नई दिल्ली, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) से जुड़े अल हुडा एजुकेशनल ट्रस्ट (एएचईटी) के टेरर फंडिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की। ट्रस्ट प्रतिबंधित होने के बाद भी अपने भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए धन जुटाता है।
जेईआई को 2019 में एक गैरकानूनी संघ घोषित किया गया था। एनआईए, जिसे बाद में प्रतिबंधित आतंकी संगठन की निरंतर संदिग्ध गतिविधियों की जांच करने के लिए अधिकृत किया गया था, ने सितंबर 2022 में जेईआई के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किया।
अधिकारी ने कहा कि उन्होंने व्यापक जांच और जम्मू-कश्मीर में कई छापेमारी के बाद आरोपपत्र दायर किया।
एनआईए ने पाकिस्तान स्थित हिज्बुल मुजाहिदीन (एचएम) के आतंकवादी मुश्ताक अहमद मीर उर्फ मुश्ताक अहमद जरगर, मोहम्मद आमिर शम्शी और एएचईटी के अध्यक्ष अब्दुल हामिद गनाई उर्फ अब्दुल हमीद फयाज और एएचईटी के खिलाफ यूए (पी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया है।
एनआईए अधिकारी ने कहा, जांच से पता चला है कि मोहम्मद आमिर शम्शी एएचईटी के दिन-प्रतिदिन के कामकाज के लिए जिम्मेदार था, जिसे जेईआई ने जम्मू-कश्मीर में अपनी अलगाववादी गतिविधियों को चलाने के लिए धन जुटाने के स्पष्ट उद्देश्य से बनाया था। आमिर ने जेईआई, जम्मू-कश्मीर के लिए शैक्षिक और धार्मिक दान के रूप में ट्रस्ट के माध्यम से धन एकत्र किया। उसने प्रतिबंधित संगठन के भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए अपने सह-आरोपी अमीर-ए-जमात (जेईआई जम्मू-कश्मीर के प्रमुख) अब्दुल हमीद गनाई को धन दिया।
अमीर शम्शी ने मूल रूप से राजौरी निवासी मुश्ताक अहमद मीर के साथ भी साजिश रची।
मुश्ताक ने हवाला चैनलों के जरिए पाकिस्तान से आमिर को फंड भेजा। आमिर ने इन पैसों का इस्तेमाल लोगों को अलगाववादी और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रचार सभाओं के आयोजन के लिए किया।
–आईएएनएस
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