नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट का एक कर्मचारी दिल्ली पहुंचने के बाद रहस्यमय तरीके से गायब हो गया है। वह 50 दिन से अधिक समय से लापता है, जिससे ओडिशा में उसका परिवार परेशान है।
अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया है। तीन-चार दिन के इंतजार के बाद उसके परिवार ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने विस्तारा एयरलाइंस से अपने दोस्त फहीम अहमद के साथ भारत के लिए उसके प्रस्थान की पुष्टि की।”
एनजीओ ग्लोबल ओडिया स्वयंसेवकों की सहायता के परिणामस्वरूप यूएई सरकार से पुष्टि हुई कि स्वैन ने 18 अगस्त को अबू धाबी छोड़ दिया था और भारत रवाना हो गया था।
स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।
–आईएएनएस
एकेजे
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नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट का एक कर्मचारी दिल्ली पहुंचने के बाद रहस्यमय तरीके से गायब हो गया है। वह 50 दिन से अधिक समय से लापता है, जिससे ओडिशा में उसका परिवार परेशान है।
अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया है। तीन-चार दिन के इंतजार के बाद उसके परिवार ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने विस्तारा एयरलाइंस से अपने दोस्त फहीम अहमद के साथ भारत के लिए उसके प्रस्थान की पुष्टि की।”
एनजीओ ग्लोबल ओडिया स्वयंसेवकों की सहायता के परिणामस्वरूप यूएई सरकार से पुष्टि हुई कि स्वैन ने 18 अगस्त को अबू धाबी छोड़ दिया था और भारत रवाना हो गया था।
स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।
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अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया है। तीन-चार दिन के इंतजार के बाद उसके परिवार ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने विस्तारा एयरलाइंस से अपने दोस्त फहीम अहमद के साथ भारत के लिए उसके प्रस्थान की पुष्टि की।”
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स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।
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अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया है। तीन-चार दिन के इंतजार के बाद उसके परिवार ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने विस्तारा एयरलाइंस से अपने दोस्त फहीम अहमद के साथ भारत के लिए उसके प्रस्थान की पुष्टि की।”
एनजीओ ग्लोबल ओडिया स्वयंसेवकों की सहायता के परिणामस्वरूप यूएई सरकार से पुष्टि हुई कि स्वैन ने 18 अगस्त को अबू धाबी छोड़ दिया था और भारत रवाना हो गया था।
स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।
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अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया है। तीन-चार दिन के इंतजार के बाद उसके परिवार ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने विस्तारा एयरलाइंस से अपने दोस्त फहीम अहमद के साथ भारत के लिए उसके प्रस्थान की पुष्टि की।”
एनजीओ ग्लोबल ओडिया स्वयंसेवकों की सहायता के परिणामस्वरूप यूएई सरकार से पुष्टि हुई कि स्वैन ने 18 अगस्त को अबू धाबी छोड़ दिया था और भारत रवाना हो गया था।
स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।
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अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया है। तीन-चार दिन के इंतजार के बाद उसके परिवार ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने विस्तारा एयरलाइंस से अपने दोस्त फहीम अहमद के साथ भारत के लिए उसके प्रस्थान की पुष्टि की।”
एनजीओ ग्लोबल ओडिया स्वयंसेवकों की सहायता के परिणामस्वरूप यूएई सरकार से पुष्टि हुई कि स्वैन ने 18 अगस्त को अबू धाबी छोड़ दिया था और भारत रवाना हो गया था।
स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।
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अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया है। तीन-चार दिन के इंतजार के बाद उसके परिवार ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने विस्तारा एयरलाइंस से अपने दोस्त फहीम अहमद के साथ भारत के लिए उसके प्रस्थान की पुष्टि की।”
एनजीओ ग्लोबल ओडिया स्वयंसेवकों की सहायता के परिणामस्वरूप यूएई सरकार से पुष्टि हुई कि स्वैन ने 18 अगस्त को अबू धाबी छोड़ दिया था और भारत रवाना हो गया था।
स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।
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अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया है। तीन-चार दिन के इंतजार के बाद उसके परिवार ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने विस्तारा एयरलाइंस से अपने दोस्त फहीम अहमद के साथ भारत के लिए उसके प्रस्थान की पुष्टि की।”
एनजीओ ग्लोबल ओडिया स्वयंसेवकों की सहायता के परिणामस्वरूप यूएई सरकार से पुष्टि हुई कि स्वैन ने 18 अगस्त को अबू धाबी छोड़ दिया था और भारत रवाना हो गया था।
स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।
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अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया है। तीन-चार दिन के इंतजार के बाद उसके परिवार ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने विस्तारा एयरलाइंस से अपने दोस्त फहीम अहमद के साथ भारत के लिए उसके प्रस्थान की पुष्टि की।”
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स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।
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अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
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स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।
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नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट का एक कर्मचारी दिल्ली पहुंचने के बाद रहस्यमय तरीके से गायब हो गया है। वह 50 दिन से अधिक समय से लापता है, जिससे ओडिशा में उसका परिवार परेशान है।
अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया है। तीन-चार दिन के इंतजार के बाद उसके परिवार ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने विस्तारा एयरलाइंस से अपने दोस्त फहीम अहमद के साथ भारत के लिए उसके प्रस्थान की पुष्टि की।”
एनजीओ ग्लोबल ओडिया स्वयंसेवकों की सहायता के परिणामस्वरूप यूएई सरकार से पुष्टि हुई कि स्वैन ने 18 अगस्त को अबू धाबी छोड़ दिया था और भारत रवाना हो गया था।
स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।
–आईएएनएस
एकेजे
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नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट का एक कर्मचारी दिल्ली पहुंचने के बाद रहस्यमय तरीके से गायब हो गया है। वह 50 दिन से अधिक समय से लापता है, जिससे ओडिशा में उसका परिवार परेशान है।
अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया है। तीन-चार दिन के इंतजार के बाद उसके परिवार ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने विस्तारा एयरलाइंस से अपने दोस्त फहीम अहमद के साथ भारत के लिए उसके प्रस्थान की पुष्टि की।”
एनजीओ ग्लोबल ओडिया स्वयंसेवकों की सहायता के परिणामस्वरूप यूएई सरकार से पुष्टि हुई कि स्वैन ने 18 अगस्त को अबू धाबी छोड़ दिया था और भारत रवाना हो गया था।
स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट का एक कर्मचारी दिल्ली पहुंचने के बाद रहस्यमय तरीके से गायब हो गया है। वह 50 दिन से अधिक समय से लापता है, जिससे ओडिशा में उसका परिवार परेशान है।
अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया है। तीन-चार दिन के इंतजार के बाद उसके परिवार ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने विस्तारा एयरलाइंस से अपने दोस्त फहीम अहमद के साथ भारत के लिए उसके प्रस्थान की पुष्टि की।”
एनजीओ ग्लोबल ओडिया स्वयंसेवकों की सहायता के परिणामस्वरूप यूएई सरकार से पुष्टि हुई कि स्वैन ने 18 अगस्त को अबू धाबी छोड़ दिया था और भारत रवाना हो गया था।
स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट का एक कर्मचारी दिल्ली पहुंचने के बाद रहस्यमय तरीके से गायब हो गया है। वह 50 दिन से अधिक समय से लापता है, जिससे ओडिशा में उसका परिवार परेशान है।
अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया है। तीन-चार दिन के इंतजार के बाद उसके परिवार ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने विस्तारा एयरलाइंस से अपने दोस्त फहीम अहमद के साथ भारत के लिए उसके प्रस्थान की पुष्टि की।”
एनजीओ ग्लोबल ओडिया स्वयंसेवकों की सहायता के परिणामस्वरूप यूएई सरकार से पुष्टि हुई कि स्वैन ने 18 अगस्त को अबू धाबी छोड़ दिया था और भारत रवाना हो गया था।
स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।
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नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट का एक कर्मचारी दिल्ली पहुंचने के बाद रहस्यमय तरीके से गायब हो गया है। वह 50 दिन से अधिक समय से लापता है, जिससे ओडिशा में उसका परिवार परेशान है।
अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया है। तीन-चार दिन के इंतजार के बाद उसके परिवार ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने विस्तारा एयरलाइंस से अपने दोस्त फहीम अहमद के साथ भारत के लिए उसके प्रस्थान की पुष्टि की।”
एनजीओ ग्लोबल ओडिया स्वयंसेवकों की सहायता के परिणामस्वरूप यूएई सरकार से पुष्टि हुई कि स्वैन ने 18 अगस्त को अबू धाबी छोड़ दिया था और भारत रवाना हो गया था।
स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट का एक कर्मचारी दिल्ली पहुंचने के बाद रहस्यमय तरीके से गायब हो गया है। वह 50 दिन से अधिक समय से लापता है, जिससे ओडिशा में उसका परिवार परेशान है।
अबू धाबी से मुंबई होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसके अपहरण का आरोप सामने आया है।
आईएएनएस को मिली प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, ओडिशा के खुर्दा जिले के रहने वाले 30 वर्षीय रंजन स्वैन पिछले तीन साल से अबू धाबी में एमिरेट्स इंटरनेशनल फैसिलिटीज मैनेजमेंट में कार्यरत थे।
उनका 18 अगस्त को भारत लौटने का कार्यक्रम था। उन्होंने आखिरी बार अपनी टिकट की जानकारी साझा करते हुए अपनी बहन से बात की थी।
प्राथमिकी के अनुसार, “हालांकि, उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया है। तीन-चार दिन के इंतजार के बाद उसके परिवार ने कंपनी प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने विस्तारा एयरलाइंस से अपने दोस्त फहीम अहमद के साथ भारत के लिए उसके प्रस्थान की पुष्टि की।”
एनजीओ ग्लोबल ओडिया स्वयंसेवकों की सहायता के परिणामस्वरूप यूएई सरकार से पुष्टि हुई कि स्वैन ने 18 अगस्त को अबू धाबी छोड़ दिया था और भारत रवाना हो गया था।
स्वैन परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसके लापता होने के बाद से परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
प्राथमिकी में कहा गया है, “उसे लापता हुए 50 दिन से अधिक हो गए हैं। उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। एनजीओ और परिवार ने विभिन्न व्यक्तियों से संपर्क किया है और पता चला है कि कुछ लोग उसकी जान को खतरा बताते हुए फिरौती की मांग कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उसके आसपास अपहरण का संदेह पैदा हुआ है।”
परिवार के सदस्यों ने खुलासा किया कि स्वैन शुरू में तीन साल पहले एक भर्ती कंपनी के माध्यम से अबू धाबी गया था। उसने विदेश जाने के लिए कर्ज लिया था।
परिवार के सदस्यों ने कहा, “कुछ दिनों के बाद, जब हम रंजन का पता नहीं लगा पाए, तो हमने ओडिशा में शिकायत दर्ज कराई और मामले की जांच के लिए ओडिशा पुलिस को दिल्ली आने के लिए कहा। ओडिशा पुलिस ने दौरा किया था और आईजीआई हवाईअड्डा पुलिस की मदद से कुछ सुराग पाए, लेकिन वे ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उनकी सलाह पर 15 अक्टूबर को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आईजीआई हवाईअड्डा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच चल रही है।