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Home राष्ट्रीय

एनएसयूआई ने डूसू में चारों पदों के ल‍िए उतारे प्रत्याशी, हॉस्टल, सीट और फीस वृद्धि के मुद्दों पर लड़ेगी छात्रसंघ चुनाव

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September 21, 2024
in राष्ट्रीय
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एनएसयूआई ने डूसू में चारों पदों के ल‍िए उतारे प्रत्याशी, हॉस्टल, सीट और फीस वृद्धि के मुद्दों पर लड़ेगी छात्रसंघ चुनाव
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नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) ने शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। चुनाव के लिए मेनिफेस्टो भी जारी कर दिया गया है। इसको लेकर कांग्रेस नेता अमृता धवन ने आईएएनएस से खास बात की ।

एनएसयूआई की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान चार उम्मीदवारों के पैनल की घोषणा की गई। अमृता धवन ने आईएएनएस को बताया कि अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष के लिए यश नांदल, सचिव के लिए नम्रता जेफ और सह सचिव के लिए लोकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। ये एक अनुभवी पैनल हैं और निरंतर कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों के हक की आवाज के लिए लड़ रहे हैं।

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कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों के बाद ये यहां पर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी छात्र संगठन अपने अपने एजेंडों के जरिए आम छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के पैनल पर अभी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। अब एनएसयूआई ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

एबीवीपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने जितना पैसा अपने प्रचार में खर्च किया है, उसको छात्रों के हितों में खर्च करके दिखाएं। उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन हमारे पास मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर उनके मनी व मसल्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई हम काफी पहले से एबीवीपी के साथ लड़ते आए हैं। एबीवीपी के खिलाफ एनएसयूआई को भी हम अपने साथ जोड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो नहीं जुड़े, ये बहुत दुख की बात है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तारीख 27 सितंबर को निर्धारित है। एक दिन बाद यानी 28 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे।

–आईएएनएस

एससीएच/सीबीटी

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नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) ने शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। चुनाव के लिए मेनिफेस्टो भी जारी कर दिया गया है। इसको लेकर कांग्रेस नेता अमृता धवन ने आईएएनएस से खास बात की ।

एनएसयूआई की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान चार उम्मीदवारों के पैनल की घोषणा की गई। अमृता धवन ने आईएएनएस को बताया कि अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष के लिए यश नांदल, सचिव के लिए नम्रता जेफ और सह सचिव के लिए लोकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। ये एक अनुभवी पैनल हैं और निरंतर कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों के हक की आवाज के लिए लड़ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों के बाद ये यहां पर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी छात्र संगठन अपने अपने एजेंडों के जरिए आम छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के पैनल पर अभी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। अब एनएसयूआई ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

एबीवीपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने जितना पैसा अपने प्रचार में खर्च किया है, उसको छात्रों के हितों में खर्च करके दिखाएं। उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन हमारे पास मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर उनके मनी व मसल्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई हम काफी पहले से एबीवीपी के साथ लड़ते आए हैं। एबीवीपी के खिलाफ एनएसयूआई को भी हम अपने साथ जोड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो नहीं जुड़े, ये बहुत दुख की बात है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तारीख 27 सितंबर को निर्धारित है। एक दिन बाद यानी 28 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) ने शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। चुनाव के लिए मेनिफेस्टो भी जारी कर दिया गया है। इसको लेकर कांग्रेस नेता अमृता धवन ने आईएएनएस से खास बात की ।

एनएसयूआई की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान चार उम्मीदवारों के पैनल की घोषणा की गई। अमृता धवन ने आईएएनएस को बताया कि अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष के लिए यश नांदल, सचिव के लिए नम्रता जेफ और सह सचिव के लिए लोकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। ये एक अनुभवी पैनल हैं और निरंतर कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों के हक की आवाज के लिए लड़ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों के बाद ये यहां पर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी छात्र संगठन अपने अपने एजेंडों के जरिए आम छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के पैनल पर अभी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। अब एनएसयूआई ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

एबीवीपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने जितना पैसा अपने प्रचार में खर्च किया है, उसको छात्रों के हितों में खर्च करके दिखाएं। उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन हमारे पास मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर उनके मनी व मसल्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई हम काफी पहले से एबीवीपी के साथ लड़ते आए हैं। एबीवीपी के खिलाफ एनएसयूआई को भी हम अपने साथ जोड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो नहीं जुड़े, ये बहुत दुख की बात है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तारीख 27 सितंबर को निर्धारित है। एक दिन बाद यानी 28 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे।

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एनएसयूआई की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान चार उम्मीदवारों के पैनल की घोषणा की गई। अमृता धवन ने आईएएनएस को बताया कि अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष के लिए यश नांदल, सचिव के लिए नम्रता जेफ और सह सचिव के लिए लोकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। ये एक अनुभवी पैनल हैं और निरंतर कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों के हक की आवाज के लिए लड़ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों के बाद ये यहां पर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी छात्र संगठन अपने अपने एजेंडों के जरिए आम छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के पैनल पर अभी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। अब एनएसयूआई ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

एबीवीपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने जितना पैसा अपने प्रचार में खर्च किया है, उसको छात्रों के हितों में खर्च करके दिखाएं। उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन हमारे पास मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर उनके मनी व मसल्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई हम काफी पहले से एबीवीपी के साथ लड़ते आए हैं। एबीवीपी के खिलाफ एनएसयूआई को भी हम अपने साथ जोड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो नहीं जुड़े, ये बहुत दुख की बात है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तारीख 27 सितंबर को निर्धारित है। एक दिन बाद यानी 28 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे।

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एनएसयूआई की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान चार उम्मीदवारों के पैनल की घोषणा की गई। अमृता धवन ने आईएएनएस को बताया कि अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष के लिए यश नांदल, सचिव के लिए नम्रता जेफ और सह सचिव के लिए लोकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। ये एक अनुभवी पैनल हैं और निरंतर कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों के हक की आवाज के लिए लड़ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों के बाद ये यहां पर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी छात्र संगठन अपने अपने एजेंडों के जरिए आम छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के पैनल पर अभी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। अब एनएसयूआई ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

एबीवीपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने जितना पैसा अपने प्रचार में खर्च किया है, उसको छात्रों के हितों में खर्च करके दिखाएं। उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन हमारे पास मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर उनके मनी व मसल्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई हम काफी पहले से एबीवीपी के साथ लड़ते आए हैं। एबीवीपी के खिलाफ एनएसयूआई को भी हम अपने साथ जोड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो नहीं जुड़े, ये बहुत दुख की बात है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तारीख 27 सितंबर को निर्धारित है। एक दिन बाद यानी 28 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे।

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एनएसयूआई की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान चार उम्मीदवारों के पैनल की घोषणा की गई। अमृता धवन ने आईएएनएस को बताया कि अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष के लिए यश नांदल, सचिव के लिए नम्रता जेफ और सह सचिव के लिए लोकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। ये एक अनुभवी पैनल हैं और निरंतर कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों के हक की आवाज के लिए लड़ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों के बाद ये यहां पर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी छात्र संगठन अपने अपने एजेंडों के जरिए आम छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के पैनल पर अभी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। अब एनएसयूआई ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

एबीवीपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने जितना पैसा अपने प्रचार में खर्च किया है, उसको छात्रों के हितों में खर्च करके दिखाएं। उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन हमारे पास मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर उनके मनी व मसल्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई हम काफी पहले से एबीवीपी के साथ लड़ते आए हैं। एबीवीपी के खिलाफ एनएसयूआई को भी हम अपने साथ जोड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो नहीं जुड़े, ये बहुत दुख की बात है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तारीख 27 सितंबर को निर्धारित है। एक दिन बाद यानी 28 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे।

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एनएसयूआई की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान चार उम्मीदवारों के पैनल की घोषणा की गई। अमृता धवन ने आईएएनएस को बताया कि अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष के लिए यश नांदल, सचिव के लिए नम्रता जेफ और सह सचिव के लिए लोकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। ये एक अनुभवी पैनल हैं और निरंतर कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों के हक की आवाज के लिए लड़ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों के बाद ये यहां पर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी छात्र संगठन अपने अपने एजेंडों के जरिए आम छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के पैनल पर अभी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। अब एनएसयूआई ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

एबीवीपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने जितना पैसा अपने प्रचार में खर्च किया है, उसको छात्रों के हितों में खर्च करके दिखाएं। उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन हमारे पास मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर उनके मनी व मसल्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई हम काफी पहले से एबीवीपी के साथ लड़ते आए हैं। एबीवीपी के खिलाफ एनएसयूआई को भी हम अपने साथ जोड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो नहीं जुड़े, ये बहुत दुख की बात है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तारीख 27 सितंबर को निर्धारित है। एक दिन बाद यानी 28 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे।

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एनएसयूआई की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान चार उम्मीदवारों के पैनल की घोषणा की गई। अमृता धवन ने आईएएनएस को बताया कि अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष के लिए यश नांदल, सचिव के लिए नम्रता जेफ और सह सचिव के लिए लोकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। ये एक अनुभवी पैनल हैं और निरंतर कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों के हक की आवाज के लिए लड़ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों के बाद ये यहां पर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी छात्र संगठन अपने अपने एजेंडों के जरिए आम छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के पैनल पर अभी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। अब एनएसयूआई ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

एबीवीपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने जितना पैसा अपने प्रचार में खर्च किया है, उसको छात्रों के हितों में खर्च करके दिखाएं। उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन हमारे पास मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर उनके मनी व मसल्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई हम काफी पहले से एबीवीपी के साथ लड़ते आए हैं। एबीवीपी के खिलाफ एनएसयूआई को भी हम अपने साथ जोड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो नहीं जुड़े, ये बहुत दुख की बात है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तारीख 27 सितंबर को निर्धारित है। एक दिन बाद यानी 28 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे।

–आईएएनएस

एससीएच/सीबीटी

नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) ने शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। चुनाव के लिए मेनिफेस्टो भी जारी कर दिया गया है। इसको लेकर कांग्रेस नेता अमृता धवन ने आईएएनएस से खास बात की ।

एनएसयूआई की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान चार उम्मीदवारों के पैनल की घोषणा की गई। अमृता धवन ने आईएएनएस को बताया कि अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष के लिए यश नांदल, सचिव के लिए नम्रता जेफ और सह सचिव के लिए लोकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। ये एक अनुभवी पैनल हैं और निरंतर कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों के हक की आवाज के लिए लड़ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों के बाद ये यहां पर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी छात्र संगठन अपने अपने एजेंडों के जरिए आम छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के पैनल पर अभी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। अब एनएसयूआई ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

एबीवीपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने जितना पैसा अपने प्रचार में खर्च किया है, उसको छात्रों के हितों में खर्च करके दिखाएं। उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन हमारे पास मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर उनके मनी व मसल्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई हम काफी पहले से एबीवीपी के साथ लड़ते आए हैं। एबीवीपी के खिलाफ एनएसयूआई को भी हम अपने साथ जोड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो नहीं जुड़े, ये बहुत दुख की बात है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तारीख 27 सितंबर को निर्धारित है। एक दिन बाद यानी 28 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे।

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नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) ने शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। चुनाव के लिए मेनिफेस्टो भी जारी कर दिया गया है। इसको लेकर कांग्रेस नेता अमृता धवन ने आईएएनएस से खास बात की ।

एनएसयूआई की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान चार उम्मीदवारों के पैनल की घोषणा की गई। अमृता धवन ने आईएएनएस को बताया कि अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष के लिए यश नांदल, सचिव के लिए नम्रता जेफ और सह सचिव के लिए लोकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। ये एक अनुभवी पैनल हैं और निरंतर कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों के हक की आवाज के लिए लड़ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों के बाद ये यहां पर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी छात्र संगठन अपने अपने एजेंडों के जरिए आम छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के पैनल पर अभी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। अब एनएसयूआई ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

एबीवीपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने जितना पैसा अपने प्रचार में खर्च किया है, उसको छात्रों के हितों में खर्च करके दिखाएं। उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन हमारे पास मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर उनके मनी व मसल्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई हम काफी पहले से एबीवीपी के साथ लड़ते आए हैं। एबीवीपी के खिलाफ एनएसयूआई को भी हम अपने साथ जोड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो नहीं जुड़े, ये बहुत दुख की बात है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तारीख 27 सितंबर को निर्धारित है। एक दिन बाद यानी 28 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे।

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एनएसयूआई की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान चार उम्मीदवारों के पैनल की घोषणा की गई। अमृता धवन ने आईएएनएस को बताया कि अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष के लिए यश नांदल, सचिव के लिए नम्रता जेफ और सह सचिव के लिए लोकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। ये एक अनुभवी पैनल हैं और निरंतर कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों के हक की आवाज के लिए लड़ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों के बाद ये यहां पर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी छात्र संगठन अपने अपने एजेंडों के जरिए आम छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के पैनल पर अभी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। अब एनएसयूआई ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

एबीवीपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने जितना पैसा अपने प्रचार में खर्च किया है, उसको छात्रों के हितों में खर्च करके दिखाएं। उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन हमारे पास मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर उनके मनी व मसल्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई हम काफी पहले से एबीवीपी के साथ लड़ते आए हैं। एबीवीपी के खिलाफ एनएसयूआई को भी हम अपने साथ जोड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो नहीं जुड़े, ये बहुत दुख की बात है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तारीख 27 सितंबर को निर्धारित है। एक दिन बाद यानी 28 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे।

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एनएसयूआई की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान चार उम्मीदवारों के पैनल की घोषणा की गई। अमृता धवन ने आईएएनएस को बताया कि अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष के लिए यश नांदल, सचिव के लिए नम्रता जेफ और सह सचिव के लिए लोकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। ये एक अनुभवी पैनल हैं और निरंतर कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों के हक की आवाज के लिए लड़ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों के बाद ये यहां पर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी छात्र संगठन अपने अपने एजेंडों के जरिए आम छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के पैनल पर अभी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। अब एनएसयूआई ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

एबीवीपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने जितना पैसा अपने प्रचार में खर्च किया है, उसको छात्रों के हितों में खर्च करके दिखाएं। उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन हमारे पास मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर उनके मनी व मसल्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई हम काफी पहले से एबीवीपी के साथ लड़ते आए हैं। एबीवीपी के खिलाफ एनएसयूआई को भी हम अपने साथ जोड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो नहीं जुड़े, ये बहुत दुख की बात है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तारीख 27 सितंबर को निर्धारित है। एक दिन बाद यानी 28 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे।

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एनएसयूआई की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान चार उम्मीदवारों के पैनल की घोषणा की गई। अमृता धवन ने आईएएनएस को बताया कि अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष के लिए यश नांदल, सचिव के लिए नम्रता जेफ और सह सचिव के लिए लोकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। ये एक अनुभवी पैनल हैं और निरंतर कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों के हक की आवाज के लिए लड़ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों के बाद ये यहां पर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी छात्र संगठन अपने अपने एजेंडों के जरिए आम छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के पैनल पर अभी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। अब एनएसयूआई ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

एबीवीपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने जितना पैसा अपने प्रचार में खर्च किया है, उसको छात्रों के हितों में खर्च करके दिखाएं। उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन हमारे पास मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर उनके मनी व मसल्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई हम काफी पहले से एबीवीपी के साथ लड़ते आए हैं। एबीवीपी के खिलाफ एनएसयूआई को भी हम अपने साथ जोड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो नहीं जुड़े, ये बहुत दुख की बात है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तारीख 27 सितंबर को निर्धारित है। एक दिन बाद यानी 28 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे।

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एनएसयूआई की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान चार उम्मीदवारों के पैनल की घोषणा की गई। अमृता धवन ने आईएएनएस को बताया कि अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष के लिए यश नांदल, सचिव के लिए नम्रता जेफ और सह सचिव के लिए लोकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। ये एक अनुभवी पैनल हैं और निरंतर कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों के हक की आवाज के लिए लड़ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों के बाद ये यहां पर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी छात्र संगठन अपने अपने एजेंडों के जरिए आम छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के पैनल पर अभी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। अब एनएसयूआई ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

एबीवीपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने जितना पैसा अपने प्रचार में खर्च किया है, उसको छात्रों के हितों में खर्च करके दिखाएं। उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन हमारे पास मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर उनके मनी व मसल्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई हम काफी पहले से एबीवीपी के साथ लड़ते आए हैं। एबीवीपी के खिलाफ एनएसयूआई को भी हम अपने साथ जोड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो नहीं जुड़े, ये बहुत दुख की बात है।

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कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

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बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

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गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तारीख 27 सितंबर को निर्धारित है। एक दिन बाद यानी 28 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे।

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एनएसयूआई की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इस दौरान चार उम्मीदवारों के पैनल की घोषणा की गई। अमृता धवन ने आईएएनएस को बताया कि अध्यक्ष पद के लिए रौनक खत्री, उपाध्यक्ष के लिए यश नांदल, सचिव के लिए नम्रता जेफ और सह सचिव के लिए लोकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। ये एक अनुभवी पैनल हैं और निरंतर कई सालों से दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों के हक की आवाज के लिए लड़ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे बताया, जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है। राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों का स्तर पूरी तरह से गिर चुका है। इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली यूनिवर्सिटी पर प्रभाव पड़ा है, क्योंकि देशभर से यहां पर छात्र और छात्राएं पढ़ने आते हैं। गरीब बच्चों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल हो गया है और सुविधा भी नाममात्र की है। पिछले कई सालों से कोई नया हॉस्टल नहीं बना, सीटों की संख्या नहीं बढ़ी। फीस में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इन सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले हैं।

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों के बाद ये यहां पर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी छात्र संगठन अपने अपने एजेंडों के जरिए आम छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां के पैनल पर अभी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। अब एनएसयूआई ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले 16 सितंबर को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और ‘एसएफआई’ (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ छात्रसंघ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

‘आइसा’ की छात्र नेता नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि, ‘आइसा’ और ‘एसएफआई’ आगामी छात्रसंघ का चुनाव कॉमन एजेंडे पर लड़ेंगे। दोनों छात्र संगठनों के मुद्दे एक जैसे और छात्र हित में रहे हैं। फीस बढ़ोत्तरी और महिला सुरक्षा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।

एबीवीपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि उन लोगों ने जितना पैसा अपने प्रचार में खर्च किया है, उसको छात्रों के हितों में खर्च करके दिखाएं। उनके पास बहुत पैसा है, लेकिन हमारे पास मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर उनके मनी व मसल्स के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये लड़ाई हम काफी पहले से एबीवीपी के साथ लड़ते आए हैं। एबीवीपी के खिलाफ एनएसयूआई को भी हम अपने साथ जोड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो नहीं जुड़े, ये बहुत दुख की बात है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तारीख 27 सितंबर को निर्धारित है। एक दिन बाद यानी 28 सितंबर को इसके नतीजे आएंगे।

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