नई दिल्ली, 16 जुलाई (आईएएनएस)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के सदस्य और कोर सेटलमेंट गारंटी फंड कमेटी (एमसीएसजीएफसी) ने कथित विफलता के संबंध में ब्रोकिंग कंपनी एंजेल वन, जिसे पहले एंजेल ब्रोकिंग के नाम से जाना जाता था, के खिलाफ 14 जुलाई को एक आदेश पारित किया है और अपने अधिकृत व्यक्तियों (एपी) के संचालन की निगरानी करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
इसके परिणामस्वरूप एक्सचेंज के पूंजी बाजार खंड विनियमों और वायदा और विकल्प खंड विनियमों का कथित उल्लंघन हुआ।
एनएसई ने एंजेल वन पर 1.66 करोड़ रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाने का निर्देश जारी किया है। कंपनी को आदेश की तारीख से छह महीने की अवधि के लिए नए एपी को शामिल करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
ब्रोकरेज को आदेश की तारीख से छह महीने के भीतर अपने सभी एपी का निरीक्षण करने और एक्सचेंज की संतुष्टि के अनुसार एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
इसे अपने निवेशक शिकायत निवारण तंत्र पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश मिला है, जिसमें इस आदेश की तारीख से पिछले एक साल में कंपनी और उसके एपी के खिलाफ पंजीकृत कुल निवेशक शिकायतें और मध्यस्थता मामले शामिल हैं, जिसमें सुनिश्चित रिटर्न से संबंधित मामले और अनधिकृत व्यापार, आदेश की तारीख से पिछले एक वर्ष में निस्तारित/निपटाए गए कुल निवेशक शिकायतें और मध्यस्थता मामले और उसके लिए समय सीमा और कुल लंबित निवेशक शिकायतें और मध्यस्थता मामले भी शामिल हैं।
एंजेल वन ने एक नियामक फाइलिंग में कहा, “यह ध्यान दिया जा सकता है कि आदेश मौजूदा व्यवसाय या कंपनी से संबद्ध एपी की गतिविधियों को प्रभावित नहीं करता है। कंपनी आदेश के खिलाफ अपील दायर करने सहित उपलब्ध विभिन्न विकल्पों का मूल्यांकन कर रही है। कंपनी ने हमेशा इसके लिए प्रयास किया है और इसे पूरा किया है।”
–आईएएनएस
एसजीके