नई दिल्ली, 19 जनवरी (आईएएनएस)। बाजार में एक अहम ट्रेंड है एफआईआई और डीआईआई के बीच रस्साकशी का फिर से शुरू होना। इसका खुदरा निवेशकों पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने ये बात कही है।
पिछले दो दिन में एफपीआई ने बड़े पैमाने पर 20,480 करोड़ रुपए की इक्विटी बेची है। यह आंशिक रूप से अमेरिका में बांड यील्ड के बढ़ने के चलते है। अमेरिका में 10 साल का बांड यील्ड बढ़कर 4.16 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा, चूंकि एफआईआई एयूएम का सबसे बड़ा हिस्सा बैंकों में है, इसलिए वे बैंकों, मुख्य रूप से एचडीएफसी बैंक में बिकवाली कर रहे हैं।
हाल के वर्षों में एफआईआई और डीआईआई के बीच रस्साकशी में डीआईआई ने हमेशा जीत हासिल की, भले ही एफआईआई की बिक्री से अल्पकालिक नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा, बाहरी कारकों के कारण एफआईआई की बिकवाली हमेशा खरीदारी का अवसर रही है।
अत्यधिक वैल्यूएशन के बावजूद मिड और स्मॉल कैप सेगमेंट मजबूत हैं। लगातार खरीदारी हो रही है और एफआईआई की ओर से बिकवाली का कोई दबाव नहीं है। उन्होंने कहा कि इस विसंगति को समय आने पर ठीक कर लिया जाएगा।
शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 437 अंक ऊपर 71,624 अंक पर है। सेंसेक्स ने अपनी कुछ बढ़त गंवा दी है। भारती एयरटेल 3 फीसदी, एक्सिस बैंक 2 फीसदी ऊपर है।
–आईएएनएस
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