कोलकाता, 16 सितंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में पिछले साल हुए विस्फोट की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अब इस मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धाराएं भी लगा दी हैं।
एनआईए के एक वकील ने कोलकाता की एक विशेष अदालत को सूचित किया कि विस्फोट स्थल से बरामद सामग्री में कुछ ऐसी वस्तुएं शामिल हैं जिनका उपयोग देश के सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ग्रेनेड में किया जाता है।
एनआईए के वकील ने अपील की कि विस्फोट के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए लोगों को जमानत नहीं दी जानी चाहिये, और जो पहले ही रिहा हो चुके हैं उनकी जमानत रद्द कर दी जानी चाहिए।
अदालत ने मामले में यूएपीए के तहत प्रावधानों को शामिल करने की एनआईए की याचिका को मंजूरी दे दी। यह पता चला है कि यूएपीए प्रावधानों को शामिल करने की अपील एनआईए द्वारा विस्फोट स्थल से एकत्र किए गए नमूनों के संबंध में फोरेंसिक प्रयोगशाला के निष्कर्षों का हवाला देते हुए की गई थी।
विस्फोट 17 जनवरी 2022 को बेलडांगा थाने के तहत रामेश्वरपुर गांव में एक पंप-रूम में हुआ था। धमाका इतना जबरदस्त था कि पूरा कमरा उड़ गया। घटनास्थल से एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ था। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पंप-रूम का इस्तेमाल बम बनाने के केंद्र के रूप में किया जाता था।
पिछले साल अक्टूबर में जांच एनआईए को सौंपी गई थी।
–आईएएनएस
एकेजे