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एफपीआई ने सात सत्र में 8,545 करोड़ रुपये के शेयर बेचे

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August 5, 2023
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। लगातार तीन महीने तक भारतीय पूंजी बाजार में पैसा लगाने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अब बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने बताया कि पिछले सात कारोबारी सत्रों के दौरान एफपीआई ने 8,545 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

उन्होंने कहा कि अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर मिलने वाला ब्‍याज तेजी से बढ़कर चार प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है। इससे उभरते बाजार वाले देशों में पूंजी प्रवाह निकट भविष्य में नकारात्मक रहने की आशंका है।

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एफपीआई ने भारतीय बाजार में पिछले तीन महीने में कुल 1,37,603 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है।

उन्होंने कहा, अगर अमेरिकी बांड पर ब्‍याज ऊंची बनी रहती है तो एफपीआई द्वारा बिकवाली जारी रखने या कम से कम खरीदारी से परहेज करने की संभावना है।

उन्‍होंने कहा कि एफपीआई ने ऑटो, पूंजीगत सामान और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में निवेश जारी रखा है। इसके अलावा एफपीआई की रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि उन्होंने आईटी शेयरों में खरीददारी शुरू कर दी है। इस सेक्‍टर में पहले वे बिकवाली कर रहे थे। यह हाल में आईटी शेयरों में आई मजबूती को दिखाता है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि मजबूत मांग के कारण भारत की सेवा गतिविधियों का माह-दर-माह सूचकांक तेजी से बढ़कर 62.3 पर पहुंच गया जो 13 साल में सबसे तेज वृद्धि दर है। इसके कारण लगातार तीन दिन तक बिकवाली का दबाव झेलने के बाद घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को कुछ राहत देखी गई।

–आईएएनएस

एमकेएस/एकेजे

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नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। लगातार तीन महीने तक भारतीय पूंजी बाजार में पैसा लगाने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अब बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने बताया कि पिछले सात कारोबारी सत्रों के दौरान एफपीआई ने 8,545 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

उन्होंने कहा कि अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर मिलने वाला ब्‍याज तेजी से बढ़कर चार प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है। इससे उभरते बाजार वाले देशों में पूंजी प्रवाह निकट भविष्य में नकारात्मक रहने की आशंका है।

एफपीआई ने भारतीय बाजार में पिछले तीन महीने में कुल 1,37,603 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है।

उन्होंने कहा, अगर अमेरिकी बांड पर ब्‍याज ऊंची बनी रहती है तो एफपीआई द्वारा बिकवाली जारी रखने या कम से कम खरीदारी से परहेज करने की संभावना है।

उन्‍होंने कहा कि एफपीआई ने ऑटो, पूंजीगत सामान और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में निवेश जारी रखा है। इसके अलावा एफपीआई की रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि उन्होंने आईटी शेयरों में खरीददारी शुरू कर दी है। इस सेक्‍टर में पहले वे बिकवाली कर रहे थे। यह हाल में आईटी शेयरों में आई मजबूती को दिखाता है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि मजबूत मांग के कारण भारत की सेवा गतिविधियों का माह-दर-माह सूचकांक तेजी से बढ़कर 62.3 पर पहुंच गया जो 13 साल में सबसे तेज वृद्धि दर है। इसके कारण लगातार तीन दिन तक बिकवाली का दबाव झेलने के बाद घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को कुछ राहत देखी गई।

–आईएएनएस

एमकेएस/एकेजे

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नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। लगातार तीन महीने तक भारतीय पूंजी बाजार में पैसा लगाने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अब बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने बताया कि पिछले सात कारोबारी सत्रों के दौरान एफपीआई ने 8,545 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

उन्होंने कहा कि अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर मिलने वाला ब्‍याज तेजी से बढ़कर चार प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है। इससे उभरते बाजार वाले देशों में पूंजी प्रवाह निकट भविष्य में नकारात्मक रहने की आशंका है।

एफपीआई ने भारतीय बाजार में पिछले तीन महीने में कुल 1,37,603 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है।

उन्होंने कहा, अगर अमेरिकी बांड पर ब्‍याज ऊंची बनी रहती है तो एफपीआई द्वारा बिकवाली जारी रखने या कम से कम खरीदारी से परहेज करने की संभावना है।

उन्‍होंने कहा कि एफपीआई ने ऑटो, पूंजीगत सामान और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में निवेश जारी रखा है। इसके अलावा एफपीआई की रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि उन्होंने आईटी शेयरों में खरीददारी शुरू कर दी है। इस सेक्‍टर में पहले वे बिकवाली कर रहे थे। यह हाल में आईटी शेयरों में आई मजबूती को दिखाता है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि मजबूत मांग के कारण भारत की सेवा गतिविधियों का माह-दर-माह सूचकांक तेजी से बढ़कर 62.3 पर पहुंच गया जो 13 साल में सबसे तेज वृद्धि दर है। इसके कारण लगातार तीन दिन तक बिकवाली का दबाव झेलने के बाद घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को कुछ राहत देखी गई।

–आईएएनएस

एमकेएस/एकेजे

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नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। लगातार तीन महीने तक भारतीय पूंजी बाजार में पैसा लगाने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अब बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने बताया कि पिछले सात कारोबारी सत्रों के दौरान एफपीआई ने 8,545 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

उन्होंने कहा कि अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर मिलने वाला ब्‍याज तेजी से बढ़कर चार प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है। इससे उभरते बाजार वाले देशों में पूंजी प्रवाह निकट भविष्य में नकारात्मक रहने की आशंका है।

एफपीआई ने भारतीय बाजार में पिछले तीन महीने में कुल 1,37,603 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है।

उन्होंने कहा, अगर अमेरिकी बांड पर ब्‍याज ऊंची बनी रहती है तो एफपीआई द्वारा बिकवाली जारी रखने या कम से कम खरीदारी से परहेज करने की संभावना है।

उन्‍होंने कहा कि एफपीआई ने ऑटो, पूंजीगत सामान और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में निवेश जारी रखा है। इसके अलावा एफपीआई की रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि उन्होंने आईटी शेयरों में खरीददारी शुरू कर दी है। इस सेक्‍टर में पहले वे बिकवाली कर रहे थे। यह हाल में आईटी शेयरों में आई मजबूती को दिखाता है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि मजबूत मांग के कारण भारत की सेवा गतिविधियों का माह-दर-माह सूचकांक तेजी से बढ़कर 62.3 पर पहुंच गया जो 13 साल में सबसे तेज वृद्धि दर है। इसके कारण लगातार तीन दिन तक बिकवाली का दबाव झेलने के बाद घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को कुछ राहत देखी गई।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। लगातार तीन महीने तक भारतीय पूंजी बाजार में पैसा लगाने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अब बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने बताया कि पिछले सात कारोबारी सत्रों के दौरान एफपीआई ने 8,545 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

उन्होंने कहा कि अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर मिलने वाला ब्‍याज तेजी से बढ़कर चार प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है। इससे उभरते बाजार वाले देशों में पूंजी प्रवाह निकट भविष्य में नकारात्मक रहने की आशंका है।

एफपीआई ने भारतीय बाजार में पिछले तीन महीने में कुल 1,37,603 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है।

उन्होंने कहा, अगर अमेरिकी बांड पर ब्‍याज ऊंची बनी रहती है तो एफपीआई द्वारा बिकवाली जारी रखने या कम से कम खरीदारी से परहेज करने की संभावना है।

उन्‍होंने कहा कि एफपीआई ने ऑटो, पूंजीगत सामान और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में निवेश जारी रखा है। इसके अलावा एफपीआई की रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि उन्होंने आईटी शेयरों में खरीददारी शुरू कर दी है। इस सेक्‍टर में पहले वे बिकवाली कर रहे थे। यह हाल में आईटी शेयरों में आई मजबूती को दिखाता है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि मजबूत मांग के कारण भारत की सेवा गतिविधियों का माह-दर-माह सूचकांक तेजी से बढ़कर 62.3 पर पहुंच गया जो 13 साल में सबसे तेज वृद्धि दर है। इसके कारण लगातार तीन दिन तक बिकवाली का दबाव झेलने के बाद घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को कुछ राहत देखी गई।

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उन्होंने कहा कि अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर मिलने वाला ब्‍याज तेजी से बढ़कर चार प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है। इससे उभरते बाजार वाले देशों में पूंजी प्रवाह निकट भविष्य में नकारात्मक रहने की आशंका है।

एफपीआई ने भारतीय बाजार में पिछले तीन महीने में कुल 1,37,603 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है।

उन्होंने कहा, अगर अमेरिकी बांड पर ब्‍याज ऊंची बनी रहती है तो एफपीआई द्वारा बिकवाली जारी रखने या कम से कम खरीदारी से परहेज करने की संभावना है।

उन्‍होंने कहा कि एफपीआई ने ऑटो, पूंजीगत सामान और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में निवेश जारी रखा है। इसके अलावा एफपीआई की रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि उन्होंने आईटी शेयरों में खरीददारी शुरू कर दी है। इस सेक्‍टर में पहले वे बिकवाली कर रहे थे। यह हाल में आईटी शेयरों में आई मजबूती को दिखाता है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि मजबूत मांग के कारण भारत की सेवा गतिविधियों का माह-दर-माह सूचकांक तेजी से बढ़कर 62.3 पर पहुंच गया जो 13 साल में सबसे तेज वृद्धि दर है। इसके कारण लगातार तीन दिन तक बिकवाली का दबाव झेलने के बाद घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को कुछ राहत देखी गई।

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उन्होंने कहा कि अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर मिलने वाला ब्‍याज तेजी से बढ़कर चार प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है। इससे उभरते बाजार वाले देशों में पूंजी प्रवाह निकट भविष्य में नकारात्मक रहने की आशंका है।

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मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि मजबूत मांग के कारण भारत की सेवा गतिविधियों का माह-दर-माह सूचकांक तेजी से बढ़कर 62.3 पर पहुंच गया जो 13 साल में सबसे तेज वृद्धि दर है। इसके कारण लगातार तीन दिन तक बिकवाली का दबाव झेलने के बाद घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को कुछ राहत देखी गई।

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एफपीआई ने भारतीय बाजार में पिछले तीन महीने में कुल 1,37,603 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है।

उन्होंने कहा, अगर अमेरिकी बांड पर ब्‍याज ऊंची बनी रहती है तो एफपीआई द्वारा बिकवाली जारी रखने या कम से कम खरीदारी से परहेज करने की संभावना है।

उन्‍होंने कहा कि एफपीआई ने ऑटो, पूंजीगत सामान और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में निवेश जारी रखा है। इसके अलावा एफपीआई की रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि उन्होंने आईटी शेयरों में खरीददारी शुरू कर दी है। इस सेक्‍टर में पहले वे बिकवाली कर रहे थे। यह हाल में आईटी शेयरों में आई मजबूती को दिखाता है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि मजबूत मांग के कारण भारत की सेवा गतिविधियों का माह-दर-माह सूचकांक तेजी से बढ़कर 62.3 पर पहुंच गया जो 13 साल में सबसे तेज वृद्धि दर है। इसके कारण लगातार तीन दिन तक बिकवाली का दबाव झेलने के बाद घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को कुछ राहत देखी गई।

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