नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, राष्ट्रीय राजधानी में निर्वाचित सरकार के जनादेश को रौंदना जारी रखे हुए हैं।
आप नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि एलजी ने अवैध और असंवैधानिक रूप से हज समिति का गठन किया और इसके अध्यक्ष पद के लिए चुनाव भी कराया।
इस मामले में कानूनी प्रावधानों के बारे में बताते हुए आतिशी ने कहा कि हज कमेटी दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अंतर्गत आती है और इसलिए यह स्कूल, अस्पताल, बिजली और पानी जैसे विषयों की तरह ही स्थानांतरित विषय की सूची में आती है।
आतिशी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, भारत के संविधान और संविधान पीठ के आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एलजी के पास स्थानांतरित विषय पर कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार हज समिति का गठन करती है, जैसा कि हज समिति अधिनियम, 2002 की धारा 17 में दिखाया गया है। समिति के गठन के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में कोई विवाद नहीं है, जैसा कि संवैधानिक सिद्धांतों, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के साथ-साथ हज समिति अधिनियम, स्पष्ट रूप से राज्य की निर्वाचित सरकार, यानी मंत्रिपरिषद को यह शक्ति प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एलजी को हज समिति के सदस्यों के रूप में चुने जाने वाले सदस्यों की एक सूची भेजी थी, लेकिन उन्होंने सूची में बदलाव किया और आप सरकार को सूचित किए बिना समिति का गठन किया।
आतिशी ने कहा, उसके बाद एलजी ने अधिकारियों को धमकी देकर हज कमेटी को अधिसूचित कर दिया और उन्हें चेतावनी दी कि अगर उन्होंने हज कमेटी को सूचित नहीं किया तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा एलजी ने हज कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का भी आदेश दिया। ये तीन चीजें अवैध हैं – समिति का गठन, इसे अधिसूचित करने का आदेश और समिति के अध्यक्ष का चुनाव।
–आईएएनएस
एसजीके/एएनएम
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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, राष्ट्रीय राजधानी में निर्वाचित सरकार के जनादेश को रौंदना जारी रखे हुए हैं।
आप नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि एलजी ने अवैध और असंवैधानिक रूप से हज समिति का गठन किया और इसके अध्यक्ष पद के लिए चुनाव भी कराया।
इस मामले में कानूनी प्रावधानों के बारे में बताते हुए आतिशी ने कहा कि हज कमेटी दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अंतर्गत आती है और इसलिए यह स्कूल, अस्पताल, बिजली और पानी जैसे विषयों की तरह ही स्थानांतरित विषय की सूची में आती है।
आतिशी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, भारत के संविधान और संविधान पीठ के आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एलजी के पास स्थानांतरित विषय पर कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार हज समिति का गठन करती है, जैसा कि हज समिति अधिनियम, 2002 की धारा 17 में दिखाया गया है। समिति के गठन के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में कोई विवाद नहीं है, जैसा कि संवैधानिक सिद्धांतों, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के साथ-साथ हज समिति अधिनियम, स्पष्ट रूप से राज्य की निर्वाचित सरकार, यानी मंत्रिपरिषद को यह शक्ति प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एलजी को हज समिति के सदस्यों के रूप में चुने जाने वाले सदस्यों की एक सूची भेजी थी, लेकिन उन्होंने सूची में बदलाव किया और आप सरकार को सूचित किए बिना समिति का गठन किया।
आतिशी ने कहा, उसके बाद एलजी ने अधिकारियों को धमकी देकर हज कमेटी को अधिसूचित कर दिया और उन्हें चेतावनी दी कि अगर उन्होंने हज कमेटी को सूचित नहीं किया तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा एलजी ने हज कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का भी आदेश दिया। ये तीन चीजें अवैध हैं – समिति का गठन, इसे अधिसूचित करने का आदेश और समिति के अध्यक्ष का चुनाव।
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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, राष्ट्रीय राजधानी में निर्वाचित सरकार के जनादेश को रौंदना जारी रखे हुए हैं।
आप नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि एलजी ने अवैध और असंवैधानिक रूप से हज समिति का गठन किया और इसके अध्यक्ष पद के लिए चुनाव भी कराया।
इस मामले में कानूनी प्रावधानों के बारे में बताते हुए आतिशी ने कहा कि हज कमेटी दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अंतर्गत आती है और इसलिए यह स्कूल, अस्पताल, बिजली और पानी जैसे विषयों की तरह ही स्थानांतरित विषय की सूची में आती है।
आतिशी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, भारत के संविधान और संविधान पीठ के आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एलजी के पास स्थानांतरित विषय पर कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार हज समिति का गठन करती है, जैसा कि हज समिति अधिनियम, 2002 की धारा 17 में दिखाया गया है। समिति के गठन के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में कोई विवाद नहीं है, जैसा कि संवैधानिक सिद्धांतों, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के साथ-साथ हज समिति अधिनियम, स्पष्ट रूप से राज्य की निर्वाचित सरकार, यानी मंत्रिपरिषद को यह शक्ति प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एलजी को हज समिति के सदस्यों के रूप में चुने जाने वाले सदस्यों की एक सूची भेजी थी, लेकिन उन्होंने सूची में बदलाव किया और आप सरकार को सूचित किए बिना समिति का गठन किया।
आतिशी ने कहा, उसके बाद एलजी ने अधिकारियों को धमकी देकर हज कमेटी को अधिसूचित कर दिया और उन्हें चेतावनी दी कि अगर उन्होंने हज कमेटी को सूचित नहीं किया तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा एलजी ने हज कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का भी आदेश दिया। ये तीन चीजें अवैध हैं – समिति का गठन, इसे अधिसूचित करने का आदेश और समिति के अध्यक्ष का चुनाव।
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इस मामले में कानूनी प्रावधानों के बारे में बताते हुए आतिशी ने कहा कि हज कमेटी दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अंतर्गत आती है और इसलिए यह स्कूल, अस्पताल, बिजली और पानी जैसे विषयों की तरह ही स्थानांतरित विषय की सूची में आती है।
आतिशी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, भारत के संविधान और संविधान पीठ के आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एलजी के पास स्थानांतरित विषय पर कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार हज समिति का गठन करती है, जैसा कि हज समिति अधिनियम, 2002 की धारा 17 में दिखाया गया है। समिति के गठन के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में कोई विवाद नहीं है, जैसा कि संवैधानिक सिद्धांतों, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के साथ-साथ हज समिति अधिनियम, स्पष्ट रूप से राज्य की निर्वाचित सरकार, यानी मंत्रिपरिषद को यह शक्ति प्रदान करता है।
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आतिशी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, भारत के संविधान और संविधान पीठ के आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एलजी के पास स्थानांतरित विषय पर कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है।
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आतिशी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, भारत के संविधान और संविधान पीठ के आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एलजी के पास स्थानांतरित विषय पर कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार हज समिति का गठन करती है, जैसा कि हज समिति अधिनियम, 2002 की धारा 17 में दिखाया गया है। समिति के गठन के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में कोई विवाद नहीं है, जैसा कि संवैधानिक सिद्धांतों, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के साथ-साथ हज समिति अधिनियम, स्पष्ट रूप से राज्य की निर्वाचित सरकार, यानी मंत्रिपरिषद को यह शक्ति प्रदान करता है।
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उन्होंने कहा, राज्य सरकार हज समिति का गठन करती है, जैसा कि हज समिति अधिनियम, 2002 की धारा 17 में दिखाया गया है। समिति के गठन के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में कोई विवाद नहीं है, जैसा कि संवैधानिक सिद्धांतों, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के साथ-साथ हज समिति अधिनियम, स्पष्ट रूप से राज्य की निर्वाचित सरकार, यानी मंत्रिपरिषद को यह शक्ति प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एलजी को हज समिति के सदस्यों के रूप में चुने जाने वाले सदस्यों की एक सूची भेजी थी, लेकिन उन्होंने सूची में बदलाव किया और आप सरकार को सूचित किए बिना समिति का गठन किया।
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आतिशी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, भारत के संविधान और संविधान पीठ के आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एलजी के पास स्थानांतरित विषय पर कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार हज समिति का गठन करती है, जैसा कि हज समिति अधिनियम, 2002 की धारा 17 में दिखाया गया है। समिति के गठन के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में कोई विवाद नहीं है, जैसा कि संवैधानिक सिद्धांतों, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के साथ-साथ हज समिति अधिनियम, स्पष्ट रूप से राज्य की निर्वाचित सरकार, यानी मंत्रिपरिषद को यह शक्ति प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एलजी को हज समिति के सदस्यों के रूप में चुने जाने वाले सदस्यों की एक सूची भेजी थी, लेकिन उन्होंने सूची में बदलाव किया और आप सरकार को सूचित किए बिना समिति का गठन किया।
आतिशी ने कहा, उसके बाद एलजी ने अधिकारियों को धमकी देकर हज कमेटी को अधिसूचित कर दिया और उन्हें चेतावनी दी कि अगर उन्होंने हज कमेटी को सूचित नहीं किया तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा एलजी ने हज कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का भी आदेश दिया। ये तीन चीजें अवैध हैं – समिति का गठन, इसे अधिसूचित करने का आदेश और समिति के अध्यक्ष का चुनाव।
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इस मामले में कानूनी प्रावधानों के बारे में बताते हुए आतिशी ने कहा कि हज कमेटी दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अंतर्गत आती है और इसलिए यह स्कूल, अस्पताल, बिजली और पानी जैसे विषयों की तरह ही स्थानांतरित विषय की सूची में आती है।
आतिशी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, भारत के संविधान और संविधान पीठ के आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एलजी के पास स्थानांतरित विषय पर कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार हज समिति का गठन करती है, जैसा कि हज समिति अधिनियम, 2002 की धारा 17 में दिखाया गया है। समिति के गठन के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में कोई विवाद नहीं है, जैसा कि संवैधानिक सिद्धांतों, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के साथ-साथ हज समिति अधिनियम, स्पष्ट रूप से राज्य की निर्वाचित सरकार, यानी मंत्रिपरिषद को यह शक्ति प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एलजी को हज समिति के सदस्यों के रूप में चुने जाने वाले सदस्यों की एक सूची भेजी थी, लेकिन उन्होंने सूची में बदलाव किया और आप सरकार को सूचित किए बिना समिति का गठन किया।
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इस मामले में कानूनी प्रावधानों के बारे में बताते हुए आतिशी ने कहा कि हज कमेटी दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अंतर्गत आती है और इसलिए यह स्कूल, अस्पताल, बिजली और पानी जैसे विषयों की तरह ही स्थानांतरित विषय की सूची में आती है।
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उन्होंने कहा, राज्य सरकार हज समिति का गठन करती है, जैसा कि हज समिति अधिनियम, 2002 की धारा 17 में दिखाया गया है। समिति के गठन के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में कोई विवाद नहीं है, जैसा कि संवैधानिक सिद्धांतों, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के साथ-साथ हज समिति अधिनियम, स्पष्ट रूप से राज्य की निर्वाचित सरकार, यानी मंत्रिपरिषद को यह शक्ति प्रदान करता है।
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इस मामले में कानूनी प्रावधानों के बारे में बताते हुए आतिशी ने कहा कि हज कमेटी दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अंतर्गत आती है और इसलिए यह स्कूल, अस्पताल, बिजली और पानी जैसे विषयों की तरह ही स्थानांतरित विषय की सूची में आती है।
आतिशी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, भारत के संविधान और संविधान पीठ के आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एलजी के पास स्थानांतरित विषय पर कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार हज समिति का गठन करती है, जैसा कि हज समिति अधिनियम, 2002 की धारा 17 में दिखाया गया है। समिति के गठन के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में कोई विवाद नहीं है, जैसा कि संवैधानिक सिद्धांतों, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के साथ-साथ हज समिति अधिनियम, स्पष्ट रूप से राज्य की निर्वाचित सरकार, यानी मंत्रिपरिषद को यह शक्ति प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एलजी को हज समिति के सदस्यों के रूप में चुने जाने वाले सदस्यों की एक सूची भेजी थी, लेकिन उन्होंने सूची में बदलाव किया और आप सरकार को सूचित किए बिना समिति का गठन किया।
आतिशी ने कहा, उसके बाद एलजी ने अधिकारियों को धमकी देकर हज कमेटी को अधिसूचित कर दिया और उन्हें चेतावनी दी कि अगर उन्होंने हज कमेटी को सूचित नहीं किया तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा एलजी ने हज कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का भी आदेश दिया। ये तीन चीजें अवैध हैं – समिति का गठन, इसे अधिसूचित करने का आदेश और समिति के अध्यक्ष का चुनाव।
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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, राष्ट्रीय राजधानी में निर्वाचित सरकार के जनादेश को रौंदना जारी रखे हुए हैं।
आप नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि एलजी ने अवैध और असंवैधानिक रूप से हज समिति का गठन किया और इसके अध्यक्ष पद के लिए चुनाव भी कराया।
इस मामले में कानूनी प्रावधानों के बारे में बताते हुए आतिशी ने कहा कि हज कमेटी दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अंतर्गत आती है और इसलिए यह स्कूल, अस्पताल, बिजली और पानी जैसे विषयों की तरह ही स्थानांतरित विषय की सूची में आती है।
आतिशी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, भारत के संविधान और संविधान पीठ के आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एलजी के पास स्थानांतरित विषय पर कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार हज समिति का गठन करती है, जैसा कि हज समिति अधिनियम, 2002 की धारा 17 में दिखाया गया है। समिति के गठन के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में कोई विवाद नहीं है, जैसा कि संवैधानिक सिद्धांतों, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के साथ-साथ हज समिति अधिनियम, स्पष्ट रूप से राज्य की निर्वाचित सरकार, यानी मंत्रिपरिषद को यह शक्ति प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एलजी को हज समिति के सदस्यों के रूप में चुने जाने वाले सदस्यों की एक सूची भेजी थी, लेकिन उन्होंने सूची में बदलाव किया और आप सरकार को सूचित किए बिना समिति का गठन किया।
आतिशी ने कहा, उसके बाद एलजी ने अधिकारियों को धमकी देकर हज कमेटी को अधिसूचित कर दिया और उन्हें चेतावनी दी कि अगर उन्होंने हज कमेटी को सूचित नहीं किया तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा एलजी ने हज कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का भी आदेश दिया। ये तीन चीजें अवैध हैं – समिति का गठन, इसे अधिसूचित करने का आदेश और समिति के अध्यक्ष का चुनाव।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, राष्ट्रीय राजधानी में निर्वाचित सरकार के जनादेश को रौंदना जारी रखे हुए हैं।
आप नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि एलजी ने अवैध और असंवैधानिक रूप से हज समिति का गठन किया और इसके अध्यक्ष पद के लिए चुनाव भी कराया।
इस मामले में कानूनी प्रावधानों के बारे में बताते हुए आतिशी ने कहा कि हज कमेटी दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अंतर्गत आती है और इसलिए यह स्कूल, अस्पताल, बिजली और पानी जैसे विषयों की तरह ही स्थानांतरित विषय की सूची में आती है।
आतिशी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, भारत के संविधान और संविधान पीठ के आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एलजी के पास स्थानांतरित विषय पर कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार हज समिति का गठन करती है, जैसा कि हज समिति अधिनियम, 2002 की धारा 17 में दिखाया गया है। समिति के गठन के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में कोई विवाद नहीं है, जैसा कि संवैधानिक सिद्धांतों, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के साथ-साथ हज समिति अधिनियम, स्पष्ट रूप से राज्य की निर्वाचित सरकार, यानी मंत्रिपरिषद को यह शक्ति प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एलजी को हज समिति के सदस्यों के रूप में चुने जाने वाले सदस्यों की एक सूची भेजी थी, लेकिन उन्होंने सूची में बदलाव किया और आप सरकार को सूचित किए बिना समिति का गठन किया।
आतिशी ने कहा, उसके बाद एलजी ने अधिकारियों को धमकी देकर हज कमेटी को अधिसूचित कर दिया और उन्हें चेतावनी दी कि अगर उन्होंने हज कमेटी को सूचित नहीं किया तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा एलजी ने हज कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का भी आदेश दिया। ये तीन चीजें अवैध हैं – समिति का गठन, इसे अधिसूचित करने का आदेश और समिति के अध्यक्ष का चुनाव।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, राष्ट्रीय राजधानी में निर्वाचित सरकार के जनादेश को रौंदना जारी रखे हुए हैं।
आप नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि एलजी ने अवैध और असंवैधानिक रूप से हज समिति का गठन किया और इसके अध्यक्ष पद के लिए चुनाव भी कराया।
इस मामले में कानूनी प्रावधानों के बारे में बताते हुए आतिशी ने कहा कि हज कमेटी दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अंतर्गत आती है और इसलिए यह स्कूल, अस्पताल, बिजली और पानी जैसे विषयों की तरह ही स्थानांतरित विषय की सूची में आती है।
आतिशी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, भारत के संविधान और संविधान पीठ के आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एलजी के पास स्थानांतरित विषय पर कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है।
उन्होंने कहा, राज्य सरकार हज समिति का गठन करती है, जैसा कि हज समिति अधिनियम, 2002 की धारा 17 में दिखाया गया है। समिति के गठन के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में कोई विवाद नहीं है, जैसा कि संवैधानिक सिद्धांतों, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के साथ-साथ हज समिति अधिनियम, स्पष्ट रूप से राज्य की निर्वाचित सरकार, यानी मंत्रिपरिषद को यह शक्ति प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एलजी को हज समिति के सदस्यों के रूप में चुने जाने वाले सदस्यों की एक सूची भेजी थी, लेकिन उन्होंने सूची में बदलाव किया और आप सरकार को सूचित किए बिना समिति का गठन किया।
आतिशी ने कहा, उसके बाद एलजी ने अधिकारियों को धमकी देकर हज कमेटी को अधिसूचित कर दिया और उन्हें चेतावनी दी कि अगर उन्होंने हज कमेटी को सूचित नहीं किया तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा एलजी ने हज कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का भी आदेश दिया। ये तीन चीजें अवैध हैं – समिति का गठन, इसे अधिसूचित करने का आदेश और समिति के अध्यक्ष का चुनाव।