नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को आरोपी शंकर मिश्रा द्वारा दायर जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिस पर पिछले साल नवंबर में न्यूयॉर्क-नई दिल्ली फ्लाइट में नशे की हालत में एक बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने का आरोप है।
पटियाला हाउस कोर्ट की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोमल गर्ग ने दोनों पक्षों की दलीलों के बाद याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
मिश्रा की ओर से पेश वकील मनु शर्मा ने अदालत के समक्ष कहा कि दिल्ली पुलिस ने केवल एक गैर-जमानती अपराध में एफआईआर दर्ज की है, जबकि अन्य जमानती अपराध हैं।
लोक अभियोजक ने अभियुक्त के जमानत के अनुरोध का इस आधार पर विरोध किया कि अभियुक्त एक शक्तिशाली व्यक्ति है और यदि उसे जमानत दी जाती है, तो वह शिकायतकर्ता को प्रभावित कर सकता है।
लोक अभियोजक ने कहा कि पुलिस ने पुलिस रिमांड से इनकार के खिलाफ एक पुनरीक्षण याचिका दायर की है और वह गुरुवार के लिए सूचीबद्ध है। क्रू मेंबर्स के तीन सदस्यों और दो-तीन यात्रियों के बयान दर्ज किए जाने बाकी हैं।
शिकायतकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि नशे को एक बहाने के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, यह कहते हुए कि अदालत को यह जांचना है कि क्या एक ऐसे अपराधी को जमानत दी जा सकती है, जिसने पहले माफी मांगी लेकिन बाद में मुकर गया।
बता दें, अदालत ने 7 जनवरी को मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
मिश्रा पर भारतीय दंड संहिता की धारा 510, 509, 294 और 354 के साथ-साथ विमान नियम अधिनियम की एक धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है।
–आईएएनएस
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