नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)। एलजी द्वारा निजी डिस्कॉम बोर्ड में नियुक्त आम आदमी पार्टी के दो नेताओं को हटाने पर आम आदमी पार्टी आग बबूला हो गई है। और एक बार फिर से आम आदमी पार्टी और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच घमासान जारी हो गया है। इस संबंध में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि डिफरेंस ऑफ ओपिनियन बताकर एलजी साहब दिल्ली सरकार के 4 साल पुराने फैसले को पलट रहे हैं। उपराज्यपाल महोदय को ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। अगर किसी मामले में डिफरेंस ऑफ ओपिनियन होती भी है तो उसकी भी एक प्रक्रिया होती है।
आगे मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी साहब सिर्फ तीन विषय पर निर्णय ले सकते हैं पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर इसके अलावा वह किसी विषय पर निर्णय नहीं ले सकते सिर्फ अपनी राय दे सकते हैं। इसके अलावा किसी भी विषय पर निर्णय लेने का अधिकार मंत्री के पास है, निर्णय लेने का अधिकार सरकार के पास है ,मंत्रिमंडल के पास है, मुख्यमंत्री के पास है।
मुख्यमंत्री कोई निर्णय लेंगे तो उस पर एलजी साहब अपनी सहमति असहमति दे सकते हैं लेकिन आप 4 साल पुराने किसी फैसले को उठाकर पलट नहीं सकते। दिल्ली देश की राजधानी है इस नाते आपको यह अधिकार दिया गया है कि आप मंत्रियों के किसी फैसले से असहमत हो सकते हैं। यह असहमति भी रेयरेस्ट कभी कभार होगी, और ऐसे मुद्दे पर हो सकती है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा आदि से जुड़ा हो ऐसा नहीं है कि आप मंत्रिमंडल के या सरकार के हर फैसले को पलट दोगे।
गौरतलब है कि दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा दिल्ली में बिजली वितरण कंपनी ( डिस्कॉम) के बोर्ड में नियुक्त किए गए आम आदमी पार्टी नेता जैस्मिन शाह और सांसद एनडी गुप्ता के बेटे नवीन गुप्ता को हटाकर उनकी जगह बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त किया गया है।
आम आदमी पार्टी ने डिस्कॉम के बोर्ड से जैस्मीन शाह और नवीन गुप्ता को हटाने के उपराज्यपाल के आदेश को अवैध और असंवैधानिक बताया है।
–आईएएनएस
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