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Home राष्ट्रीय

एमसीसी का सीपीआई एमएल में विलय, दीपांकर बोले – ‘झारखंड में मजबूत होगा वाम आंदोलन’

by
September 9, 2024
in राष्ट्रीय
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एमसीसी का सीपीआई एमएल में विलय, दीपांकर बोले – ‘झारखंड में मजबूत होगा वाम आंदोलन’
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धनबाद, 9 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के धनबाद कोयलांचल में लगभग चार दशकों से एक अहम सियासी ताकत रही मार्क्सवादी को-ऑर्डिनेशन कमेटी (एमसीसी) का सोमवार को सीपीआई एमएल में विलय हो गया।

इस मौके पर धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में आयोजित एकता रैली को संबोधित करते हुए सीपीआई एमएल के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि दो वामपंथी पार्टियों के एकीकरण से वाम आंदोलन को मजबूती मिलेगी। मजदूरों, गरीब-गुरबों के हक की हमारी लड़ाई को निश्चित रूप से धार मिलेगी।

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भट्टाचार्य ने कहा कि देश में इस वक्त सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों के खिलाफ राजनीतिक दलों की एकता जरूरी है। ‘इंडिया’ गठबंधन इसी दिशा में काम कर रहा है। एक तरफ बीजेपी तोड़फोड़ में जुटी है, तो दूसरी तरफ हम जोड़ने के काम में जुटे हैं। एकता रैली को एमसीसी के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी और आनंद महतो सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।

नेताओं ने कहा कि दोनों दल एक ही दौर में उभरे। 70 के दशक में जहां चारू मजूमदार के नेतृत्व में नक्सलबाड़ी में किसानों का संघर्ष प्रारंभ हुआ। दूसरी तरफ धनबाद में कोयला मजदूरों और विस्थापितों का आंदोलन कॉमरेड एके राय के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ। दोनों पार्टियां झारखंड आंदोलन की शुरुआत से अग्रणी कतार में रही हैं। इस एकता से उत्तरी छोटानागपुर और झारखंड में संघर्षशील जनता का मनोबल बढ़ेगा।

सीपीआई एमएल और एमसीसी (मार्क्सवादी को-ऑर्डिनेशन कमेटी) की केंद्रीय कमेटियों की 10 अगस्त को रांची में हुई साझा बैठक के बाद एमसीसी के सीपीआई एमएल में विलय का निर्णय लिया गया था। झारखंड विधानसभा चुनाव ठीक पहले दो वाम पार्टियों के एकीकरण को सियासी नजरिए से अहम घटनाक्रम माना जा रहा है।

सीपीआई एमएल फिलहाल ‘इंडिया’ गठबंधन का घटक दल है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी वह गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी। झारखंड में फिलहाल बगोदर विधानसभा सीट पर सीपीआई एमएल का कब्जा है, जहां से विनोद सिंह विधायक हैं। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में विनोद सिंह कोडरमा लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन के साझा प्रत्याशी थे। वह 4 लाख 14 हजार 643 मत प्राप्‍त कर दूसरे स्थान पर रहे थे।

धनबाद में एमसीसी का अच्छा खासा प्रभाव रहा है। यहां की निरसा सीट से अरूप चटर्जी विधायक रहे हैं। एमसीसी के संस्थापक कॉमरेड एके राय धनबाद सीट से तीन बार सांसद और सिंदरी सीट से तीन बार विधायक रहे थे।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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धनबाद, 9 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के धनबाद कोयलांचल में लगभग चार दशकों से एक अहम सियासी ताकत रही मार्क्सवादी को-ऑर्डिनेशन कमेटी (एमसीसी) का सोमवार को सीपीआई एमएल में विलय हो गया।

इस मौके पर धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में आयोजित एकता रैली को संबोधित करते हुए सीपीआई एमएल के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि दो वामपंथी पार्टियों के एकीकरण से वाम आंदोलन को मजबूती मिलेगी। मजदूरों, गरीब-गुरबों के हक की हमारी लड़ाई को निश्चित रूप से धार मिलेगी।

भट्टाचार्य ने कहा कि देश में इस वक्त सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों के खिलाफ राजनीतिक दलों की एकता जरूरी है। ‘इंडिया’ गठबंधन इसी दिशा में काम कर रहा है। एक तरफ बीजेपी तोड़फोड़ में जुटी है, तो दूसरी तरफ हम जोड़ने के काम में जुटे हैं। एकता रैली को एमसीसी के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी और आनंद महतो सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।

नेताओं ने कहा कि दोनों दल एक ही दौर में उभरे। 70 के दशक में जहां चारू मजूमदार के नेतृत्व में नक्सलबाड़ी में किसानों का संघर्ष प्रारंभ हुआ। दूसरी तरफ धनबाद में कोयला मजदूरों और विस्थापितों का आंदोलन कॉमरेड एके राय के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ। दोनों पार्टियां झारखंड आंदोलन की शुरुआत से अग्रणी कतार में रही हैं। इस एकता से उत्तरी छोटानागपुर और झारखंड में संघर्षशील जनता का मनोबल बढ़ेगा।

सीपीआई एमएल और एमसीसी (मार्क्सवादी को-ऑर्डिनेशन कमेटी) की केंद्रीय कमेटियों की 10 अगस्त को रांची में हुई साझा बैठक के बाद एमसीसी के सीपीआई एमएल में विलय का निर्णय लिया गया था। झारखंड विधानसभा चुनाव ठीक पहले दो वाम पार्टियों के एकीकरण को सियासी नजरिए से अहम घटनाक्रम माना जा रहा है।

सीपीआई एमएल फिलहाल ‘इंडिया’ गठबंधन का घटक दल है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी वह गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी। झारखंड में फिलहाल बगोदर विधानसभा सीट पर सीपीआई एमएल का कब्जा है, जहां से विनोद सिंह विधायक हैं। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में विनोद सिंह कोडरमा लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन के साझा प्रत्याशी थे। वह 4 लाख 14 हजार 643 मत प्राप्‍त कर दूसरे स्थान पर रहे थे।

धनबाद में एमसीसी का अच्छा खासा प्रभाव रहा है। यहां की निरसा सीट से अरूप चटर्जी विधायक रहे हैं। एमसीसी के संस्थापक कॉमरेड एके राय धनबाद सीट से तीन बार सांसद और सिंदरी सीट से तीन बार विधायक रहे थे।

–आईएएनएस

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इस मौके पर धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में आयोजित एकता रैली को संबोधित करते हुए सीपीआई एमएल के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि दो वामपंथी पार्टियों के एकीकरण से वाम आंदोलन को मजबूती मिलेगी। मजदूरों, गरीब-गुरबों के हक की हमारी लड़ाई को निश्चित रूप से धार मिलेगी।

भट्टाचार्य ने कहा कि देश में इस वक्त सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों के खिलाफ राजनीतिक दलों की एकता जरूरी है। ‘इंडिया’ गठबंधन इसी दिशा में काम कर रहा है। एक तरफ बीजेपी तोड़फोड़ में जुटी है, तो दूसरी तरफ हम जोड़ने के काम में जुटे हैं। एकता रैली को एमसीसी के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी और आनंद महतो सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।

नेताओं ने कहा कि दोनों दल एक ही दौर में उभरे। 70 के दशक में जहां चारू मजूमदार के नेतृत्व में नक्सलबाड़ी में किसानों का संघर्ष प्रारंभ हुआ। दूसरी तरफ धनबाद में कोयला मजदूरों और विस्थापितों का आंदोलन कॉमरेड एके राय के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ। दोनों पार्टियां झारखंड आंदोलन की शुरुआत से अग्रणी कतार में रही हैं। इस एकता से उत्तरी छोटानागपुर और झारखंड में संघर्षशील जनता का मनोबल बढ़ेगा।

सीपीआई एमएल और एमसीसी (मार्क्सवादी को-ऑर्डिनेशन कमेटी) की केंद्रीय कमेटियों की 10 अगस्त को रांची में हुई साझा बैठक के बाद एमसीसी के सीपीआई एमएल में विलय का निर्णय लिया गया था। झारखंड विधानसभा चुनाव ठीक पहले दो वाम पार्टियों के एकीकरण को सियासी नजरिए से अहम घटनाक्रम माना जा रहा है।

सीपीआई एमएल फिलहाल ‘इंडिया’ गठबंधन का घटक दल है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी वह गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी। झारखंड में फिलहाल बगोदर विधानसभा सीट पर सीपीआई एमएल का कब्जा है, जहां से विनोद सिंह विधायक हैं। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में विनोद सिंह कोडरमा लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन के साझा प्रत्याशी थे। वह 4 लाख 14 हजार 643 मत प्राप्‍त कर दूसरे स्थान पर रहे थे।

धनबाद में एमसीसी का अच्छा खासा प्रभाव रहा है। यहां की निरसा सीट से अरूप चटर्जी विधायक रहे हैं। एमसीसी के संस्थापक कॉमरेड एके राय धनबाद सीट से तीन बार सांसद और सिंदरी सीट से तीन बार विधायक रहे थे।

–आईएएनएस

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इस मौके पर धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में आयोजित एकता रैली को संबोधित करते हुए सीपीआई एमएल के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि दो वामपंथी पार्टियों के एकीकरण से वाम आंदोलन को मजबूती मिलेगी। मजदूरों, गरीब-गुरबों के हक की हमारी लड़ाई को निश्चित रूप से धार मिलेगी।

भट्टाचार्य ने कहा कि देश में इस वक्त सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों के खिलाफ राजनीतिक दलों की एकता जरूरी है। ‘इंडिया’ गठबंधन इसी दिशा में काम कर रहा है। एक तरफ बीजेपी तोड़फोड़ में जुटी है, तो दूसरी तरफ हम जोड़ने के काम में जुटे हैं। एकता रैली को एमसीसी के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी और आनंद महतो सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।

नेताओं ने कहा कि दोनों दल एक ही दौर में उभरे। 70 के दशक में जहां चारू मजूमदार के नेतृत्व में नक्सलबाड़ी में किसानों का संघर्ष प्रारंभ हुआ। दूसरी तरफ धनबाद में कोयला मजदूरों और विस्थापितों का आंदोलन कॉमरेड एके राय के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ। दोनों पार्टियां झारखंड आंदोलन की शुरुआत से अग्रणी कतार में रही हैं। इस एकता से उत्तरी छोटानागपुर और झारखंड में संघर्षशील जनता का मनोबल बढ़ेगा।

सीपीआई एमएल और एमसीसी (मार्क्सवादी को-ऑर्डिनेशन कमेटी) की केंद्रीय कमेटियों की 10 अगस्त को रांची में हुई साझा बैठक के बाद एमसीसी के सीपीआई एमएल में विलय का निर्णय लिया गया था। झारखंड विधानसभा चुनाव ठीक पहले दो वाम पार्टियों के एकीकरण को सियासी नजरिए से अहम घटनाक्रम माना जा रहा है।

सीपीआई एमएल फिलहाल ‘इंडिया’ गठबंधन का घटक दल है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी वह गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी। झारखंड में फिलहाल बगोदर विधानसभा सीट पर सीपीआई एमएल का कब्जा है, जहां से विनोद सिंह विधायक हैं। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में विनोद सिंह कोडरमा लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन के साझा प्रत्याशी थे। वह 4 लाख 14 हजार 643 मत प्राप्‍त कर दूसरे स्थान पर रहे थे।

धनबाद में एमसीसी का अच्छा खासा प्रभाव रहा है। यहां की निरसा सीट से अरूप चटर्जी विधायक रहे हैं। एमसीसी के संस्थापक कॉमरेड एके राय धनबाद सीट से तीन बार सांसद और सिंदरी सीट से तीन बार विधायक रहे थे।

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इस मौके पर धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में आयोजित एकता रैली को संबोधित करते हुए सीपीआई एमएल के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि दो वामपंथी पार्टियों के एकीकरण से वाम आंदोलन को मजबूती मिलेगी। मजदूरों, गरीब-गुरबों के हक की हमारी लड़ाई को निश्चित रूप से धार मिलेगी।

भट्टाचार्य ने कहा कि देश में इस वक्त सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों के खिलाफ राजनीतिक दलों की एकता जरूरी है। ‘इंडिया’ गठबंधन इसी दिशा में काम कर रहा है। एक तरफ बीजेपी तोड़फोड़ में जुटी है, तो दूसरी तरफ हम जोड़ने के काम में जुटे हैं। एकता रैली को एमसीसी के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी और आनंद महतो सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।

नेताओं ने कहा कि दोनों दल एक ही दौर में उभरे। 70 के दशक में जहां चारू मजूमदार के नेतृत्व में नक्सलबाड़ी में किसानों का संघर्ष प्रारंभ हुआ। दूसरी तरफ धनबाद में कोयला मजदूरों और विस्थापितों का आंदोलन कॉमरेड एके राय के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ। दोनों पार्टियां झारखंड आंदोलन की शुरुआत से अग्रणी कतार में रही हैं। इस एकता से उत्तरी छोटानागपुर और झारखंड में संघर्षशील जनता का मनोबल बढ़ेगा।

सीपीआई एमएल और एमसीसी (मार्क्सवादी को-ऑर्डिनेशन कमेटी) की केंद्रीय कमेटियों की 10 अगस्त को रांची में हुई साझा बैठक के बाद एमसीसी के सीपीआई एमएल में विलय का निर्णय लिया गया था। झारखंड विधानसभा चुनाव ठीक पहले दो वाम पार्टियों के एकीकरण को सियासी नजरिए से अहम घटनाक्रम माना जा रहा है।

सीपीआई एमएल फिलहाल ‘इंडिया’ गठबंधन का घटक दल है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी वह गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी। झारखंड में फिलहाल बगोदर विधानसभा सीट पर सीपीआई एमएल का कब्जा है, जहां से विनोद सिंह विधायक हैं। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में विनोद सिंह कोडरमा लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन के साझा प्रत्याशी थे। वह 4 लाख 14 हजार 643 मत प्राप्‍त कर दूसरे स्थान पर रहे थे।

धनबाद में एमसीसी का अच्छा खासा प्रभाव रहा है। यहां की निरसा सीट से अरूप चटर्जी विधायक रहे हैं। एमसीसी के संस्थापक कॉमरेड एके राय धनबाद सीट से तीन बार सांसद और सिंदरी सीट से तीन बार विधायक रहे थे।

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इस मौके पर धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में आयोजित एकता रैली को संबोधित करते हुए सीपीआई एमएल के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि दो वामपंथी पार्टियों के एकीकरण से वाम आंदोलन को मजबूती मिलेगी। मजदूरों, गरीब-गुरबों के हक की हमारी लड़ाई को निश्चित रूप से धार मिलेगी।

भट्टाचार्य ने कहा कि देश में इस वक्त सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों के खिलाफ राजनीतिक दलों की एकता जरूरी है। ‘इंडिया’ गठबंधन इसी दिशा में काम कर रहा है। एक तरफ बीजेपी तोड़फोड़ में जुटी है, तो दूसरी तरफ हम जोड़ने के काम में जुटे हैं। एकता रैली को एमसीसी के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी और आनंद महतो सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।

नेताओं ने कहा कि दोनों दल एक ही दौर में उभरे। 70 के दशक में जहां चारू मजूमदार के नेतृत्व में नक्सलबाड़ी में किसानों का संघर्ष प्रारंभ हुआ। दूसरी तरफ धनबाद में कोयला मजदूरों और विस्थापितों का आंदोलन कॉमरेड एके राय के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ। दोनों पार्टियां झारखंड आंदोलन की शुरुआत से अग्रणी कतार में रही हैं। इस एकता से उत्तरी छोटानागपुर और झारखंड में संघर्षशील जनता का मनोबल बढ़ेगा।

सीपीआई एमएल और एमसीसी (मार्क्सवादी को-ऑर्डिनेशन कमेटी) की केंद्रीय कमेटियों की 10 अगस्त को रांची में हुई साझा बैठक के बाद एमसीसी के सीपीआई एमएल में विलय का निर्णय लिया गया था। झारखंड विधानसभा चुनाव ठीक पहले दो वाम पार्टियों के एकीकरण को सियासी नजरिए से अहम घटनाक्रम माना जा रहा है।

सीपीआई एमएल फिलहाल ‘इंडिया’ गठबंधन का घटक दल है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी वह गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी। झारखंड में फिलहाल बगोदर विधानसभा सीट पर सीपीआई एमएल का कब्जा है, जहां से विनोद सिंह विधायक हैं। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में विनोद सिंह कोडरमा लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन के साझा प्रत्याशी थे। वह 4 लाख 14 हजार 643 मत प्राप्‍त कर दूसरे स्थान पर रहे थे।

धनबाद में एमसीसी का अच्छा खासा प्रभाव रहा है। यहां की निरसा सीट से अरूप चटर्जी विधायक रहे हैं। एमसीसी के संस्थापक कॉमरेड एके राय धनबाद सीट से तीन बार सांसद और सिंदरी सीट से तीन बार विधायक रहे थे।

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इस मौके पर धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में आयोजित एकता रैली को संबोधित करते हुए सीपीआई एमएल के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि दो वामपंथी पार्टियों के एकीकरण से वाम आंदोलन को मजबूती मिलेगी। मजदूरों, गरीब-गुरबों के हक की हमारी लड़ाई को निश्चित रूप से धार मिलेगी।

भट्टाचार्य ने कहा कि देश में इस वक्त सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों के खिलाफ राजनीतिक दलों की एकता जरूरी है। ‘इंडिया’ गठबंधन इसी दिशा में काम कर रहा है। एक तरफ बीजेपी तोड़फोड़ में जुटी है, तो दूसरी तरफ हम जोड़ने के काम में जुटे हैं। एकता रैली को एमसीसी के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी और आनंद महतो सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।

नेताओं ने कहा कि दोनों दल एक ही दौर में उभरे। 70 के दशक में जहां चारू मजूमदार के नेतृत्व में नक्सलबाड़ी में किसानों का संघर्ष प्रारंभ हुआ। दूसरी तरफ धनबाद में कोयला मजदूरों और विस्थापितों का आंदोलन कॉमरेड एके राय के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ। दोनों पार्टियां झारखंड आंदोलन की शुरुआत से अग्रणी कतार में रही हैं। इस एकता से उत्तरी छोटानागपुर और झारखंड में संघर्षशील जनता का मनोबल बढ़ेगा।

सीपीआई एमएल और एमसीसी (मार्क्सवादी को-ऑर्डिनेशन कमेटी) की केंद्रीय कमेटियों की 10 अगस्त को रांची में हुई साझा बैठक के बाद एमसीसी के सीपीआई एमएल में विलय का निर्णय लिया गया था। झारखंड विधानसभा चुनाव ठीक पहले दो वाम पार्टियों के एकीकरण को सियासी नजरिए से अहम घटनाक्रम माना जा रहा है।

सीपीआई एमएल फिलहाल ‘इंडिया’ गठबंधन का घटक दल है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी वह गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी। झारखंड में फिलहाल बगोदर विधानसभा सीट पर सीपीआई एमएल का कब्जा है, जहां से विनोद सिंह विधायक हैं। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में विनोद सिंह कोडरमा लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन के साझा प्रत्याशी थे। वह 4 लाख 14 हजार 643 मत प्राप्‍त कर दूसरे स्थान पर रहे थे।

धनबाद में एमसीसी का अच्छा खासा प्रभाव रहा है। यहां की निरसा सीट से अरूप चटर्जी विधायक रहे हैं। एमसीसी के संस्थापक कॉमरेड एके राय धनबाद सीट से तीन बार सांसद और सिंदरी सीट से तीन बार विधायक रहे थे।

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इस मौके पर धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में आयोजित एकता रैली को संबोधित करते हुए सीपीआई एमएल के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि दो वामपंथी पार्टियों के एकीकरण से वाम आंदोलन को मजबूती मिलेगी। मजदूरों, गरीब-गुरबों के हक की हमारी लड़ाई को निश्चित रूप से धार मिलेगी।

भट्टाचार्य ने कहा कि देश में इस वक्त सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों के खिलाफ राजनीतिक दलों की एकता जरूरी है। ‘इंडिया’ गठबंधन इसी दिशा में काम कर रहा है। एक तरफ बीजेपी तोड़फोड़ में जुटी है, तो दूसरी तरफ हम जोड़ने के काम में जुटे हैं। एकता रैली को एमसीसी के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी और आनंद महतो सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।

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सीपीआई एमएल और एमसीसी (मार्क्सवादी को-ऑर्डिनेशन कमेटी) की केंद्रीय कमेटियों की 10 अगस्त को रांची में हुई साझा बैठक के बाद एमसीसी के सीपीआई एमएल में विलय का निर्णय लिया गया था। झारखंड विधानसभा चुनाव ठीक पहले दो वाम पार्टियों के एकीकरण को सियासी नजरिए से अहम घटनाक्रम माना जा रहा है।

सीपीआई एमएल फिलहाल ‘इंडिया’ गठबंधन का घटक दल है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी वह गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी। झारखंड में फिलहाल बगोदर विधानसभा सीट पर सीपीआई एमएल का कब्जा है, जहां से विनोद सिंह विधायक हैं। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में विनोद सिंह कोडरमा लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन के साझा प्रत्याशी थे। वह 4 लाख 14 हजार 643 मत प्राप्‍त कर दूसरे स्थान पर रहे थे।

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