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Home ताज़ा समाचार

एनआईए ने 10 राज्यों में तलाशी ली, अवैध मानव तस्करी के 4 मामलों में 44 गिरफ्तार (लीड-1)

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November 8, 2023
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। अवैध मानव तस्करी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को 10 राज्यों में तलाशी ली और मानव तस्करी से संबंधित चार मामलों में 44 लोगों को गिरफ्तार किया।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

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अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

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नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। अवैध मानव तस्करी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को 10 राज्यों में तलाशी ली और मानव तस्करी से संबंधित चार मामलों में 44 लोगों को गिरफ्तार किया।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

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नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। अवैध मानव तस्करी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को 10 राज्यों में तलाशी ली और मानव तस्करी से संबंधित चार मामलों में 44 लोगों को गिरफ्तार किया।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। अवैध मानव तस्करी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को 10 राज्यों में तलाशी ली और मानव तस्करी से संबंधित चार मामलों में 44 लोगों को गिरफ्तार किया।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। अवैध मानव तस्करी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को 10 राज्यों में तलाशी ली और मानव तस्करी से संबंधित चार मामलों में 44 लोगों को गिरफ्तार किया।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। अवैध मानव तस्करी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को 10 राज्यों में तलाशी ली और मानव तस्करी से संबंधित चार मामलों में 44 लोगों को गिरफ्तार किया।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

–आईएएनएस

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एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

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एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। अवैध मानव तस्करी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को 10 राज्यों में तलाशी ली और मानव तस्करी से संबंधित चार मामलों में 44 लोगों को गिरफ्तार किया।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। अवैध मानव तस्करी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को 10 राज्यों में तलाशी ली और मानव तस्करी से संबंधित चार मामलों में 44 लोगों को गिरफ्तार किया।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। अवैध मानव तस्करी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को 10 राज्यों में तलाशी ली और मानव तस्करी से संबंधित चार मामलों में 44 लोगों को गिरफ्तार किया।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

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नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। अवैध मानव तस्करी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को 10 राज्यों में तलाशी ली और मानव तस्करी से संबंधित चार मामलों में 44 लोगों को गिरफ्तार किया।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

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एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

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एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

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एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

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एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के साथ बुधवार सुबह से कई राज्यों में एक व्यापक अभियान चलाया।

अधिकारी ने कहा, ”इस ऑपरेशन का उद्देश्य भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और उन्हें भारत में बसाने में शामिल अवैध मानव तस्करी सहायता नेटवर्क को खत्म करना है।”

अधिकारी ने कहा कि गुवाहाटी, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर में एनआईए शाखाओं में मानव तस्करी के चार मामले दर्ज होने के बाद, टीम ने त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में कुल 55 स्थानों पर एक साथ और समकालिक छापे व तलाशी ली।

अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक मामला, 9 सितंबर को असम पुलिस की एसटीएफ द्वारा दर्ज किया गया था, और यह रोहिंग्या मूल के लोगों सहित भारत-बांग्लादेश सीमा के पार अवैध प्रवासियों की घुसपैठ और भारत में बसने के लिए जिम्मेदार मानव तस्करी नेटवर्क से संबंधित था।

इस नेटवर्क का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों तक फैला हुआ है, जिसमें भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ”मामले के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्य संबंधों और इसकी जटिलता को पहचानते हुए, एनआईए ने 6 अक्टूबर को गुवाहाटी में एनआईए पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करके औपचारिक रूप से जांच की जिम्मेदारी संभाली।”

जांच से पता चला कि इस अवैध मानव तस्करी नेटवर्क के विभिन्न मॉड्यूल तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में फैले हुए थे और वहां से संचालित हो रहे थे।

अधिकारी ने कहा, “इन जांच निष्कर्षों के जवाब में, एनआईए ने देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में स्थित इस व्यापक नेटवर्क के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए तीन नए मामले दर्ज किए।”

अधिकारी ने आगे कहा कि चल रहे ऑपरेशन के तहत बुधवार की सुबह छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की। इसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड और पेन ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित बड़ी संख्या में पहचान संबंधी दस्तावेज, 20 लाख रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय मुद्रा नोट और विदेशी मुद्रा 4,550 डॉलर शामिल हैं।

अधिकारी ने यह भी कहा कि कार्रवाई के बाद एनआईए ने कुल 44 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने त्रिपुरा से 21, कर्नाटक से 10, असम से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, तमिलनाडु से दो और पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा से क्रमश 1-1 को गिरफ्तार किया।

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