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Home ताज़ा समाचार

एयर इंडिया के 3 कर्मचारी कथित मानव तस्करी के आरोप में दिल्ली हवाईअड्डे पर गिरफ्तार

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December 29, 2023
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

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सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

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हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।

सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, “बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।”

प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।”

“संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।”

सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।”

बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।

बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।

एफआईआर में कहा गया है, “यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।”

एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

–आईएएनएस

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