नई दिल्ली, 26 जनवरी (आईएएनएस)। पिछले साल नवंबर में न्यूयॉर्क-दिल्ली एयर इंडिया के एक विमान में नशे की हालत में एक बुजुर्ग महिला सह-यात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा ने जमानत के लिए बुधवार को दिल्ली की एक अदालत का दरवाजा खटखटाया।
मिश्रा इस समय न्यायिक हिरासत में है। उसने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, पटियाला हाउस कोर्ट, कोमल गर्ग के आदेश के खिलाफ एक अपील दायर की थी। कोर्ट ने उसकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि आरोपी द्वारा शिकायतकर्ता पर पेशाब करने का कथित कार्य पूरी तरह से घृणित और प्रतिकारक है और यह अधिनियम ही एक महिला की मर्यादा को ठेस पहुंचाने के लिए काफी है।
अदालत ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 27 जनवरी की तारीख तय की।
पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 जनवरी को मिश्रा की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी थी।
हाल के एक विकास में एयर इंडिया ने कहा कि चालक दल ने कई कारणों से मामले को गैर-रिपोर्ट योग्य इन-फ्लाइट घटना के रूप में दर्ज करने के लिए एक निर्णय कॉल किया।
एयरलाइन ने कहा कि कथित अपराधी शांत, सहयोगी और आरोप (सह-यात्री पर पेशाब करने) से अनभिज्ञ था। उसने उड़ान सुरक्षा के लिए कोई जोखिम नहीं उठाया।
इससे पहले, आंतरिक समिति की रिपोर्ट के आधार पर मिश्रा को चार महीने के लिए उड़ान भरने से प्रतिबंधित करने के एयर इंडिया के फैसले के मद्देनजर उनके कानूनी सलाहकार ने समिति के निष्कर्षो का विरोध किया था और कहा था कि वे अपील दायर करने के लिए तैयार हैं।
मिश्रा के वकीलों ने कहा था, हम आंतरिक जांच समिति के अधिकार और जनादेश का सम्मान करते हैं, लेकिन हम उनके निष्कर्षो से असहमत हैं और पहले से ही नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं के अनियंत्रित यात्रियों के अनुसार इस फैसले पर अपील करने की प्रक्रिया में हैं।
विमानन नियामक डीजीसीए ने एयर इंडिया पर पेशाब करने के मामले में एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था और पायलट-इन-कमांड का लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया था।
इसके अलावा, नियामक ने 26 नवंबर, 2022 को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने के लिए एयर इंडिया की इनफ्लाइट सेवाओं के निदेशक पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
मामले में उपरोक्त घटनाक्रम एयरलाइन द्वारा आंतरिक समिति की एक रिपोर्ट के आधार पर कथित आरोपी मिश्रा पर चार महीने के लिए प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद आया है।
मिश्रा द्वारा दावा किए जाने के बाद कि शिकायतकर्ता ने अपनी ही सीट को गंदा कर दिया था। बाद में शिकायतकर्ता ने यह कहते हुए आरोप को खारिज कर दिया था कि यह पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत था।
13 जनवरी को मिश्रा ने अदालत को बताया कि वह आरोपी नहीं है। कोई और होगा, जिसने पेशाब किया होगा।
उसने आगे दावा किया कि महिला प्रोस्टेट से संबंधित किसी बीमारी से पीड़ित थी। हो सकता है, वह अपना पेशाब रोक नहीं पाई हो।
–आईएएनएस
एसजीके