो फौरन लवली की मदद के लिए अदाणी आगे आ गए। उनकी इस पहल का यूजर्स ने दिल खोल कर स्वागत किया है।

इसके पहले भी गौतम अदाणी उत्तर प्रदेश में रहने वाली 4 साल की एक मासूम बेटी के लिए फरिश्ता बने थे। उनकी पहल पर चार साल की मनुश्री के दिल के छेद का पीजीआई में इलाज हुआ था।

गौतम अदाणी के ट्विटर पर इस पहल के बाद लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया और उनकी प्रशंसा की बाढ़ आ गई।

–आईएएनएस

विकेटी/एसकेपी

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लखीमपुर, 17 मई (आईएएनएस)। यूपी की लखीमपुर खीरी की लवली के लिए गौतम अदाणी मसीहा बन गए हैं। उसके इलाज की जिम्मेदारी अदाणी फाउंडेशन ने अपने ऊपर ले ली है। इसकी जानकारी गौतम अदाणी ने खुद सोशल मीडिया मंच के माध्यम से दी।

गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अदाणी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

दरअसल, लखीमपुर के कंधारा गांव की रहने वाली लवली की मां का निधन बचपन में हो गया था। पिता सौतेली मां ले आया तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है।

बात इतनी ही होती तब भी जिंदगी गुजर बसर की जा सकती थी, लेकिन इस बच्ची का बांया पैर और हाथ दोनों ही बचपन में टेढ़े हो गए और परिवार की हालत ऐसी नहीं कि उसका इलाज कराया जा सके।

सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो जब उनके पास आया तो फौरन लवली की मदद के लिए अदाणी आगे आ गए। उनकी इस पहल का यूजर्स ने दिल खोल कर स्वागत किया है।

इसके पहले भी गौतम अदाणी उत्तर प्रदेश में रहने वाली 4 साल की एक मासूम बेटी के लिए फरिश्ता बने थे। उनकी पहल पर चार साल की मनुश्री के दिल के छेद का पीजीआई में इलाज हुआ था।

गौतम अदाणी के ट्विटर पर इस पहल के बाद लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया और उनकी प्रशंसा की बाढ़ आ गई।

–आईएएनएस

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लखीमपुर, 17 मई (आईएएनएस)। यूपी की लखीमपुर खीरी की लवली के लिए गौतम अदाणी मसीहा बन गए हैं। उसके इलाज की जिम्मेदारी अदाणी फाउंडेशन ने अपने ऊपर ले ली है। इसकी जानकारी गौतम अदाणी ने खुद सोशल मीडिया मंच के माध्यम से दी।

गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अदाणी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

दरअसल, लखीमपुर के कंधारा गांव की रहने वाली लवली की मां का निधन बचपन में हो गया था। पिता सौतेली मां ले आया तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है।

बात इतनी ही होती तब भी जिंदगी गुजर बसर की जा सकती थी, लेकिन इस बच्ची का बांया पैर और हाथ दोनों ही बचपन में टेढ़े हो गए और परिवार की हालत ऐसी नहीं कि उसका इलाज कराया जा सके।

सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो जब उनके पास आया तो फौरन लवली की मदद के लिए अदाणी आगे आ गए। उनकी इस पहल का यूजर्स ने दिल खोल कर स्वागत किया है।

इसके पहले भी गौतम अदाणी उत्तर प्रदेश में रहने वाली 4 साल की एक मासूम बेटी के लिए फरिश्ता बने थे। उनकी पहल पर चार साल की मनुश्री के दिल के छेद का पीजीआई में इलाज हुआ था।

गौतम अदाणी के ट्विटर पर इस पहल के बाद लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया और उनकी प्रशंसा की बाढ़ आ गई।

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गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अदाणी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

दरअसल, लखीमपुर के कंधारा गांव की रहने वाली लवली की मां का निधन बचपन में हो गया था। पिता सौतेली मां ले आया तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है।

बात इतनी ही होती तब भी जिंदगी गुजर बसर की जा सकती थी, लेकिन इस बच्ची का बांया पैर और हाथ दोनों ही बचपन में टेढ़े हो गए और परिवार की हालत ऐसी नहीं कि उसका इलाज कराया जा सके।

सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो जब उनके पास आया तो फौरन लवली की मदद के लिए अदाणी आगे आ गए। उनकी इस पहल का यूजर्स ने दिल खोल कर स्वागत किया है।

इसके पहले भी गौतम अदाणी उत्तर प्रदेश में रहने वाली 4 साल की एक मासूम बेटी के लिए फरिश्ता बने थे। उनकी पहल पर चार साल की मनुश्री के दिल के छेद का पीजीआई में इलाज हुआ था।

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गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अदाणी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

दरअसल, लखीमपुर के कंधारा गांव की रहने वाली लवली की मां का निधन बचपन में हो गया था। पिता सौतेली मां ले आया तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है।

बात इतनी ही होती तब भी जिंदगी गुजर बसर की जा सकती थी, लेकिन इस बच्ची का बांया पैर और हाथ दोनों ही बचपन में टेढ़े हो गए और परिवार की हालत ऐसी नहीं कि उसका इलाज कराया जा सके।

सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो जब उनके पास आया तो फौरन लवली की मदद के लिए अदाणी आगे आ गए। उनकी इस पहल का यूजर्स ने दिल खोल कर स्वागत किया है।

इसके पहले भी गौतम अदाणी उत्तर प्रदेश में रहने वाली 4 साल की एक मासूम बेटी के लिए फरिश्ता बने थे। उनकी पहल पर चार साल की मनुश्री के दिल के छेद का पीजीआई में इलाज हुआ था।

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गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अदाणी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

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गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अदाणी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

दरअसल, लखीमपुर के कंधारा गांव की रहने वाली लवली की मां का निधन बचपन में हो गया था। पिता सौतेली मां ले आया तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है।

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गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अदाणी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

दरअसल, लखीमपुर के कंधारा गांव की रहने वाली लवली की मां का निधन बचपन में हो गया था। पिता सौतेली मां ले आया तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है।

बात इतनी ही होती तब भी जिंदगी गुजर बसर की जा सकती थी, लेकिन इस बच्ची का बांया पैर और हाथ दोनों ही बचपन में टेढ़े हो गए और परिवार की हालत ऐसी नहीं कि उसका इलाज कराया जा सके।

सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो जब उनके पास आया तो फौरन लवली की मदद के लिए अदाणी आगे आ गए। उनकी इस पहल का यूजर्स ने दिल खोल कर स्वागत किया है।

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गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अदाणी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

दरअसल, लखीमपुर के कंधारा गांव की रहने वाली लवली की मां का निधन बचपन में हो गया था। पिता सौतेली मां ले आया तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है।

बात इतनी ही होती तब भी जिंदगी गुजर बसर की जा सकती थी, लेकिन इस बच्ची का बांया पैर और हाथ दोनों ही बचपन में टेढ़े हो गए और परिवार की हालत ऐसी नहीं कि उसका इलाज कराया जा सके।

सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो जब उनके पास आया तो फौरन लवली की मदद के लिए अदाणी आगे आ गए। उनकी इस पहल का यूजर्स ने दिल खोल कर स्वागत किया है।

इसके पहले भी गौतम अदाणी उत्तर प्रदेश में रहने वाली 4 साल की एक मासूम बेटी के लिए फरिश्ता बने थे। उनकी पहल पर चार साल की मनुश्री के दिल के छेद का पीजीआई में इलाज हुआ था।

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गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अदाणी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

दरअसल, लखीमपुर के कंधारा गांव की रहने वाली लवली की मां का निधन बचपन में हो गया था। पिता सौतेली मां ले आया तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है।

बात इतनी ही होती तब भी जिंदगी गुजर बसर की जा सकती थी, लेकिन इस बच्ची का बांया पैर और हाथ दोनों ही बचपन में टेढ़े हो गए और परिवार की हालत ऐसी नहीं कि उसका इलाज कराया जा सके।

सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो जब उनके पास आया तो फौरन लवली की मदद के लिए अदाणी आगे आ गए। उनकी इस पहल का यूजर्स ने दिल खोल कर स्वागत किया है।

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गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अदाणी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

दरअसल, लखीमपुर के कंधारा गांव की रहने वाली लवली की मां का निधन बचपन में हो गया था। पिता सौतेली मां ले आया तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है।

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सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो जब उनके पास आया तो फौरन लवली की मदद के लिए अदाणी आगे आ गए। उनकी इस पहल का यूजर्स ने दिल खोल कर स्वागत किया है।

इसके पहले भी गौतम अदाणी उत्तर प्रदेश में रहने वाली 4 साल की एक मासूम बेटी के लिए फरिश्ता बने थे। उनकी पहल पर चार साल की मनुश्री के दिल के छेद का पीजीआई में इलाज हुआ था।

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गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अदाणी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

दरअसल, लखीमपुर के कंधारा गांव की रहने वाली लवली की मां का निधन बचपन में हो गया था। पिता सौतेली मां ले आया तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है।

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लखीमपुर, 17 मई (आईएएनएस)। यूपी की लखीमपुर खीरी की लवली के लिए गौतम अदाणी मसीहा बन गए हैं। उसके इलाज की जिम्मेदारी अदाणी फाउंडेशन ने अपने ऊपर ले ली है। इसकी जानकारी गौतम अदाणी ने खुद सोशल मीडिया मंच के माध्यम से दी।

गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अदाणी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

दरअसल, लखीमपुर के कंधारा गांव की रहने वाली लवली की मां का निधन बचपन में हो गया था। पिता सौतेली मां ले आया तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है।

बात इतनी ही होती तब भी जिंदगी गुजर बसर की जा सकती थी, लेकिन इस बच्ची का बांया पैर और हाथ दोनों ही बचपन में टेढ़े हो गए और परिवार की हालत ऐसी नहीं कि उसका इलाज कराया जा सके।

सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो जब उनके पास आया तो फौरन लवली की मदद के लिए अदाणी आगे आ गए। उनकी इस पहल का यूजर्स ने दिल खोल कर स्वागत किया है।

इसके पहले भी गौतम अदाणी उत्तर प्रदेश में रहने वाली 4 साल की एक मासूम बेटी के लिए फरिश्ता बने थे। उनकी पहल पर चार साल की मनुश्री के दिल के छेद का पीजीआई में इलाज हुआ था।

गौतम अदाणी के ट्विटर पर इस पहल के बाद लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया और उनकी प्रशंसा की बाढ़ आ गई।

–आईएएनएस

विकेटी/एसकेपी

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लखीमपुर, 17 मई (आईएएनएस)। यूपी की लखीमपुर खीरी की लवली के लिए गौतम अदाणी मसीहा बन गए हैं। उसके इलाज की जिम्मेदारी अदाणी फाउंडेशन ने अपने ऊपर ले ली है। इसकी जानकारी गौतम अदाणी ने खुद सोशल मीडिया मंच के माध्यम से दी।

गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “एक बेटी का बचपन यूं छिन जाना दुखद है। छोटी सी उम्र में लवली और उसके दादा-दादी का संघर्ष बताता है कि एक आम भारतीय परिवार कभी हार नहीं मानता। अदाणी फाउंडेशन यह सुनिश्चित करेगा कि लवली को बेहतर इलाज मिले और वो भी बाकी बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके। हम सब लवली के साथ हैं।”

दरअसल, लखीमपुर के कंधारा गांव की रहने वाली लवली की मां का निधन बचपन में हो गया था। पिता सौतेली मां ले आया तो बच्ची दादा-दादी के पास रहने लगी, जहां अभी वो पढ़ाई कर रही है।

बात इतनी ही होती तब भी जिंदगी गुजर बसर की जा सकती थी, लेकिन इस बच्ची का बांया पैर और हाथ दोनों ही बचपन में टेढ़े हो गए और परिवार की हालत ऐसी नहीं कि उसका इलाज कराया जा सके।

सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो जब उनके पास आया तो फौरन लवली की मदद के लिए अदाणी आगे आ गए। उनकी इस पहल का यूजर्स ने दिल खोल कर स्वागत किया है।

इसके पहले भी गौतम अदाणी उत्तर प्रदेश में रहने वाली 4 साल की एक मासूम बेटी के लिए फरिश्ता बने थे। उनकी पहल पर चार साल की मनुश्री के दिल के छेद का पीजीआई में इलाज हुआ था।

गौतम अदाणी के ट्विटर पर इस पहल के बाद लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया और उनकी प्रशंसा की बाढ़ आ गई।

–आईएएनएस

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