नई दिल्ली, 22 फरवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को देश भर में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, नीरज बवाना और उनके सहयोगियों के 70 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की।
छापेमारी दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश में की गई।
एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान और कनाडा सहित विदेशों में स्थित आतंकवादी समूहों और ड्रग तस्करों के साथ मिलकर काम करने वाले गैंगस्टरों पर एक बड़ी कार्रवाई में एनआईए ने आठ राज्यों में 76 स्थानों पर छापे मारे और बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद और 2.5 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की।
एनआईए अधिकारियों ने कहा कि उनके द्वारा दर्ज तीन अलग-अलग प्राथमिकियों के आधार पर छापेमारी की गई।
एक अधिकारी ने कहा, अगस्त 2022 से एनआईए द्वारा तीन मामले दर्ज किए गए हैं और कुछ कबड्डी खिलाड़ियों सहित कई लोगों की पहचान की गई है और आतंकवाद और अन्य आपराधिक गतिविधियों में उनकी कथित संलिप्तता के लिए मामला दर्ज किया गया है, जिसमें प्रमुख व्यापारियों और पेशेवरों से लक्षित हिट और जबरन वसूली शामिल है।
जांच से पता चला है कि महाराष्ट्र के बिल्डर संजय बियानी और एक अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल अंबिया की सनसनीखेज हत्या सहित ऐसे कई अपराधों की साजिशें विभिन्न राज्यों की जेलों में रची जा रही थीं और गुर्गो के एक संगठित नेटवर्क द्वारा अंजाम दी जा रही थीं।
अधिकारी ने कहा कि एनआईए ने इस मामले में पांचवीं बार छापेमारी की।
अधिकारी ने कहा कि छापे इन गिरोहों के साथ काम करने वाले हथियार आपूर्तिकर्ताओं और हवाला ऑपरेटरों पर केंद्रित थे।
अधिकारी ने कहा, हमने पिस्तौल, रिवाल्वर और राइफल सहित नौ अवैध हथियार और 1.5 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं। दस्तावेज, हार्ड ड्राइव और मोबाइल फोन सहित आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की गई है।
अधिकारी ने कहा कि मुक्तसर में गिद्दड़बाहा के लखवीर सिंह, अबोहर में नरेश, हरियाणा के नारनौल में सुरेंद्र उर्फ चीकू, गुरुग्राम में कौशल चौधरी और अमित डागर और उत्तर प्रदेश के बागपत में सुनील राठी के ठिकानों पर तलाशी ली गई।
अधिकारी ने कहा कि उनके अलावा कुछ हवाला संचालकों, कबड्डी खिलाड़ियों, हथियार आपूर्तिकर्ताओं, बंदूकधारियों, कारोबारियों और उनके कथित फाइनेंसरों पर भी छापेमारी की गई।
उन्होंने कहा कि जांच ने स्थापित किया है कि कई अपराधी, जो भारत में गैंगस्टरों का नेतृत्व कर रहे थे, बाद में पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया भाग गए थे। लेकिन वे भारत में विभिन्न जेलों में बंद अपराधियों के संपर्क में थे। ये समूह लक्षित हत्याओं को अंजाम दे रहे थे और ड्रग्स व हथियारों की तस्करी, हवाला और जबरन वसूली के जरिए अपनी नापाक गतिविधियों के लिए धन जुटा रहे थे।
–आईएएनएस
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