बेंगलुरु, 14 फरवरी (आईएएनएस)। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और जनरल एटॉमिक्स एरोनॉटिकल सिस्टम्स इनकॉपोर्रेटेड (जीए-एएसआई) ने संयुक्त रूप से घोषणा की है कि टर्बो-प्रोपेलर इंजन जो अत्याधुनिक एमक्यू-9बी गार्जियन हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (एचएएलई) रिमोटली पाइलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) को शक्ति प्रदान करते हैं, उनको भारतीय बाजार के लिए बेंगलुरु में एचएएल इंजन डिवीजन द्वारा समर्थित किया जाएगा।
एचएएल पिछले 40 वर्षों से टीपीई 331-5 इंजनों के लिए एमआरओ का निर्माण और समर्थन प्रदान कर रहा है। हम एचटीटी-40 परियोजना के लिए टीपीई 331-12बी इंजनों के निर्माण के लिए सुविधाएं भी स्थापित कर रहे हैं। एमक्यू-9बी आरपीएएस में इस्तेमाल किया गया इंजन आरपीएएस तकनीक के अनुकूल होने के लिए उन्नत कॉन्फिगरेशन वाले इंजनों के एक ही परिवार से संबंधित है।
एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सी.बी. अनंतकृष्णन ने कहा, मुझे खुशी है कि एचएएल इंजन डिवीजन, बेंगलुरु एमक्यू-9बी आरपीएएस के लिए इंजन को एमआरओ समर्थन प्रदान करेगा, जो दुनिया के सबसे परिष्कृत उपकरणों में से एक है। जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉर्पोरेशन के मुख्य कार्यकारी डॉ विवेक लाल ने कहा, जीए-एएसआई को इस प्रतिष्ठित परियोजना पर एचएएल के साथ सहयोग करने पर गर्व है। एचएएल भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की अग्रणी एयरोस्पेस और रक्षा एजेंसी है, और एयरो-इंजन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इसका विशाल अनुभव इसे भारत में हमारा स्वाभाविक भागीदार बनाता है।
हालांकि एमक्यू-9बी एचएएलई आरपीएएस में लगा टर्बोप्रॉप इंजन अपनी श्रेणी के अन्य वाणिज्यिक इंजनों के समान दिखता है, लेकिन यह अपने विन्यास और संचालन में अद्वितीय है, जिसके रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल के लिए विशेष प्रशिक्षण और उपकरणों की आवश्यकता होती है।
जीए-एएसआई और एचएएल आगामी हेल आरपीएएस परियोजनाओं के लिए एक व्यापक इंजन एमआरओ कार्यक्रम तैयार करने के लिए उत्सुक हैं। यह संयुक्त सहयोग अमेरिका और भारतीय एयरोस्पेस कंपनियों के बीच गहरे औद्योगिक संबंध को रेखांकित करते हुए भारत के आत्मनिर्भरता के आह्वान को प्रतिध्वनित करता है।
–आईएएनएस
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