भोपाल, 10 मार्च (आईएएनएस)। टाइगर स्टेट का तमगा पा चुके मध्य प्रदेश ने शुक्रवार को माधव नेशनल पार्क (एमएनपी) के बाड़े में दो बाघों (एक नर और एक मादा) को छोड़ कर एक और उपलब्धि हासिल की है।
बाघों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रिहा किया। वन अधिकारियों ने कहा कि कम से कम तीन और बाघों को भविष्य में एमएनपी के बाड़ों में छोड़ा जाएगा ताकि इस क्षेत्र में पर्यटन को नई गति दी जा सके। पर्यटन क्षमता को बढ़ाने के अलावा, यह राजस्थान में कुनो नेशनल पार्क, माधव नेशनल पार्क, पन्ना टाइगर रिजर्व (एमपी) और रणथंभौर टाइगर रिजर्व के बीच विशाल वन्यजीव कॉरिडोर भी बनाएगा।
अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि इससे स्थानीय आबादी के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। एक अधिकारी ने कहा, बाघ आरक्षित क्षेत्र को 1,600 किमी वर्ग क्षेत्र में विस्तारित करने की योजनाएं चल रही हैं। टाइगर सफारी उन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जिस पर सरकार की नजर है, वन्यजीव गलियारे को बढ़ाकर और क्षेत्र की पर्यटन क्षमता का दोहन करके।
अधिकारी ने कहा कि, एमएनपी में छोड़े गए नर बाघ को पिछले साल अक्टूबर में भोपाल में मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएएनआईटी) के विशाल परिसर में भटकने के बाद पकड़ लिया गया था, बाघिन को रीवा जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाया गया। एक और बाघिन को छोड़ने की योजना काम नहीं कर सकी क्योंकि इसे पन्ना टाइगर रिजर्व में नहीं पकड़ा जा सका। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की जयंती को चिह्न्ति करने के लिए दो बाघों का स्थानांतरण हुआ।
कांग्रेस के दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधो राव सिंधिया के नाम पर शिवपुरी जिले में एमएनपी की स्थापना की गई थी। शिवपुरी की सीमाएं श्योपुर जिले से लगती हैं, जहां कूनो नेशनल पार्क है, जो नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 चीतों के लिए नया घर है।
–आईएएनएस
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