कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”
–आईएएनएस
सीबीटी
कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”
–आईएएनएस
सीबीटी
ADVERTISEMENT
कोच्चि, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने मंगलवार को नैतिक लड़ाई जीत ली, जब केरल उच्च न्यायालय ने त्रिशूर के केरल वर्मा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया। केएसयू आरोप लगाया था कि मतगड़ना में गड़बड़ी हुई थी।
इस महीने की शुरुआत में, जब पहली बार वोटों की गिनती हुई, तो केएसयू उम्मीदवार दृष्टिबाधित छात्र- एस.श्रीकुट्टन को एक वोट के अंतर से निर्वाचित घोषित किया गया।
केएसयू उम्मीदवार को 896 वोट मिले और सीपीआई-एम की छात्र शाखा एसएफआई को 895 वोट मिले।
जब केएसयू चार दशकों में पहली बार कॉलेज यूनियन चुनाव जीतने के बाद विजय जुलूस निकाल रहा था, तभी खबर आई कि एसएफआई ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है।
थोड़ी देर बाद, वोटों की गिनती शुरू हुई और केएसयू ने आरोप लगाया कि जब गिनती चल रही थी, तो दो मौकों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई और चुनाव अधिकारियों ने 27 अवैध वोटों की गिनती के बाद, जिन्हें पहली बार अलग रखा गया था, एसएफआई उम्मीदवार को 11 वोटों से विजेता घोषित कर दिया।
इसके साथ, केएसयू ने कानूनी सहारा लेने का फैसला किया और श्रीकुट्टन ने चुनाव रद्द करने और एसएफआई अध्यक्ष की जीत पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को कोर्ट ने चुनाव रद्द करने की इजाजत तो नहीं दी, लेकिन वैध वोटों की दोबारा गिनती कराने का आदेश दिया।
श्रीकुट्टन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।
श्रीकुट्टन ने कहा, “हम सभी निर्देश से बहुत खुश हैं और अब हम मतगणना का इंतजार करेंगे।”