नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने सोमवार को विजेता बोली लगाने वाले जालान-कैलरॉक कंसोर्टियम को दिवालिया जेट एयरवेज के ऋणदाताओं को 350 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए और समय दिया, जिसने अप्रैल 2019 में उड़ान बंद कर दी थी।
ट्रिब्यूनल ने कंसोर्टियम के अनुरोध पर समयसीमा 30 सितंबर तक बढ़ा दी और 350 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए प्रदर्शन बैंक गारंटी (पीबीजी) से 150 करोड़ रुपये का समायोजन किया।
कंसोर्टियम ने तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष 31 अगस्त तक 100 करोड़ रुपये और 30 सितंबर तक 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने का वचन दिया।
शेष 150 करोड़ रुपये के लिए कंसोर्टियम ने अपीलीय न्यायाधिकरण से उस उद्देश्य के लिए प्रस्तुत पीबीजी को भुनाने का अनुरोध किया।
इससे पहले, कंसोर्टियम को 31 अगस्त तक ऋणदाताओं को 350 करोड़ रुपये का भुगतान करना था, लेकिन उसने भुगतान के लिए समय बढ़ाने की मांग की।
कंसोर्टियम ने अपनी याचिका में एयरलाइन के लेनदारों को 350 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए 90 दिनों की मोहलत मांगी थी। अपीलीय न्यायाधिकरण ने 21 अगस्त को आदेश सुरक्षित रखने के बाद फैसला सुनाया। इसने कंसोर्टियम से अदालत को यह पुष्टि करने के लिए कहा था कि पीबीजी 350 करोड़ रुपये की जमा राशि के लिए सुरक्षा के रूप में काम कर सकता है।
कंसोर्टियम के वकील ने कहा था कि स्वीकृत समाधान योजना में पीबीजी को समायोजित करने की संभावना का उल्लेख है। ऋणदाताओं ने अपने जवाब में दलील दी कि कंसोर्टियम न केवल विस्तार की मांग कर रहा है, बल्कि स्वीकृत समाधान योजना को संशोधित करने का प्रयास कर रहा है।
–आईएएनएस
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