नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोमवार को एक वीडियो बयान जारी करते हुए कहा कि एचएमपीवी वायरस नया नहीं है और इसके बारे में कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि यह वायरस 2001 में पहली बार पहचाना गया था और तब से यह पूरी दुनिया में फैल रहा है। उन्होंने बताया कि एचएमपीवी वायरस श्वसन के माध्यम से हवा के द्वारा फैलता है और यह सभी आयु समूहों के लोगों को प्रभावित कर सकता है। विशेष रूप से सर्दी और बसंत ऋतु में इसका प्रसार ज्यादा देखा जाता है।
जेपी नड्डा ने कहा कि हाल के दिनों में चीन में एचएमपीवी के मामलों में वृद्धि की खबरें आई हैं। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी इस पर ध्यान दे रहा है और जल्द ही अपनी रिपोर्ट साझा करेगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में किसी सामान्य श्वसन वायरल संक्रमणों में कोई विशेष वृद्धि नहीं देखी गई है।
उन्होंने बताया कि 4 जनवरी को स्वास्थ्य सेवा निदेशक सामान्य की अध्यक्षता में एक जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें स्वास्थ्य प्रणाली और निगरानी नेटवर्क की तैयारियों की समीक्षा की गई। भारत की स्वास्थ्य प्रणालियां पूरी तरह से सतर्क हैं और किसी भी स्वास्थ्य संकट का सही तरीके से सामना करने के लिए तैयार हैं। फिलहाल घबराने की कोई बात नहीं है। हम स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं।
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी जनता से अपील की है कि वह एचएमपीवी वायरस को लेकर घबराएं नहीं। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह वायरस नया नहीं है, यह पहले भी सामने आ चुका है और अब एक बार फिर यह अपना प्रभाव दिखा रहा है। इस संबंध में जल्द ही नियमों की घोषणा की जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को जानकारी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है और मीडिया से अपील की कि वह केवल आधिकारिक जानकारी ही प्रसारित करें।
सीएम फडणवीस ने आगे कहा कि स्वास्थ्य विभाग की बैठक आयोजित की गई है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ ऑनलाइन बैठक चल रही है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि एचएमपीवी वायरस से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है और इस पर सरकार पूरी तरह ध्यान दे रही है।
–आईएएनएस
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