चेन्नई, 26 सितंबर (आईएएनएस)। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से नाता तोड़ने के बाद एआईएडीएमके पार्टी के कैडर और मध्यम स्तर के नेता गठबंधन छोड़ने के पार्टी के फैसले से खुश हैं।
तमिलनाडु के तिरुचि से अन्नाद्रमुक के प्रबल समर्थक के. सेल्वराज ने आईएएनएस को बताया कि पार्टी के लिए भाजपा के साथ अपने रिश्ते को खत्म करने का यह सही समय है।
उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक एक द्रविड़ राजनीतिक दल है और ऐसे राजनीतिक दल से नाता तोड़ना, जिसका हमसे कोई लेना-देना नहीं है, अच्छा है। अब हमें तमिलनाडु में सभी वर्गों से भरपूर समर्थन मिलेगा।’
उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक एक कैडर आधारित राजनीतिक दल है और पूरे तमिलनाडु में इसकी उपस्थिति है और इसकी चुनावी साख सिद्ध है, जबकि भाजपा राज्य में एक गैर-इकाई है।
सोमवार को जैसे ही अन्नाद्रमुक के उप समन्वयक केपी. मुनुसामी ने पार्टी राज्य समिति कार्यालय के सामने गठबंधन छोड़ने की घोषणा की, वैसे ही कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। कार्यकर्ताओं ने इसका जश्न मनाया।
एआईएडीएमके को अब मुस्लिम समुदाय, दलित और ओबीसी का भी समर्थन मिल सकता है।
मदुरै के सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी नेता आर. स्वामीनाथन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह अन्नाद्रमुक का एक राजनीतिक कदम है। उनकी पार्टी को अब तमिलनाडु के साथ-साथ केंद्र में भी सत्ता विरोधी लहर का फायदा मिल सकता है। यह अन्नाद्रमुक के लिए एक फायदा है।”
अन्नाद्रमुक सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि राज्य पदाधिकारियों से लेकर जिला स्तर के सचिवों तक एक भी नेता ने सोमवार को भाजपा के साथ संबंध तोड़ने के लिए लाए गए प्रस्ताव का विरोध नहीं किया।
अन्नाद्रमुक के एक जिला सचिव ने आईएएनएस को बताया कि जमीनी स्तर पर उनकी पार्टी को स्पष्ट प्रतिक्रिया मिली है कि भाजपा के साथ संबंध टूटने के बाद अब उनकी स्थिति लाभप्रद है।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “हमारा कैडर खुश है।”
उन्होंने कहा, “द्रविड़ गौरव सीएन. अन्नादुरई और हमारी प्रिय नेता जे. जयललिता का अपमान किए जाने के बाद भाजपा के साथ गठबंधन जारी रखने का कोई मतलब नहीं है।”
सूत्रों ने कहा कि पार्टी के राज्य नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय के बाद कई राजनीतिक दल के नेताओं ने अन्नाद्रमुक को अपना समर्थन व्यक्त किया है।
सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान एआईएडीएमके ने तमिलनाडु में भगवा दल के साथ सभी रिश्ते तोड़ने की घोषणा की।
–आईएएनएस
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