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Home ताज़ा समाचार

एक राष्ट्र एक चुनाव पैनल की सदस्यता पर अधीर रंजन बोले : ‘मंत्रियों ने नहीं, बाबू ने बुलाया’

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September 4, 2023
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नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। एक राष्ट्र एक चुनाव पर सरकार के आठ सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इनकार करने के कुछ दिनों बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कहा कि उन्हें एक ‘बाबू’ (अधिकारी) से फोन आया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पैनल का हिस्सा होना चाहिए, न कि किसी मंत्री को।

चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

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“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। एक राष्ट्र एक चुनाव पर सरकार के आठ सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इनकार करने के कुछ दिनों बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कहा कि उन्हें एक ‘बाबू’ (अधिकारी) से फोन आया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पैनल का हिस्सा होना चाहिए, न कि किसी मंत्री को।

चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। एक राष्ट्र एक चुनाव पर सरकार के आठ सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इनकार करने के कुछ दिनों बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कहा कि उन्हें एक ‘बाबू’ (अधिकारी) से फोन आया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पैनल का हिस्सा होना चाहिए, न कि किसी मंत्री को।

चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। एक राष्ट्र एक चुनाव पर सरकार के आठ सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इनकार करने के कुछ दिनों बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कहा कि उन्हें एक ‘बाबू’ (अधिकारी) से फोन आया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पैनल का हिस्सा होना चाहिए, न कि किसी मंत्री को।

चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

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नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। एक राष्ट्र एक चुनाव पर सरकार के आठ सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इनकार करने के कुछ दिनों बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कहा कि उन्हें एक ‘बाबू’ (अधिकारी) से फोन आया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पैनल का हिस्सा होना चाहिए, न कि किसी मंत्री को।

चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

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चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

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चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

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चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। एक राष्ट्र एक चुनाव पर सरकार के आठ सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इनकार करने के कुछ दिनों बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कहा कि उन्हें एक ‘बाबू’ (अधिकारी) से फोन आया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पैनल का हिस्सा होना चाहिए, न कि किसी मंत्री को।

चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

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चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

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नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। एक राष्ट्र एक चुनाव पर सरकार के आठ सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इनकार करने के कुछ दिनों बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कहा कि उन्हें एक ‘बाबू’ (अधिकारी) से फोन आया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पैनल का हिस्सा होना चाहिए, न कि किसी मंत्री को।

चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। एक राष्ट्र एक चुनाव पर सरकार के आठ सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इनकार करने के कुछ दिनों बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कहा कि उन्हें एक ‘बाबू’ (अधिकारी) से फोन आया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पैनल का हिस्सा होना चाहिए, न कि किसी मंत्री को।

चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। एक राष्ट्र एक चुनाव पर सरकार के आठ सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इनकार करने के कुछ दिनों बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कहा कि उन्हें एक ‘बाबू’ (अधिकारी) से फोन आया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पैनल का हिस्सा होना चाहिए, न कि किसी मंत्री को।

चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

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नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। एक राष्ट्र एक चुनाव पर सरकार के आठ सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इनकार करने के कुछ दिनों बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कहा कि उन्हें एक ‘बाबू’ (अधिकारी) से फोन आया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पैनल का हिस्सा होना चाहिए, न कि किसी मंत्री को।

चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

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नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। एक राष्ट्र एक चुनाव पर सरकार के आठ सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इनकार करने के कुछ दिनों बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कहा कि उन्हें एक ‘बाबू’ (अधिकारी) से फोन आया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पैनल का हिस्सा होना चाहिए, न कि किसी मंत्री को।

चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

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चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। वह मुझे जानते हैं, क्योंकि मैं सीबीआई निदेशक के साथ बैठक और अन्य मुद्दों के लिए पीएमओ जाता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है, उन्‍होंने मुझे देर रात क्यों फोन किया था?”

“उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। आपको समिति में शामिल किया जाएगा और हम आपके विचार जानना चाहते हैं।”

चौधरी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे खुशी हुई कि मुझे एक कॉल आया, क्योंकि कई बार हम उनसे बात नहीं कर पाते हैं। मैंने उनसे पैनल से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा और कहा कि कागजात देखने के बाद ही मैं उन्हें अपने निर्णय के बारे में सूचित करूंगा।”

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ”बिना कागजात देखे मैं क्या साझा करूंगा और क्या बोलूंगा।”

उन्होंने कहा, “मुझसे एक बाबू (अधिकारी) ने पूछा था, किसी मंत्री ने नहीं। देर रात मुझसे फोन पर बात करने के लिए एक ‘बाबू’ को लगाया गया।”

केंद्र ने विकल्प तलाशने के लिए अपनी आठ सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य स्थानीय निकायों, राज्यों और केंद्र के लिए एक साथ चुनाव कराने की गुंजाइश का पता लगाना है।

सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की गुंजाइश बनाने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सदस्य के रूप में गृहमंत्री अमित शाह और अन्य हैं।

इसमें कहा गया है कि कोविंद को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि शाह, चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद और अन्य को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी आठ सदस्यीय पैनल में शामिल अन्य नाम हैं।

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